17 Oct ग्लोबल हंगर इंडैक्स 2022
ग्लोबल हंगर इंडैक्स 2022
संदर्भ- हाल ही में वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत को 121 देशों में 107वां स्थान प्राप्त हुआ है। 2021 में भारत का स्थान 101वां स्थान हैं।
ग्लोबल हंगर इंडैक्स
- वैश्विक, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने का एक जरिया है। वर्ष 2000 से वैश्विक भूख सूचकांक की सूची जारी की जाती है।
- भूख की स्थिति का मापन करने का एक कारण सतत विकास लक्ष्यों में से एक लक्ष्य 2030 तक शून्य भूख की स्थिति को प्राप्त करना है। इसलिए कुछ विकसित देशों की स्थिति का मापन इसमें नहीं किया जाता है।
- सामान्यतः भूख को भोजन की कमी के रूप में समझा जाता है, औपचारिक अर्थ में इसकी गणना कैलोरी सेवन के स्तर को मैप करके की जाती है।
- ग्लोबल हंगर इंडैक्स चार प्रमुख मापदंडों पर विभिन्न देशों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है क्योंकि, एक साथ ये पैरामीटर कई आयामों को मापते हैं – जैसे भोजन में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी। इस प्रकार भूख का एक अधिक व्यापक मापन किया जाता हैं।
GHI में भूख का मापन चार पैरामीटर के आधार पर किया जाता है।
- अल्प-पोषण, अपर्याप्त भोजन की उपलब्धता को दर्शाता है। इसमें संतुलित आहार की कमी वाली कुपोषित आबादी की गणना की जाती है।
- शिशुओं में भयंकर कुपोषण- कुपोषण की तीव्रता को दर्शाता है, 5 साल से कम उम्र के बच्चों की अविकसितता को दर्शाता है। इसमें बच्चे का वजन, उनकी उम्र के सापेक्ष कम होता है।
- बच्चों के विकास में रुकावट- यह लम्बे समय से कुपोषित बच्चों की गणना करता है। इसमें बच्चा उम्र के अनुसार विकसित नहीं हो पाता। उसकी लम्बाई रुक जाती है।
- बाल मृत्यु दर–इसमे 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर की गणना की जाती है। जो अपर्याप्त पोषण व अस्वास्थ्यकर वातावरण को दर्शाता है।
ग्लोबल हंगर इंडैक्स का स्कोर 100 बिंदुओं पर मानकीकृत होता है। जिसमें 0 अंक प्राप्त देश की स्थिति बहुत अच्छी और 100 अंक प्राप्त करने वाले देश की स्थिति बहुत खराब होती है। इन अंकों का मापन, उपर्युक्त घटकों के निर्धारित मानकों के सापेक्ष किया जाता है। जिसमें कुपोषण व बाल मृत्यु दर की स्थिति को 33.33% और शिशुओं कुपोषण व बाल मृत्यु दर की स्थिति को 16.66% भार दिया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत की स्थिति- वैश्विक भूख सूचकाक 2022 में 121 देशों को शामिल किया गया।
- अल्प पोषण व बच्चों में बर्बादी के लिए भारत की स्थिति 2014 से खराब होती जा रही है। अल्पपोषण का अनुपात 2014 में 14.8 था जबकि 2022 में यह बढ़कर 16.3 हो गया है।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण का प्रसार 2014 में 15.1 से बढ़कर 2022 में 19.3 हो गई।
- वर्तमान में भारत 107 वे स्थान पर है।
- 2021 में भारत 101वे स्थान पर था अतः 2022 में भारत की स्थिति पिछले वर्ष की तुलना में बेहद खराब हो गई है।
- GHI के अनुसार भारत से अर्थव्यवस्था में पीछे समझे जाने वाले उसके पड़ोसी देशों की स्थिति भारत से बेहतर है। जैसे GHI श्रेणी में पाकिस्तान 99, नेपाल 8, श्रीलंका 64 व बांग्लादेश 84वे स्थान पर है।
- भूख सूचकांक के अनुसार एशिया में भारत सबसे पिछड़े स्थानों में से एक था। एशिया में भारत के बाद एकमात्र देश, 108 वे स्थान के साथ अफगानिस्तान है। जो भारत से पीछे है।
ग्लोबल हंगर इंडैक्स में सुधार हेतु के सुझाव –
- भारत में चल रही अनेक योजनाओं व सार्वजनिक वितरण प्रणाली को उचित रूप से लागू करना तथा इनमें पनप रहे भ्रष्टाचार को लागू करना।
- बाल विशेषज्ञों की उचित तैनाती पर बल देना चाहिए।
- बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लगाकर कुपोषण को रोका जा सकता है।
- रोजगार सृजन पर बल देना चाहिए।
- पोषक तत्वों युक्त भोजन को सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्रोत-
https://www.globalhungerindex.org/policy-recommendations.html
https://www.bbc.com/hindi/international-63268010
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