प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना(Direct Benefit Transfer)

प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना(Direct Benefit Transfer)

प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना(Direct Benefit Transfer)

संदर्भ- हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना की सराहना करते हुए इसे लॉजिस्टिकल मार्वल कहा है। जिसने महिलाओं, बुजुर्गों व किसानों के साथ करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास ने अन्य देशों से व्यापक सब्सिडी के बजाय लक्षित नकद हस्तांतरण के भारत के कदम को अपनाने का आग्रह किया है और कहा कि “भारत उल्लेखनीय 85 प्रतिशत ग्रामीण लोगों और 69 प्रतिशत शहरी परिवारों को भोजन या नकद सहायता प्रदान करने में कामयाब रहा।”

प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना, को 1 जनवरी 2013 से प्रारंभ किया गया है।

  • योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योजना आयोग के नोडल बिंदु के रूप में डीपीटी को स्थापित किया गया, 
  • वर्तमान में डीबीटी मिशन व उससे संबंधित मामलों को कैबिनेट सचिवालय के सचिव के अधीन रखा गया है।
  • डीबीटी योजना को 43 जिलों में शुरू किया गया। इसके बाद छात्रवृत्ति,महिला, बाल व श्रम कल्याण से संबंधित 27 योजनाओं को 78 जिलों में, कुछ समय बाद 300 जिलों में 7 छात्रवृत्ति योजनाओं व मनरेगा को डीपीटी के तहत जोड़ा गया।
  • यह उन सभी योजनाओं के लिए उपयोगी है जहाँ नकद भुगतान आबंटित किए जाते हैं।
  • लाभार्थियों के सटीक लक्ष्यीकरण के लिए आधार को प्राथमिकता दी जाती है, किंतु आधार अनिवार्य नहीं है।
  • जन धन, आधार व मोबाइल कनेक्शन देशभर में डीबीटी को लागू करने के लिए सहायक होते हैं। 

 योजना को प्रारंभ करने के लक्ष्य हैं-

  • सूचना व धन के तेज प्रवाह के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की प्रक्रिया को पुनरनिर्मित कर सरकार की वितरण प्रणाली में सुधार करना।
  • लाभार्थियों के सटीक लक्ष्यीकरण।
  • सरकारी प्रणाली में दक्षता प्रभावशीलता, पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए।

योजना के सहायक तत्व-

  • जन धन खाता- भारत सरकार द्वारा देशभर में गरीबों का खाता बैंक व पोस्ट ऑफिस में खोला गया इससे देश भर में पैसों के ट्रांसफर की सुविधा और सरकारी योजनाओं के लाभ का पैसा सीधे खातों में आ सकता है। 
  • आधार- भारत सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला एक पहचान पत्र है। जो प्रत्येक नागरिक को 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या प्रदान करती है।  
  • मोबाइल कनेक्शन- डीबीटी योजनाओं को लागू करने के लिए मोबाइल कनेक्शन सबसे अहम रोल निभाते हैं। और मोबाइल मनी वित्तीय लेनदेन और सेवाओं को संदर्भित करता है जो मोबाइल अथवा टैब से ऑपरेट हो सकती है। 

प्रत्यक्ष लाभ हस्तानांतरण योजना-

  • कृषि संबंधी- डीबीटी योजना के तहत सरकारी योजना के प्रभावी व प्रत्यक्ष सहायता देने में मदद मिली जैसे – उर्वरकों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना आदि कृषि संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन में यह रीढ़ की हड्डी साबित हुआ।
  • दूरस्थ क्षेत्रों तक योजना का क्रियान्वयन- महामारी के दौरान डीबीटी नेटवर्क की प्रभावशीलता और मजबूती देखी गई। जैसे- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, सभी महिला जन धन खाताधारकों को फंड ट्रांसफर और पीएम-स्वनिधि के तहत छोटे विक्रेताओं को सहायता, डीबीटी ने महामारी के झटके को झेलने में कमजोर लोगों की मदद की।
  • कम समय में विशाल जनसंख्या तक पहुँच- एक सक्षम नीति व्यवस्था, सक्रिय सरकारी पहल और सहायक नियामक प्रशासन ने वित्तीय क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को आबादी के एक बड़े हिस्से की चुनौतियों से पार पाने में मदद की।

चुनौतियाँ 

  • डिजिटल व वित्तीय साक्षरता- योजनाओं के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए डिजिटल साक्षरता का होना आवश्यक है। भारत की विशाल आबादी को डिजिटल उपकरणों के वित्तीय उपयोग का उचित ज्ञान कराना एक बड़ी चुनौती है।
  • मजबूत शिकायत निवारण- उपभोक्ता की शिकायतों व आवश्यकताओं को जानने के लिए मजबूत शिकायती तंत्र बनाना एक बड़ी चुनौती है।
  • साइबर क्राइम- वित्तीय भुगतान के लिए साइबर अटैक जैसी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। जो डीबीटी के क्रियान्वयन में एक बड़ी बाधा साबित हो सकती है। 

आगे की राह

प्रतिपुष्टि केंद्र- योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रतिपुष्टि उपकरण का होना भी आवश्यक है जो उपभोक्ता की शिकायतों व आवश्यकताओं का सफल रूप से निवारण कर सके। 

सशक्त नवाचार प्रणाली- एक सशक्त नवाचार प्रणाली ही साइबर क्राइम की समस्याओं का हल प्रदान कर सकती है।

स्रोत

https://indianexpress.com/article/opinion/columns/how-direct-benefit-transfer-scheme-has-transformed-social-welfare-in-india-8217140/

https://pmjdy.gov.in/hi-scheme

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