23 Nov फ्रांस की फ्रीजियन कैप
फ्रांस की फ्रीजियन कैप
संदर्भ- हाल ही में फ्रांस की आजादी की परिचायक रही फ्रीजियन कैप को पेरिस में होने वाले ओलंपिक व पैरा- ओलंपिक 2024 का शुभंकर बनाया गया है। इस कैप को लिबर्टी कैप भी कहा जाता है। वर्तमान में भी यह कैप फ्रांस के प्रतीक मारियाने की प्रतिमा में लगी हुई है।
लाल फ्रीजियन कैप-
- यह एक शंक्वाकार टोपी है, यह रोमन दासों को स्वतंत्रता के संकेत के रूप में दी जाती थी।
- एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, फ्रिजियन टोपी प्राचीन देश फ्रागिया (आधुनिक तुर्की में) में उत्पन्न हुई थी, और प्राचीन ग्रीक कला में फ्राइजियंस के साथ साथ अनातोलिया के सभी निवासियों और पूर्व में राष्ट्रों द्वारा पहने जाने वाले हेडड्रेस के रूप में प्रतिनिधित्व इसका प्रतिनिधित्व रहा है।
- ब्रिटिश और औपनिवेशिक अमेरिकी कला और आइकनोग्राफी में दिखाई देता था,
- अमेरिकी क्रांति के दौरान दृश्य प्रतीकवाद के रूप में मुहरों और प्रिंटों पर इसका इस्तेमाल किया गया था।
- ग्रीक और रोमन पौराणिक कथाओं में, जुड़वाँ बच्चे केस्टर और पोलक्स को जन्म के समय ऐसी ही टोपी पहने हुए थे, इसी प्रकार दासों को भी उनकी स्वतंत्रता के साथ एक नए जीवन में जन्म लेने के रूप में देखा जाता है।
क्रांति के दौरान फ्रीजियन कैप
- फ्रांसीसी क्रांति (1787-99) के दौरान राजनीतिक पहचान और वफादारी पर जोर देने में यह हेडड्रेस महत्वपूर्ण विषय बन गया।
- फ्रांस में इस टोपी का सर्वप्रथम उपयोग 1790 में ट्रॉयज में एक उत्सव का प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्ति के रूप में किया गया। वर्तमान में भी फ्रांस के फ्रांस के राष्ट्रीय रूपक मैरियान को भी यह टोपी पहने देखा जा सकता है।
- बोनट रूज व सैंस क्यूलोट्स द्वारा यह टोपी पहनकर, फ्रांस के मजदूर व साधारण वर्ग की क्रांतिकारी एकता को पहचान दिलाई।
- तत्कालीन लेखक व दार्शनिक मार्क्विस डी विलेट ने इसे स्वतंत्र व्यक्ति व फ्रांसीसी उत्थान का मुकुट कहा।
- क्रांति के दौरान इसे पवित्रता का प्रतीक माना गया और कहा जाता था कि इसे पवित्र लोग ही पहन सकते हैं, यह अभिजात वर्ग के विस्तृत विग व टोपी की खिल्ली उड़ाने का भी साधन बन गया।
- इसका सर्वाधिक प्रयोग जैकोबिन क्लब(राजतंत्र के खिलाफ) के आतंक के शासन के दौरान किया गया। आतंक के शासन के दौरान नरमपंथी अभिजात वर्ग भी इस टोपी को पहनने लगे, इससे वे अपनी रक्षा करने के साथ नए शासन तंत्र के स्वागत के लिए तैयार थे।
- फ्रांसीसी महिलाओं ने गिलोटिन पर चढ़ते समय तक टोपी बुनी जो उनके विरोध प्रदर्शन का तरीका था।
फ्रांसीसी क्रांति-
- फ्रांसीसी क्रांति, फ्रांस में निरंकुश अराजक तंत्र को समाप्त करने के लिए जनता द्वारा दी गई प्रतिक्रिया थी।
- क्रांति का प्रमुख लाभ समानता, स्वतंत्रता व भातृत्व के विचार थे। जो वर्तमान में भारत के संविधान में भी अंगीकृत किए गए है।
- क्रांति की शुरुआत सम्राट की निरंकुश नीतियों के प्रतीक बास्तील के किले से हुई।
कारण-
- सामाजिक- समाज अलग अलग वर्गों में भेदभाव के साथ बंटा हुआ था- पादरी वर्ग, कुलीन वर्ग और साधारण वर्ग। जिनके मध्य सामाजिक खाई बहुत बढ़ गई थी।
- आर्थिक- राजाओं की फिजूलखर्ची व लुई15 के लगातार युद्धों के कारण, फ्रांस में लुई 16वे के काल तक आते आते राज्य आर्थिक दिवालियापन की स्थिति में पहुँच गया था। अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध में भाग लेने के कारण फ्रांस की आर्थिक दशा और भी खराब हो गई। और इसका सम्पूर्ण भार तृतीयक वर्ग द्वारा दिए गए कर से वसूला जा रहा था।
- दार्शनिकों के विचार- तत्कालीन परिस्थितियों में दार्शनिकों के विचारों ने लोगों को शोषण के विरुद्ध जनमत बनाने में सहायता की, दार्शनिक जैसे- मॉण्टेस्क्यू, वाल्टेयर, रुसो, दिदरो आदि थे।
- तात्कालिक कारण – आर्थिक दिवालियापन का समाधान करने के लिए एस्टेट जनरल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में तीनों वर्गों को एक एक मत का प्रावधान किया गया इस प्रकार कुल तीन मतों में साधारण वर्ग में सर्वाधिक जनसंख्या होने के बावजूद वे अल्पमत में थे क्योंकि कुलीन वर्ग भी पादरी वर्ग के साथ था। इस प्रकार वर्गों में परस्पर संघर्ष बढ़ा। और साधारण वर्ग ने 20 जून 1989 ने अपनी घोषणा में संविधान की मांग की। क्रांतिपूर्ण संघर्षों के बाद विशेषाधिकारों को समाप्त कर संविधान सभा ने मानवाधिकारों की घोषणा कर दी।
संकेतात्मक माध्यम का प्रयोग
- इतिहास में इस कैप का प्रयोग अराजकता व स्वतंत्रता दोनों के लिए हुआ है।
- फ्रांस में लाल टोपी को स्वतंत्रता के साथ जोड़ा जाता है। यह उत्तर और दक्षिण अमेरिका के कई प्रतीकों में मौजूद स्वतंत्रता का एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक भी है।
- क्रांति के दौरान फ्रीजीयन टोपी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता था।
- वर्तमान में ओलंपिक में इन संकेतों का प्रयोग कई उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हो सकता है जैसे-टोपी, खिलौना, टीशर्ट, पिन आदि के फ्रांसीसी उद्योंगों को इससे लाभ होने की संभावना है।
स्रोत
https://ageofrevolution.org/about/
https://www.lemonde.fr/en/sports/article/2022/11/14/paris-2024-chooses-revolutionary-phrygian-cap-as-olympic-mascot_6004214_9.html
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