एसवाईएल नहर विवाद।

एसवाईएल नहर विवाद।

एसवाईएल नहर विवाद।

संदर्भ – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब राज्य से आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने हरियाणा समकक्ष मनोहर लाल खट्टर से इस महीने के भीतर सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करेंगे, जो दो दशकों से खराब है।

सतलज यमुना नहर विवाद- 

  • पंजाब , हरियाणा राज्य विभाजन के समय 1966 से ही जल विवाद प्रारंभ हो गया था।
  • राज्य बंटवारे के 10 वर्ष बाद  सतलज यमुना नहर बनाने की बात प्रारंभ हो गई थी। 24 मार्च 1976 को केंद्र सरकार ने 7.2 MAF(मिलियन एकड़ फीट) से 3.5 MAF हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद पंजाब के किसान असंतुष्ट हो गए।
  • 1981 में पुनः समझौता हुआ।
  • 8 अप्रैल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 214 किमी लम्बी नहर जो 122 किमी. पंजाब व 92किमी. हरियाणा के क्षेत्र में है का उद्घाटन किया। लेकिन किसानों के आंदोलनों से नहर का काम रोक दिया गया।
  • 1987 में पंजाब और हरियाणा 5 MAF और 3.83 MAF की वृद्धि के साथ जल आबंटित करने की सिफारिश की गई।
  • 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से राज्य में नहर का निर्माण 31 जनवरी 2003 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
  • 2004 में CPWD को परियोजना कार्य को संभालने के लिए नियुक्त किया था।
  • 2016 में पंजाब सरकार के सभी समझौतों को समाप्त करने के विधेयक(पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट, 2004) को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। और हरियाणा सरकार ने अपने क्षेत्र के कार्य में तेजी की।
  • 2020 में न्यायालय ने केंद्र सरकार की मध्यस्थता के साथ दोनों राज्यों को आपस में SYLमामले को सुलझाने के निर्देश दिए हैं।

पंजाब में नदी तंत्रपंजाब ऐसा राज्य है जहाँ पर पाँच नदियाँ मुख्य रूप से बहती हैं जो कि है झेलम, चेनाब, रावी, व्यास और सतलज और इन्ही पाँच प्रमुख नदियों के बहने के कारण ही इसे पंजाब कहते हैं| 

    • झेलम- इस नदी की कुल लंबाई 725 किलोमीटर और इसका उद्गम स्थल शेषनाग (जम्मू कश्मीर) में है|झेलम का वास्तविक नाम वितस्ता है|यह नदी पाकिस्तान चिनाब नदी में मिलती है|
    • चिनाब- इस नदी की कुल लंबाई 960 किलोमीटर है| इस नदी का उद्गम स्थल बारालाचा दर्रा है| भुट नाला, मियार नाला, थिरोट, सोहल, मारुसुदर और लिद्रारी नदी आदि चेनाब की प्रमुख सहायक नदियाँ है| बगलीहार हाईडल पॉवर प्रोजेक्ट इसी नदी पर बना है|
    • व्यासइस नदी की कुल लंबाई 470 किलोमीटर है| इस नदी का उद्गम स्थल व्यास कुंड (हिमाचल प्रदेश) है| व्यास नदी का पुराना नाम विपाशा था| गज, पार्वती, चक्की नदी आदि व्यास की प्रमुख सहायक नदियाँ है| यह नदी आगे चलकर सतलज नदी में मिल जाती है|
    • सतलजइस नदी की कुल लंबाई 1500 किलोमीटर है| भारत मे इस नदी की लंबाई 1050 किलोमीटर है। इस नदी का उद्गम स्थल मानसरोवर झील के पास रक्षताल में है|ऋग्वेद में नदी को शुतुद्रि नाम से सम्बोधित किया गया है। व्यास नदी, बासपा नदी, स्पीति नदी, खड्ड नदी ,स्वां नदी आदि सतलज की प्रमुख सहायक नदियाँ है|
    • रावी इस नदी की कुल लंबाई 720 किलोमीटर है| इस नदी का उद्गम स्थल रोहतांग दर्रा (हिमाचल प्रदेश) है| यह नदी आगे चलकर चेनाब नदी में मिल जाती है।

पंजाब सरकार के तर्क- पंजाब राज्य 79% हिस्सा कृषि क्षेत्र है जो सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता को पहले ही बढ़ा देता है।  पंजाब के अनुसार राज्य के बंटवारे के समय राज्य के संसाधनों के बँटवारा 60-40 के अनुपात के साथ हुआ है। तो यमुना के जल का भी इसी अनुपात के साथ बंटवारा हो।

हरियाणा सरकार का तर्क- हरियाणा में भूजल के अत्यधिक दोहन व धान व गेहूँ के फसल चक्र के कारण भूजल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। 1976 से 2010 तक कई जगहों पर पानी का स्तर 15-25 मीटर नीचे तक गिर चुका हैं। 

वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब व हरियाणा सरकार को जल विवाद को सुलझाने के सख्त निर्देश दिए हैं।

Yojna IAS Daily current affairs hindi med 7th September

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