ग्रेटर स्कूप : IUCN में शामिल दुर्लभ प्रजाति

ग्रेटर स्कूप : IUCN में शामिल दुर्लभ प्रजाति

ग्रेटर स्कूप : IUCN में शामिल दुर्लभ प्रजाति

संदर्भ- हाल ही में बत्तख की एक दुर्लभ प्रजाति को 90 वर्षों के अंतराल में मणिपुर के लोकतक झील में देखा गया। बत्तख की प्रजाति को पक्षी विज्ञानी कुमम जुगेश्वर और वन्यजीव खोजकर्ता मणिपुर के सदस्यों ने देखा था।

ग्रेटर स्कूप

    • यह एक मध्यम आकार की गोता लगाने वाली बत्तख है।
    • ग्रेटर स्कूप, एनाटिडे परिवार का हिस्सा है। इसका स्थानीय नाम सदांगमन है।
    • यह गर्मी के महूने में अलास्का, उत्तरी कनाडा, साइबेरिया, और यूरोप के उत्तरी इलाकों में प्रजनन करता है। तथा सर्दी के महीनों में उत्तर अमेरिका, यूरोप व जापान के दक्षिणी तटों में पलायन करता है।
    • आवास के लिए अनुकूल क्षेत्र- हरे घास के मैंदान, वैटलैण्ड्स और समुद्री नेरेटिक्स आदि।
  • वर्तमान में ग्रेटर स्कूप का निवास
  • बोस्निया 
  • हर्जेगोविना
  • बोल्गारिया
  • डेनमार्क
  •  एस्टोनिया
  • फिनलैण्ड
  •  फ्रांस
  • जर्मनी
  • आइसलैण्ड
  • लताविया
  • नॉर्वे
  • पोलैण्ड 
  • रोमानिया
  • रुसी संघ
  • स्वीडन
  •  यूक्रेन
  • यूनाइटेड किंगडम
  • लेक्टेंस्टीन
  • लक्जम्बर्ग
  • IUCN Red List में ग्रेटर स्कूप को कम से कम संकट वाले प्राणी के रूप में स्थान दिया गया है। जबकि इनकी संख्या लगातार घट रही है।

आईयूसीएन लाल सूची (IUCN Red List)

  • 1964 में स्थापित, संकटग्रस्त प्रजातियों की प्रकृति की लाल सूची के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ(IUCN) पशु, कवक और पौधों की प्रजातियों के वैश्विक विलुप्त होने के जोखिम की स्थिति में दुनियाँ का सबसे व्यापक सूचना स्रोत बनने के लिए विकसित हुआ हैं।
  • वर्तमान IUCN में 150300 से अधिक प्रजातियाँ लाल सूची में हैं जिनमें से 42100 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है। जिनमें 41% उभयचर, 37% शार्क और रे, 36% रीफ बिल्डिंग कोरल, 34% कोनिफ़र, 27% स्तनधारियों और 13% पक्षियों की प्रजाति शामिल हैं। 

आईयूसीएन लाल सूची ने प्रजाति को 9 श्रेणियों में विभक्त किया है-

  1. विलुप्त- दुनियाँ में कहीं भी अब वह प्रजाति उपलब्ध नहीं है।
  2. जंगली मगर विलुप्त
  3. गंभीर रूप से संकटग्रस्त- विलुप्त होने का खतरा सबसे अधिक होता है.
  4. संकटग्रस्त
  5. असुरक्षित
  6. खतरे के करीब
  7. संकटमुक्त या कम से कम खतरा- इनकी वैश्विक रूप से जनसंख्या पर्याप्त होती है अतः इसे अधिक खतरे वाली श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। 
  8. डेटा की कमी
  9. मूल्यांकन नहीं किया गया।

भारत की 9472 प्रजातियों में से 1384 प्रजातियाँ IUCN की लाल सूची में हैं। IUCN सूची में स्थान रखने वाले ग्रेटर स्कूप भारत के लोकतक झील में मिले हैं।

लोकतक झील

  • लोकतक झील, भारत के मणिपुर राज्य की राजधानी इम्फाल के दीमापुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है।
  •  यह भारत के ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है।
  • इस झील को विश्व भर में तैरते हुए द्वीपों, जिन्हें फुमदी भी कहा जाता है, के लिए जाना जाता है। यह फुमदी(आर्द्रभूमि) पौधों की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण एंजाइम से परिपूर्ण रहती है।
  • लोकतक झील पर सबसे बड़ा द्वीप केयबुल लामजाओ है।
  • मणिपुर के लोग आर्थिक रूप से इस झील की आर्द्र भूमि पर निर्भर हैं, आर्द्र भूमि के सुरक्षित उपयोग के लिए इसे रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया है।
  • लोकतक झील, संगइ हिरण (विलुप्तप्राय प्रजाति) का भी आवास है।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

https://www.iucnredlist.org/

डाउन टू अर्थ

Yojna IAS Daily Current Affairs Hindi med 19th Jan

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