जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा ब्रह्मांड के बारे में की गई नई खोज।

जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा ब्रह्मांड के बारे में की गई नई खोज।

आकाश के पाँच अलग-अलग क्षेत्रों की छवियों का एक सेट नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की सहायता से  जारी किया। 

  • 4.6 अरब साल पहले देखी गयी आकाश गंगाओं के समूह में शामिल है । 
  • अब तक प्राप्त सभी छवियों में से यह सबसे बेहतरीन एवं अवरक्त छवि है और ये अब तक कि सबसे दूर और सबसे पुराणी आकाशगंगाओं में से एक है इसकी सहायता से वैज्ञानिकों को इन प्राचीन आकाशगंगाओं के द्रव्यमान, आयु, इतिहास और संरचना  के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेंगी।
  • दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया यह टेलीस्कोप नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का परिणाम है। 
  • सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर अंतरिक्ष में एक बिंदु पर है जिसे सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज बिंदु के रूप में जाना जाता है
    • पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल के पाँच बिंदुओं में से एक लैग्रेंज प्वाइंट 2 है। 
    • जेम्स वेब टेलीस्कोप का नाम इतालवी- फ़्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है यह बिंदु पृथ्वी और सूर्य जैसे किसी भी घूर्णन करने वाले दो पिंडों में विद्यमान होते हैंं जहाँ दो बड़े निकायों के गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को संतुलित  कर देते हैं। 
    • यहाँ पहले से स्थापित अन्य कई  उपकरणों के साथ इन स्थितियों में रखी गई वस्तुएँ अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं और उन्हें वहाँ रखने के लिये न्यूनतम बाहरी ऊर्जा या ईंधन की आवश्यकता होती हैं। 
  • अब तक का सबसे बड़ा, और सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड स्पेस टेलीस्कोप है। 
  • हबल टेलीस्कोप के बाद यह इसका उत्तराधिकारी है। 
  • इसका प्रयोग दूर आकाशगंगाओं की तलाश में किया जाता है जो बिग बैंग के ठीक बाद के समय में अतीत की ओर देखने के लिए किया जा सकता है यह इतनी दूर स्थित है कि इससे आने वाले प्रकाश को पहुँचने में अरबों वर्ष लग जाते हैं
  • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का उद्देश्य:. 
    • इसका प्रमुख उद्देश्य ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से सम्बंधित हर चरण की जांच करके जैसे की बिग बैंग थ्योरी से लेकर आकाशगंगाओं, तारों और ग्रहों के निर्माण से लेकर हमारे अपने सौर मंडल के विकास तक हर चरण की जांच करना। 
    • इनकी थीम्स को चार विषयों में बाँटा जा सकता है। 
      • पहला विषय  : आज से ठीक 13.5 बिलियन वर्ष पीछे अतीत में अँधेरे से लेकर पहले सितारे के बन्ने और आकाश गंगाओं के निर्माण का पता लगाना। 
      • दूसरा विषय : आकाशगंगाओं के भव्य सर्पिलों को समझना आरंभिक आकाशगंगाओं की तुलना आज की आकाशगंगाओं से की तुलना करना और यह समझना कि आकाशगंगाएँं अरबों वर्षों में कैसे एकत्रित होती हैं।
      • तीसरा विषय : ग्रहों और तारों की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए ।
      • चौथा विषय :सौरमंडल से परे (एक्स्ट्रासोलर ग्रहों) के वातावरण का निरीक्षण करने के लिये एवं शायद ब्रह्मांड में कहीं और जीवन के निर्माण खंडों का पता लगाने के लिए । 
  • जेम्स और हबल वेब टेलीस्कोप:  

    • तरंग दैर्ध्य

      • मुख्य रूप से इन्फ्रारेड रेंज में निरीक्षण के साथ 0.6 से 28 माइक्रोन तक कवरेज प्रदान करने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जिसे JWST या वेब भी कहा जाता है) करेगा। 
      • हबल के उपकरण मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी और दृश्य भाग में देखते हैं। यह इन्फ्रारेड में 0.8 से 2.5 माइक्रोन तक केवल एक छोटी सी सीमा का निरीक्षण कर सकता है। 
        • वेब टेलीस्कोप पृथ्वी की परिक्रमा न करके पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य की परिक्रमा करेगा। जबकि हबल इससे 575 किलोमीटर की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करता है।   
        • नासा के अनुसार, हबल सभी आकाशगंगाओं में सबसे छोटी और नवीनतम आकाशगंगाओं को देख सकता है।  
        • पहले से गठित आकाशगंगाओं और एक्सोप्लैनेट का अध्ययन करने में वेब के निकट और मध्य-अवरक्त उपकरण सहायक होंगे।   

    अंतरिक्ष स्थित अन्य अन्वेषण मिशन: 

    • पायनियर (Pioneer): 

      • यह सौरमंडल में बृहस्पति तथा शनि का दौरा करने वाला पहला अंतरिक्षयान जहाँ सबसे अधिक फोटोजेनिक/प्रकाशमान और विशाल गैस भंडार स्थित हैं। 
      • पायनियर 10 सौरमंडल के  मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद क्षुद्रग्रह बेल्ट के माध्यम से परिक्रमा करने वाली चट्टानों के एक क्षेत्र के माध्यम से यात्रा करने वाली पहली जाँच थी। 
    • वोएजर (Voyager):

       

      • पायनियर के उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद वोएजर 1 और वोएजर 2 ने जाँच की और बृहस्पति और शनि के बारे में कई महत्त्वपूर्ण खोज की, जिसमें बृहस्पति के चारों ओर के रिंग और बृहस्पति के चंद्रमा पर उपस्थिति ज्वालामुखी की खोज की है 
      • पृथ्वी से सूर्य की दूरी से सौ गुना से अधिक और प्लूटो से दोगुने से भी अधिक दूर वोएजर 2 वर्तमान में पृथ्वी से सबसे दूर मानव निर्मित वस्तु  है। 
    • चंद्रा 

      • वर्ष 1999 से चंद्रा एक्स-रे वेधशाला एक्स-रे प्रकाश में आकाश को स्कैन करते हुए सबसे दूर और विचित्र खगोलीय घटनाओं को दर्ज करने का कार्य करती है। 
      • चंद्र को अंतरिक्ष में  बिना भेजे खगोलविद् इस उच्च-ऊर्जा, लघु-तरंग दैर्ध्य प्रकाश में ब्रह्मांड को नहीं देखा जा सकता है क्योंकि पृथ्वी का अजीब वातावरण अधिकांश एक्स-रे को अवरुद्ध कर देता है। 
    • SPHEREx’s

      •  एक दो वर्षीय मिशन है स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर द हिस्ट्री ऑफ द यूनिवर्स, एपोच ऑफ रियनाइज़ेशन एंड आईसेस एक्सप्लोरर (Spectro-Photometer for the History of the Universe, Epoch of Reionization and Ices Explorer-SPHEREx) जो दृश्य प्रकाश और अवरक्त प्रकाश में आकाश का सर्वेक्षण करेगा। हालांँकि यह प्रकाश मानव आँंख को दिखाई नहीं देता, लेकिन ब्रह्मांडीय प्रश्नों का उत्तर देने के लिये एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करेगा। 
      • इसे वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा। 
      • इस मिशन का उपयोग खगोल विज्ञानी 300 मिलियन से अधिक आकाशगंगाओं के साथ ही अपनी आकाशगंगा में पाए जाने वाले 100 मिलियन से अधिक सितारों के आँकड़े (डेटा) एकत्र करने के लिये करेंगे। 

 

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