पहला वैज्ञानिक पक्षी एटलस

पहला वैज्ञानिक पक्षी एटलस

  • दक्षिण भारतीय राज्य केरल ने अपना पहला वैज्ञानिक पक्षी एटलस लॉन्च किया है और इसके साथ यह भी आया है कि यह पक्षी एटलस भौगोलिक सीमा के मामले में एशिया का सबसे बड़ा पक्षी एटलस है जिसमें 25,000 चेकलिस्ट कवरेज है।
  • केरल बर्ड एटलस भारत में अपनी तरह का पहला राज्य स्तरीय पक्षी एटलस है जिसके तहत यह जानने के लिए ठोस आधारभूत डेटा तैयार किया गया है कि पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां कहां पाई जाती हैं। किन क्षेत्रों में इनकी आबादी कम या ज्यादा है?
  • यह एटलस सभी प्रमुख पक्षी आवासों यानी पक्षी आवासों को कवर करता है। इसे एक नागरिक विज्ञान संचालित अभ्यास के रूप में डिजाइन किया गया है जिसमें पक्षी देखने वाले समुदाय के 1000 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
  • इस बर्ड एटलस को 2015 और 2020 के बीच क्रमश: जुलाई से सितंबर और जनवरी से मार्च तक गीले और सूखे मौसम में हर साल दो पक्षी सर्वेक्षण करके तैयार किया गया है।
  • केरल पक्षी एटलस में 361 प्रजातियों के लगभग तीन लाख रिकॉर्ड हैं। पक्षियों की 94 बहुत दुर्लभ प्रजातियाँ, 103 दुर्लभ प्रजातियाँ, 110 सामान्य प्रजातियाँ और 44 बहुत ही सामान्य प्रजातियाँ और 10 प्रचुर प्रजातियाँ हैं।
  • पक्षियों के आकलन के लिए इस एटलस के अंतर्गत 4000 ग्रिड का प्रावधान किया गया है। इससे संबंधित शोध में यह भी पाया गया है कि आर्द्र मौसम की तुलना में शुष्क मौसम में पक्षियों की संख्या अधिक पाई गई है, जबकि प्रजातियों की समृद्धि और प्रजातियों की समानता दक्षिणी शहरों की बजाय केरल के उत्तरी और मध्य जिलों में पाई जाती है।
  • सर्वेक्षण सभी 14 जिलों में आयोजित किया गया था और इसमें लोकस फ्री जैसे तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया गया था जो कि एक एंड्रॉइड जीपीएस एप्लिकेशन और ई-बर्ड प्लेटफॉर्म है जो सर्वेक्षण और दस्तावेज़ीकरण को सहज तरीके से सुविधाजनक बनाता है।

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