07 Feb ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद’ योजना
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रेलवे की व्यापक पहुंच और महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में कई उपायों की घोषणा की।
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रेल मंत्रालय के लिए बजट में 1,40,367.13 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इसके अलावा नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने और ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई हैं।
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रेलवे विभिन्न स्थानों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बजट में ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ योजना की घोषणा की गई है।
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यह उसी के समान होगा जब ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना शुरू की गई थी। इसके तहत देश भर के रेलवे स्टेशनों पर उस स्थान के विशिष्ट उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे। इससे यात्री जिस रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, वह वहां के विशेष उत्पाद के बारे में आसानी से जान सकेंगे।
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मसलन लखनऊ का चिकन सूट और मलीहाबादी आम बहुत मशहूर है, ऐसे में लखनऊ के चारबाग, लखनऊ जंक्शन, ऐशबाग जैसे बड़े स्टेशनों पर इन उत्पादों के स्टॉल लगाए जा सकते हैं|
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इससे यहां उत्पाद के प्रचार और रोजगार दोनों में अवसर आएंगे। ट्रेन इन उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने की सुविधा भी देगी।
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इस योजना की विस्तृत जानकारी पिंक बुक के आने के बाद ही मिलेगी. हालांकि, अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत रेलवे छोटे किसानों और उद्यमों के लिए कुशल रसद विकसित करेगा।
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प्रत्येक रेलवे स्टेशन को स्थानीय उत्पाद के प्रचार केंद्र के रूप में देखा जा सकता है। यह किसानों और कृषि-उद्यमों के लिए अधिक कुशल रसद विकसित करने में मदद करेगा और स्टेशनों से गुजरने वाले रेलवे यात्रियों को व्यापक दर्शकों के लिए अद्वितीय क्षेत्रीय उत्पादों की पेशकश करेगा।
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इसका उद्देश्य रेलवे का उपयोग करके स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करना है।
 
 			  
 			 
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