12 Nov नादप्रभु केम्पैगोड़ा
नादप्रभु केम्पैगोड़ा
संदर्भ- हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंगलुरु शहर के संस्थापक कैम्पेगोड़ा की 108 फुट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने कैम्पेगोड़ा हवाई अड्डे का भी अनावरण किया जिसे लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था।
नादप्रभु कैम्पेगोड़ा-
- विजयनगर साम्राज्य के अधीन एक मुखिया थे।
- वे वोक्कालिगा समुदाय से थे जिन्होंने 70 से अधिक वर्षों तक येहलकानाडु पर शासन किया था।
- किवदंती के अनुसार कैम्पेगोड़ा जब अपने मंत्री वीरन्ना व सलाहकार गिद्देगोड़ा येहलंका से शिवानासमुद्र की ओर गए उन्होंने शहर में किला, छावनी, जलाशय, मंदिर, मूर्ति, सभी तरह के व्यवसाय व व्यवसायियों के रहने के स्थान की परिकल्पना की।
- परिकल्पना को पूर्ण रूप देने के लिए शिवगंगा रियासत व डोम्लूर पर विजय प्राप्त कर ली, तथा अच्युत राय की शाही अनुमति के साथ 1537 ईं में बैंगलुरु किले व शहर का निर्माण करवाया।
- शहर के विकास के लिए पीने के पानी व अन्य आवश्यकताओं हेतु 1000 झीलों का निर्माण किया।
सांस्कृतिक व सामाजिक रुझान
- तत्कालीन समय के सबसे सुशिक्षित राजाओं में एक थे। कन्नड़ के साथ तेलगू भाषा का भलीभांति ज्ञान था, उन्होंने तेलगू में यक्षगान गंगागौरीविलास लिखा था।
- मोरासु वोक्कालिगा की एक कुप्रथा बंदी देवारु में अविवाहित महिलाओं की अंतिम दो उंगलियों को काटने की प्रथा को प्रतिबंधित किया।
कर्नाटक में कैम्पेगोड़ा की प्रसिद्धि-
- कर्नाटक में 27 जून 2017 से प्रतिवर्ष कैम्पेगोड़ा की जयंती मनाई जाती है।
- प्रतिवर्ष बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका द्वारा आयोजित समारोह में विशिष्ट क्षेत्रों में नागरिकों के विशेष योगदान के लिए कैम्पेगोड़ा पुरस्कार दिया जाता है।
- कैम्पेगोड़ा को बैंगलुरु में याद करने के लिए कई स्थलों को उनके नाम पर रखा गया है जैसे- केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, केम्पेगौड़ा बस स्टैंड(जिसे पहले मैजेस्टिक कहा जाता था), नादप्रभु केम्पेगौड़ा मेट्रो स्टेशन, केम्पेगौड़ा रोड आदि।
- कैम्पेगोड़ा, कर्नाटक की राजनीति में प्रमुख भूमिका में रहते हैं, उनकी ऐतिहासिक गाथा व वोक्कालिगा जाति से संबंधित होना, वोक्कालिगा समुदाय को प्रभावित करनें के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा हो सकता है। जो वर्तमान में चल रही प्रतीकात्मक राजनीति में महत्वपूर्ण है। कर्नाटक में वोक्कालिगा समुदाय की जनसंख्य़ा 11% है।
स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरटी
- इसे समृद्धि का प्रतीक अर्थात स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरटी के रूप जाना जाएगा।
- एयरपोर्ट परिसर में 23 एकड़ के हेरिटेज पार्क में 108 फीट की कांस्य प्रतिमा है इसमें 4 टन यानि 4000 किलो ग्राम की तलवार लगी हुई है।
- वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के अनुसार किसी शहर के संस्थापक की यह पहली और सबसे बड़ी मूर्ति है।
- यह कुल 218 टन की मूर्ति है जिसमें 98 टन कांस्य व 120 टन स्टील का प्रयोग किया गया है।
- मूर्तिकार व पद्म भूषण से सम्मानित राम वनजी सुतार ने मूर्ति का निर्माण किया है। सुतार ने ही गुजरात की स्टैच्यू ऑफ युनिटी का निर्माण किया है।
- कैम्पेगोड़ा की मूर्ति की योजना की घोषणा सितंबर 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा ने की थी जिसकी लागत 100 करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह योजना की घोषणा वोक्कालिगा समुदाय के कड़े विरोध के बाद की गई थी।
वोक्कालिगा समुदाय-
- भारत के कर्नाटक राज्य में भगवान शिव में आस्था रखने वालों का समुदाय है।
- यह अब दक्षिणी कर्नाटक के कृषक समुदाय को चिह्नित करता है।
- कर्नाटक के अन्य शैव मतानुयायी लिंगायत की तुलना में वोक्कालिगा की संख्या कम है लेकिन यह आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं।
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगोड़ा इसी समुदाय से संबंधित थे।
स्रोत-
http://bit.ly/3UTj0QL
http://bit.ly/3UxkLmQ
http://bit.ly/3OfAwwx
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