प्रवासी भारतीय दिवस

प्रवासी भारतीय दिवस

प्रवासी भारतीय दिवस

संदर्भ- सोमवार को घोषित 17वे प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार  गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, अमेरिका स्थित व्यवसायी दर्शन सिंह धालीवाल और डीएसबी ग्रुप के सीईओ पीयूष गुप्ता शामिल हैं। यह पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय दिवस के दिन दिया जाता है।इस वर्ष इंदौर में 8-10 जनवरी के मध्य यह आयोजित किया गया है।

प्रवासी भारतीय दिवस- 

  • प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है।
  • इसी दिन महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापसी हुई थी।
  • इसे मनाने का विचार सर्वप्रथम लक्ष्मीमल सिंघवी के मन में आया और सर्वप्रथम इसे 8-9 जनवरी 2003 को नई दिल्ली में मनाया गया। इसे अनिवासी भारतीय(एनआरआई) दिवस भी कहा जाता है।
  • आगामी प्रवासी भारतीय दिवस का विषय है- प्रवासी : अमृतकाल मे भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार।

प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार –

  • यह अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्तियों या संगठित संस्थानों को उनके द्वारा विदेशों में भारत के प्रति बेहतर समझ विकसित करने या भारत के विकास में उनके योगदान के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार है।
  • यह प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।

प्रवासी व अनिवासी भारतीय का भारत की राष्ट्रीयता से कोई संबंध नहीं है, यह उनके आवासीय स्थिति को दर्शाता है। आयकर अधिनियम के अनुसार आवासीय स्थिति उसकी क्षेत्रीय संबंधों पर निर्भर करती है कि वह उस देश में कितने समय तक रहा था।

अनिवासी भारतीय,

  • वे जो भारतीय मूल के हैं लेकिन भारत का निवासी नहीं है। भारतीय मूल से तात्पर्य यदि अनिवासी के माता पिता या दादा दादी में से कोई एक भी अविभाजित भारत में पैदा हुआ हो। अर्थात भारत का नागरिक हो। 
  • नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत विदेशी भारतीय नागरिक/कार्डधारक हो। 
  • आयकर आधिनियम के अनुसार जो भारत के नागरिक के रूप में भारत का निवासी नहीं है, अनिवासी भारतीय माना जाता है।

प्रवासी भारतीय, 

  • वे/माता-पिता/दादा-दादी, जो जन्म के समय भारत के निवासी थे किंतु अब भारतीय गणराज्य के बाहर रहते हैं। 
  • भारत शासन अधिनियम 1935 के प्रभावी होने से पूर्व से भारत के स्थायी नागरिक हों।
  • भारतीय पासपोर्ट धारक हो।

प्रवासी भारतीय नागरिकों की समस्याएं-

साम्प्रदायिकता- मध्य पूर्व के देशों का साम्प्रदायिक वातावरण भारत समेत अन्य देशों के प्रवासियों के लिए एक समस्या है।

नस्लीय विरोध- विदेशों में प्रवासियों के साथ नस्लीय भेदभाव की घटनाएं भी एक बड़ी सामाजिक समस्या है जिसके कारण प्रवासियों को शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान किया जाताहै।

विदेशी नागरिकों को कम करने का प्रचलन- जनसंख्या वृद्धि व आर्थिक चुनौती के कारण अधिकतर देश, देश में काम कर रहे विदेशी नागरिकों की संख्या कम करने की योजना बना रहे हैं जिससे विदेशी नागरिकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जैसे कुवैत में 70% प्रवासी नागरिक हैं और विदेशी नागरिकों को काम से निकालने पर कुवैत से प्रवासियों की समस्याएं बढ़ जाएँगी।

भारतीय प्रवासी नीति- भारतीय डायस्पोरा में 18 मिलियन से अधिक पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) और 13 मिलियन एनआरआई विश्व स्तर पर सबसे बड़े विदेशी समुदायों में से एक हैं। भारतीय प्रवासी, भारत व आवासीय देश की विदेश नीति को कई मायनों में प्रभावित करते हैं जैसे अमेरिका में भारतीय प्रवासी एक शिक्षित व अमीर वर्ग से आने के साथ अमेरिका में संस्कृति, राजनीत् घरेलू हर क्षेत्र में भारतीय प्रवासियों ने अपनी पहचान बनाई है। राजनैतिक रूप से यह अमेरिका चुनाव के समय वोटबैंक की तरह कार्य करता है और भारत अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित करता है।

1950 में भारत की विदेश नीति गैर हस्तक्षेप के मॉडल पर आधारित थी। जिसमें भारत प्रवासी भारतीय नागरिकों के लिए कोई मदद मुहैया नहीं करता था।

राजीव गांधी ने 1980 के दशक में प्रवासी भारतीयों को राष्ट्र निर्माण में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया जो प्रवासी नीति में एक बड़ा परिवर्तन था।

2003 में प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत की गई जो प्रवासियों को सम्मान देने व मूल देश से जोड़े रखने हेतु एक महत्वपूर्ण कदम था।

 2015 से विदेश मंत्रालय ने ई माइग्रेंट प्रणाली शुरु की जिसमें सभी नियोक्ताओं को पंजीकरण कराने की आवश्यकता होतती है।

2016 से भारत को जानें कार्यक्रमों के द्वारा भारतीय मूल के युवाओं को समकालीन भारत से जोड़े रखने का प्रयोस किया जाएगा। 

अगस्त 2022 में विदेश मामलों की स्टैंडिंग कमेटी ने भारतीय प्रवासियों का कल्याण, नीतियाँ व योजनाएं नाम से एक रिपोर्ट प्रेषित की। रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-

  • भारतीय विदेश मंत्रालय, प्रवासी सुदाय के साथ जुड़ाव के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में एक स्पष्ट नीति तैयार करे।
  • प्रवासी भारतीयों को भारतीय दूतावास में अपना पंजीकरण(स्वैच्छिक) कराने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि प्रवासी भारतीयों हेतु तैयार की गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रवासियों को आसानी से मिल पाए।
  • उत्प्रवासन विधेयक शीघ्र पेश किया जाए। 
  • शिकायतों के शीघ्र व स्थानीय स्तर पर निवारण के लिए सीपीजीआरएएमएस पोर्टल का प्रयोग करें।
  • कोविड महामारी के कारण कई कामगारों की नौकरी चली गई, महामारी के कम होने पर वे पुनर्श्थानों पर तो लौटे पर उन्हें आजीविका का साधन या नौकरी नहीं मिली ऐसी परिस्थिति में कामगारों के लिए पुनर्वास योजना प्रारंभ करे।
  • संभावित प्रवासी श्रमिकों का कौशल विकास का प्रबंध करना।
  • यूक्रेन व चीन में कोरोना व युद्ध त्रासदी के कारण लौटे भारत के मेडिकल छात्रों की इण्टर्नशिप, भारत में पूरा कराने की सिफारिश की गई है।
  • एनआरआई शादियों में महिलाओं के परित्यक्त होने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, ऐसी स्थिति में महिलाओं के लाभ के लिए कानून बनाने व एनआरआई महिलाओं की मदद के लिए प्रस्तावित विदेशी केंद्रों को शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया है।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

prsindia.org

goodreturns.in

Yojna IAS Daily Current Affairs Hindi med 4th Jan

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