ज्योतिबा फुले, काशीबाई की हत्या और महिला शिक्षा।

ज्योतिबा फुले, काशीबाई की हत्या और महिला शिक्षा।

ज्योतिबा फुले, काशीबाई की हत्या और महिला शिक्षा।

संदर्भ- आज ही के दिन 24 सितंबर को समाजसुधारक ज्योतिबा फुले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी, पुणे में ज्योतिबा फुले के कार्यों के साथ काशीबाई को भी याद किया जाता है, जिनकी 8 वर्ष की आयु में स्कूल जाने के अपराध में हत्या कर दी गई थी।

ज्योतिबा फुले- 

  • भारत में ज्योतिबा फुले को दलितोद्धार व स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए याद किया जाता है।
  • फूले ने 1848 पूणे में भारत की पहली कन्या पाठशाला स्थापित की जिसका समाज में कड़ा विरोध किया गया। 
  • पाठशाला के लिए कोई शिक्षिका न मिलने पर पत्नी सावित्री बाई फूले को स्वयं शिक्षित कर भारत की पहली महिला अध्यापिका के रूप में नियुक्त किया।
  • 24 सितंबर 1873 को सत्यशोधक समाज की स्थापना की। जिसका उद्देश्य समाज के अति निम्न वर्ग को समाज के उच्च वर्ग जैसे ब्राह्मण, पुरोहित, साहूकार, जमींदार आदि की सामाजिक दासता मुक्ति दिलाना। 
  • 1883 में ब्रिटिश सरकार ने फुले को स्त्री शिक्षण के आद्यजनक कहकर संबोधित किया था।
  • 1888 में विट्ठलराव कृष्णजी वांडेकर ने एक सामाजिक समारोह में फूले को महात्मा की उपाधि दी।
  • दलितों व प्रताड़ितों के लिए गुलामगिरी, तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, राजा भोषले का पखड़ा, किसान का कोड़ा और अछूतों की कैफियत  नामक पुस्तकें लिखी। 

काशीबाई प्रसंग- 

महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रशंसक व वायसराय के मानद सर्जन के रूप में विख्यात डॉ. विश्राम राम जी घोल पिछड़ी जाति से संबंधित थे। किंतु वे स्त्री शिक्षा के समर्थक थे तथा अपनी दोनों पुत्रियों को शिक्षा देना चाहते थे। सामाजिक विरोध के बाद भी उन्होंने अपनी पुत्री काशीबाई को पुणे पाठशाला में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रवेश दिलवाया। किंतु मात्र 8 वर्ष की उम्र में काशीबाई की रिश्तेदारों द्वारा हत्या कर दी गई। 

इसके बावजूद डॉ. घोल ने महिला शिक्षा के अभियान में भागीदारी जारी रखी तथा पुणे के हजूरपागा महिला हाइस्कूल को स्थापित करने में सहयोग दिया। इसके साथ ही अपनी दूसरी पुत्री को शिक्षित किया। काशीबाई की याद में एक बाहुलिचा हौद नामक फव्वारे का निर्माण किया।

भारत में महिला शिक्षा-

प्राचीन काल में सुशिक्षित महिलाओं के व्यक्तित्व का वर्णन ऋग्वेद में किया गया है, जहाँ महिलाओं के विदुषी व विद्वान स्वरूप का उल्लेख है,किंतु ऋग्वेद के बाद महिलाओं की स्थिति का धीमी गति से पतन हुआ और उनके अधिकारों में कमी आती दिखाई देती है। मध्यकाल में उच्च वर्ग की महिलाओं की स्थिति ही शिक्षा ग्रहण करने के योग्य थी। महिलाओं के लिए शिक्षा हेतु कोई संस्थान नहीं था। 

ब्रिटिश काल में महिला शिक्षा के लिए प्रयास आरंभ हो चुके थे  किंतु शिक्षा संस्थानों को स्थापित करना तथा महिला समेत समाज को शिक्षा के लिए राजी करना चुनौती भरा था। 

  • आधुनिक काल में भारत का पहला(1821) गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल तिरुनेल्वेली में स्थापित किया गया था।
  • धर्म प्रचारकों में स्कॉटिश चर्च सोसायटी ने भी स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया, दक्षिण भारत में 6 स्कूल स्थापित किए जिनमें 200 छात्राओं ने नामांकन करवाया।
  • 1848 में स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम भारतीय योगदान ज्योतिबा फूले व सावित्री बाई फूले ने पूणे में प्रथम पाठशाला स्थापित कर ही दिया।
  • 1854 में वुड के घोषणा पत्र में वुड ने भारत में स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए सुझाव दिया।
  • जॉन इलियट ड्रिंक वाटर बेथ्यून ने 1879 में भारत के पहले महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की। अतः देश की पहली दो भारतीय महिला स्नातक(चंद्रमुखी बोस और कादम्बिनी गांगुली) भी इसी कॉलेज से संबंधित थी।

महिला शिक्षा हेतु सांविधानिक प्रावधान- 

  • संविधान के अनुच्छेद 14 में स्त्री व पुरुषों को समान अधिकार दिया गया है।
  • संविधान के अनुच्छेद 15(अ) में लिंग के आधार पर कोई भेदभाव न करने का प्रावधान है।
  • शिक्षा के लिए कानून बनाने का अधिकार समवर्ती सूची यानि केंद्र व राज्य दोनों को दिया गया है।
  • संविधान के अनुच्छेद 21 में 14 वर्ष की आयु तक के प्रत्येक भारतीय नागरिक को मुफ्त शिक्षा का अधिकार दिया गया है। 
  • संविधान संशोधन अधिनियम 2002 के अनुसार 6 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बच्चे की देखरेख व शिक्षा का प्रबंध किया जाएगा।

वर्तमान स्थिति- 

  • वर्तमान में महिलाओं की साक्षरता दर 79.63% है। जो 2011 के सर्वे के सापेक्ष 15 % बढ़ी है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उच्च शिक्षा में महिलाओं के नामांकन दर में गिरावट आई है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भारत  सरकार महिला शिक्षा व ट्रांस जैंडर के लिए न्यायपूर्ण व जैंडर समावेशी निधि का गठन करेगी।
  • नीति के अनुसार जवाहर नवोदय विद्यालय स्तर के छात्रावासों का गठन किया जाएगा जहाँ छात्राओं के लिए विशेष सुरक्षा के प्रावधान किए जाएंगे।

 

स्रोत- इण्डियन एक्सप्रैस।

https://www.education.gov.in/sites/upload_files/mhrd/files/NEP_final_HINDI_0.pdf

https://indianexpress.com/article/cities/pune/know-your-city-bahulicha-haud-a-pune-monument-womens-education-8169751/

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 24 September

No Comments

Post A Comment