ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

संदर्भ- हाल ही में केंद्रीय मंत्रीमण्डल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उपयोग, उत्पादन, निर्यात के माध्यम से वैश्विक केंद्र बनाना है।

हरित हाइड्रोजन- हरित हाइड्रोजन का प्रयोग ईंधन, औद्योगिक, बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है, यह कार्बन मुक्त हाइड्रोजन गैस है जिसे अक्षय ऊर्जा के प्रयोग द्वारा निर्मित किया जाता है। हाइड्रोजन को निर्मित करने के लिए पानी से ऑक्सीजन व हाइड्रोजन को इलैक्ट्रोलिसिस विधि के माध्यम से अलग किया जाता है।

हाइड्रोजन के प्रकार-  

  • हाइड्रोकार्बन जैसे जीवाश्म ईंधन व प्राकृतिक गैस से उत्पादित हाइड्रोजन को ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। यह सबसे बड़ी मात्रा में उत्पादित की जाती है।
  • जीवाश्म ईंधन से उत्पादित हाइड्रोजन जिसकी प्रक्रिया पर्यावरण में कार्बन के उत्सर्जन को रोकती है, ब्लू हाइड्रोजन कहलाता है। यह उत्सर्जन की दृष्टि से ग्रे हाइड्रोजन से बेहतर है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है। अर्थात न्यूनतन कार्बन उत्सर्जन की प्रक्रिया होती है।

ग्रीन हाइड्रोजन के लाभ

  • यह एक स्वच्छ ज्वलनशील अणु है जो लोहा, इस्पात,परिवहन के विभिन्न क्षेत्रों को डिकार्बोनाइज कर सकता है।
  • ग्रीन हाइड्रोजन, उर्वरक उत्पादन, पेट्रोलियम शोधन, इस्पात उत्पादन, और परिवहन अनुप्रयोगों में जीवाश्म आधारित फीडस्टॉक को कम कर सकती है।
  • जीवाशम ईंधन के आयात में कमी आएगी। 
  • 2030तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
  • ईंधन अनुप्रयोग की प्रक्रिया-
  • हाइड्रोजन ऊर्जावाहक है, यह परिवहन माध्यमों जैसे कार या ट्रक में हाइड्रोजन ईंधन को ईंधन सेल स्टैक उपकरण के माध्यम से विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। जिससे कार या ट्रक को बिजली की आपूर्ति होती है।
  • ईंधन सेल ऑक्सीकरण न्यूनीकरण प्रक्रिया(Redox) में ऑक्सीकरण एजेंटों के माध्यम से रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  • ईंधन सेल आधारित वाहन आमतौर पर बोर्ड पर इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिए बिजली का प्रयोग करते हैं। इसलिए उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) माना जाता है।
  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल कारों में लगभग शून्य कार्बन उत्सर्जन होता है। ईंधन के रूप में हाइड्रोजन, पेट्रोल तुलना में लगभग 2-3 गुना कुशल है, क्योंकि यह विद्युत रासायनिक प्रतिक्रिया, पेट्रोल दहन की तुलना में बहुत अधिक कुशल होती है। टोयोटा मिराई और होंडा क्लैरिटी कारों को ईंधन सेल द्वारा संचालित किया जाता है।

हरित हाइड्रोजन की वर्तमान स्थिति

  • विद्युत उत्पादन के लिए भारत अधिकतर कोयला आधारित ईंधन का प्रयोग करता है, लेकिन इसके साथ ही सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि अक्षय ऊर्जा का भी प्रयोग किया जा रहा है।भविष्य में इसमें हरित हाइड्रोजन का प्रयोग भी किया जा सकता है।
  • अप्रैल 2022 में ऑयल इण्डिया लिमिटेड ने असम के जोरहाट में 99.99% शुद्धता वाली ग्रीन हाइड्रोडन के निर्माण के लिए संयंत्र स्थापित किया गया है। 

ग्रीन हाइड्रोजन की कम उत्पादकता-

  • तकनीकि- इसमें प्रयोग की जाने वाली तकनीक जैसे कार्बन कैप्चर और स्टोरेज(CCS) और स्टोरेज हाइड्रोजन फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी की वर्तमान स्थिति प्रारंभिक अवस्था में है।
  • लागत- भारत में इसकी उत्पादन लागत 350-400 रुपये प्रति किलो है, जबकि ग्रे हाइड्रोजन की लागत मात्र 100 रुपये प्रति किलो है। जिससे ग्रे हाइड्रोजन का प्रयोग अधिक होता आ रहा है।
  • ईंधन के रूप में इसके प्रयोग के लिए बुनियादी ढांचा जैसे निर्माण, प्रौद्योगिकी, मांग,निवेश आदि की आवश्यकता है।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 5th Jan

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