पिथौरागढ़ में 7000 फीट की ऊँचाई पर कठोर चट्टान को काटकर बनाया सरोवर।

पिथौरागढ़ में 7000 फीट की ऊँचाई पर कठोर चट्टान को काटकर बनाया सरोवर।

पिथौरागढ़ में 7000 फीट की ऊँचाई पर कठोर चट्टान को काटकर बनाया सरोवर।

संदर्भ- देश में संचालित योजना अमृत सरोवर मिशन के तहत उत्तराखण्ड राज्य में वन विभाग द्वारा पिथौरागढ़ जिले के थल केदार क्षेत्र में 7000 फीट की ऊँचाई पर चट्टान काटकर सरोवर का निर्माण किया गया। 

अमृत सरोवर योजना- 

  • देश में बढ़ती पानी की कमी व वर्षा के जल के संरक्षण को ध्यान में रखकर अमृत महोत्सव के एक कार्यक्रम के रूप में पंचायती राज दिवस के दिन(24 अप्रैल 2022) अमृत सरोवर योजना का प्रारंभ किया गया।
  • यह परियोजना जनभागीदारी पर आधारित है, इसमें स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवार के सदस्य, शहीदों के परिवार, पद्म पुरस्कार विजेता व स्थानीय नागरिकों को शामिल होना है।
  • क्षेत्र निर्धारण करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व शहीदों के गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

लक्ष्य-

  • 24 अप्रैल 2022 को प्रारंभ यह परियोजना की लक्ष्य सीमा 15 अगस्त 2023 तक है।
  • इस परियोजना में प्रत्येक जिले में 75 तालाबों/सरोवरों का निर्माण होना है। 
  • 1 एकड़ में न्यूनतम 0.4 हेक्टेयर क्षेत्रफल के सरोवर का निर्माण हो।
  • देशभर में 10000 घनमीटर जलधारण क्षमता वाले 50000 सरोवरों का निर्माण, जिनका कुल विस्तार एक एकड़ के क्षेत्र में हो।

उपयुक्त क्षेत्र को निर्धारण करने के उपकरण  

  • भूमि की उपलब्धता- सरकारी नियंत्रण की भूमि को महत्ता दी गई है।
  • भूमि की स्थिति- बंजर भूमि को प्राथमिकता, जो वृक्षों से आच्छादित न हो या कम वृक्ष हों।
  • मिट्टी का प्रकार- बिना मिट्टी या कम मिट्टी वाली दोमट भूमि।
  • मिट्टी की गहराई- गहरी से मध्यम।
  • टोपोग्राफी- ढलान का उपयोग करते हुए अवसाद, निचला क्षेत्र।
  • जलविज्ञान(hydrology)- वाटरशेड क्षेत्र नदी, जल निकाय।

योजना में कार्यरत में विभाग- 

  • वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय।
  • जल संसाधन विभाग।
  • पंचायती राज मंत्रालय।
  • पेयजल व स्वच्छता विभाग।
  • भूमि संसाधन विभाग।
  • ग्रामीण विकास विभाग।
  • भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N)

योजना की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है-

राष्ट्रीय स्तर पर

  •  ग्रामीण विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा बुलाई गई सचिवों की समिति।
  • संयुक्त सचिव (आरई), ग्रामीण विभाग, भारत सरकार “मिशन” के रूप में कार्य करेगा।
  • केंद्रीय योजना नोडल अधिकारी (सीएसएनओ): प्रभारी संयुक्त सचिव इस योजना/कार्यक्रम के  सीएसएनओ होंगे और वह उनके संबंधित कार्यक्रम की निगरानी करेंगे।
  • केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ):जल शक्ति के तहत केंद्रीय नोडल अधिकारी ‘कैच द रेन’ अभियान अमृत सरोवर मिशन के सीएमओ भी होंगे।

राज्य स्तर पर

  • राज्य नोडल अधिकारी : राज्य में मिशन का निष्पादन करने के संदर्भ में भाग लेने वाले समकक्षों और राज्य विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेंगे।

जिला स्तर पर

  • जिला नोडल अधिकारी : जिला कलेक्टर/जिला मजिस्ट्रेट ही जिला स्तर पर मिशन के समग्र प्रभारी होंगे।
  • पंचायत लेवल : प्रत्येक अमृत सरोवर के लिए दो समर्पित प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे अर्थात पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत स्तर के अधिकारी।

उपलब्धियाँ- वर्तमान (30 अगस्त 2022) में देश के कुल 88437 चिह्नित क्षेत्रों में से 21713 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं तथा 49408 क्षेत्रों में कार्य प्रगति पर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य होने के साथ उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 8422 जलाशयों का निर्माण हो चुका है।

योजना के लाभ- 

  • सतह और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना।
  • गाँवों का सौंदर्यीकरण।
  • पर्यटन को बढ़ावा ।
  • वर्षा पर निर्भर कृषि में सिंचाई की सुविधा।
  • पुराने तालाबों का पुनर्जीविकरण।
  • वनों में निर्मित सरोवरों से वन्यजीवों को जल आपूर्ति।

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 2nd September

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