कोहरा : कारक व प्रभाव

कोहरा : कारक व प्रभाव

कोहरा : कारक व प्रभाव

संदर्भ- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों सहित उत्तर पश्चिमी भारत में कोहरा छाने लगा है, प्रति वर्ष सर्दियों में धूम कोहरा यहां की एक समस्या है।

आईएमडी के अनुसार दिल्ली में कोहरे की स्थिति काफी परिवर्तनशील होती है। जैसे 2021 में दिसंबर में कोई कोहरा वाला दिन नहीं था जबकि पिछले 31 वर्ष में दिसंबर माह में औसतन 25.3 घण्टे का घना कोहरा रहा है।   

कोहरा कैसे बनता है- 

रात्रि में भूमि की सतह के ठण्डे होने से सतह के निकट की वायु भी ठण्डी हो सकती है। गर्मियों में हवा का तापमान सतह के तापमान से अधिक होता है अतः वह सतह की नमी को वहन कर लेती है। चूँकि सर्दियों में वायु का तापमान ओसांक से कम होता है जो सतह की नमी को वहन नहीं कर सकती और संघनित (गैस से द्रव बनने की क्रिया) होकर जलवाष्प, कोहरे के रूप में परिवर्तित हो जाती है। 

कोहरे की सघनता- कोहरे की सघनता उस परिदृश्य को कहा जाता है जब 200 मीटर की दूरी से अधिक परिदृश्यता न देखा जा सके। अत्यधिक सघन या घना कोहरा 50 मीटर के दृश्य की अस्पष्टता को कहा जाता है।

कोहरे को प्रभावित करने वाले कारक

  • शरद ऋतु में पृथ्वी का तापमान अन्य समय से कम होता है, तापमान में कमी, कोहरे की सघनता के अनुक्रमानुपाती होता है, अतः तापमान में कमी के कारण कोहरे की सघनता बढ़ जाती है।
  • कोहरे की सघनता, जलवाष्प की मात्रा पर निर्भर करती है। जैसे जलाशयों के पास जलवाष्प अधिक होने से उन इलाकों में कोहरे की सघनता अधिक हो जाती है। आईएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार सिंधुगंगा के स्थान कोहरे के प्रति अंत्यंत संवेदनशील हैं।
  • पश्चिमी विक्षोभ- भूमध्य सागर में आने वाले विक्षोभ या तूफान के कारण उत्तर पश्चिमी भारत में नमी युक्त वायु का प्रवेश होता है। नमी की अधिकता के कारण कोहरे की सघनता बढ़ जाती है। 2022 में कोहरे की सघनता में कमी का कारण पक्षिमी विक्षोभ की हवाओं का भारत में न पहुँचने को माना जा रहा है।
  • प्रदूषण- सर्दियों में तापमान में कमी के कारण जलवाष्प के साथ प्रदूषित कण जैसे PM 2.5 भी ऊपर नहीं उठ पाते, वे जलवाष्प के साथ संघनित होकर सतह के समीप आ जाते हैं जिससे कोहरे की सघनता बढ़ जाती है।

कोहरे के प्रकार- मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार कोहरे को चार भागों में बांटा गया है, जिसके कारण हवाई या समुद्री यात्रा बाधित हो सकती है।

  1. अभिवहन कोहरा- अत्यंत निम्न तापयुक्त सतह(बर्फ) के ऊपर यदि नमीयुक्त हवा प्रवाहित हो तो ठण्डी सतह वायु को इतना ठण्डा कर देती है कि कोहरे का निर्माण हो सके। इस प्रकार की परिघटना उत्तरी अक्षांसों में पायी जाती है। 
  2. पहाड़ी कोहरा-पहाड़ों की श्रृंखला में प्रवाहित होने वाली हवाएं ठण्डी होती हैं, जिससे पहाड़ो के गर्त से श्रृंग की ओर कोहरे का निर्माण होता है। 
  3. घाटी या तटीय कोहरा- तटीय क्षेत्रों में जब हवाएं एक संतृप्त बिंदु से अधिक ठण्डी हो जाती हैं, तो कोहरे का निर्माण करती हैं। इस प्रकाार की परिघटना उत्तरी अक्षांश में अधिक होती है। इस प्रकार का कोहरा गर्मी व बसंत ऋतु में अधिक देखने को मिलता है।
  4. विकिरण कोहरा- रात के समय जब भूमि की ऊष्मा विकिरण द्वारा मुक्त होकर कोहरे का निर्माण होता है। सुबह सौर विकिरण से धीरे धीरे भूमि की सतह व वायु इतनी गर्म हो जाती है कि कोहरे के रूप जल बूंदों को पुनः वाष्प या गैस में परिवर्तित कर देती हैं और कोहरा छंटने लगता है।

कोहरे के प्रभाव- कोहरे का सीधा प्रभाव दृश्यता पर पड़ता है, जिससे परिवेश के सम्पर्क में आने वाले क्षेत्र प्रभावित होते हैं- 

यातायात प्रभावित- कोहरे के कारण सड़क, वायु व जलीय सभी प्रकार का यातायात प्रभावित होता है, कोहरे की सघनता के कारण दुर्घटना की संभावना कम करने के लिए वायु व समुद्री यातायात में रोक लगायी जाती है। 1917 की टाइटैनिक दुर्घटना कोहरे का ही परिणाम थी। मौसम व वायु गुणवत्ता की जानकारी SAFAR संस्थान से ली जा सकती है। 

सड़क दुर्घटना- प्रति वर्ष कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जाता है। मानवजीवन को जनधन की हानि होती है। दैनिक जागरण के अनुसार कोहरे के कारण प्रति वर्ष लगभग 9500 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

स्वास्थ्य़ संबंधी समस्याएं- वायु प्रदूषण के कारण परिवेश में सल्फर डाइ ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड श्वसन के जरिए मानव शरीर में जाते हैं और स्वास्थ्य संंबंधी अनेक बिमारियों जैसे श्वास संबंधी, पेट संबंधी, आंखों में संक्रमण जैसी समस्याओं के कारक बनते हैं। इसके साथ संक्रामक रोग भी कोहरे के समय बढ़ जाते हैं।

कृषि- घने व लगातार लगने वाले कोहरे से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, पौंधों गलने लगते हैं और फसल नष्ट हो जाती है।

उपाय

  • सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए ट्रैफिक मॉनिटरिंग डिवाइस का प्रयोग किया जाता है।
  • फसल को निरंतर कोहरे से बचाना होगा, किंतु बड़े किसानों का एक बड़े क्षेत्र को कोहरे से बचाना चुनौतिपूर्ण हो सकता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या को दूर करने के लिए प्रदूषणरोधी उपायों को अपनाना आवश्यक होगा। इसके साथ ही कोविड रोधी उपायों को अपनाकर कई संक्रामक रोगों से बचाव किया जा सकता है।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

https://hindi.rvasia.org/

कोहरा चित्र

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