प्रवर्तन निदेशालय

प्रवर्तन निदेशालय

  • प्रारंभिक परीक्षा – प्रवर्तन निदेशालय (ED)
  • मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 – प्रवर्तन निदेशालय

संदर्भ-

  • हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि केंद्र का निर्णय प्रवर्तन निदेशालय (ED) डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार विस्तार देना गैरकानूनी है।

प्रमुख बिन्दु-

  • सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही कहा था कि दूसरी बार ED डायरेक्टर का कार्यकाल न बढ़ाया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश के ED डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि सरकार कानून बनाकर जांच एजेंसियों का कार्यकाल बढ़ा सकती है, लेकिन ऐसा करने के लिए अध्यादेश लाना वैध नहीं है। मामले में सरकार का दावा है कि ED डायरेक्टर की जगह अभी कोई दूसरा अफसर नहीं खोजा जा सका है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग और FATF जैसे कई मामले वर्तमान ED डायरेक्टर की देखरेख में हैं। ऐसे में हमें नई नियुक्ति के लिए अधिक समय चाहिए।
  • नवंबर 2018 में, ED डायरेक्टर को दो साल का सेवा विस्तार केंद्रीय सरकार ने दिया था। इसके बाद उन्हें रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें एक वर्ष और सेवा दे दी।

केंद्र सरकार का अध्यादेश- 

  • नवंबर 2021 में, केंद्र सरकार ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में बदलाव करके एक अध्यादेश जारी किया।
  • इस संशोधन ने ED और CBI जैसे जांच एजेंसियों के निदेशकों को पांच साल तक का एक्सटेंशन देने की अनुमति दी।

प्रवर्तन निदेशालय-

  • आर्थिक अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच करना बहुअनुशासनिक संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का काम है।
  • इसकी स्थापना 1 मई, 1956 को हुई थी, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (फेरा, 1947) में विनिमय नियंत्रण नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाई का गठन किया गया था। वर्तमान में, निदेशालय राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
  • आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया के दौरान फेरा, 1973 का नियामक कानून खारिज कर दिया गया और 01 जून, 2000 से नया कानून विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 फेमा लागू किया गया। बाद में, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) बनाया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय धन शोधन कानूनों के अनुरूप था. दिनांक 01.07.2005 से, प्रवर्तन निदेशालय को पीएमएलए को प्रवर्तित करने की जिम्मेदारी दी गई।
  • हाल ही में, विदेशों में शरण लेने वाले आर्थिक अपराधियों से संबंधित मामलों की संख्या में वृद्धि ने सरकार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FOCA) पारित किया है, जो 21 अप्रैल, 2018 से प्रवर्तन निदेशालय को लागू करने का अधिकार देता है।

कार्य-

  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बहु-अनुशासनात्मक संस्था है जो विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग (अवैध धन को वैध करना) के अपराधों की जाँच करता है।
  • राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
  • ED, भारत सरकार की एक प्रमुख वित्तीय जांच एजेंसी, संविधान और कानूनों की सख्त पालना सुनिश्चित करता है।
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