बायो रिफाइनरी

बायो रिफाइनरी

बायो रिफाइनरी

संदर्भ- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सार्वजनिक गठबंधन के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में तेजी लाने के लिए मिशन इण्टीग्रेटेड बायोरिफायनरी का इनोवेशन रोडमैप को लांच करने की घोषणा की।

बायो रिफाइनरी-

  • बायो रिफाइनरी एक ऐसी रिफाइनरी है जो बायोमास को ऊर्जा और अन्य लाभकारी पदार्थों में परिवर्तित करते हैं। और बायो ऊर्जा, ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए यह एक अक्षय ऊर्जा का एक रूप है।
  • बायो रिफाइनरी की अवधारणा 1990 कोे दशक में विकसित हुई थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने बायो रिफाइनिंग या जैव प्रसंस्करण को, बायो मास के उत्पादों व जैव आधारित एनर्जी के स्पैक्ट्रम में बायो मास के प्रसंस्करण के रूप में परिभाषित किया है। 

बायो रिफाइनरी के प्रकार

  1. प्रथम प्रकार के रिफाइनरी में केवल एक फीडस्टॉक सामग्री का प्रयोग के साथ इसकी प्रसंस्करण क्षमता निश्चित होती है। और यह एक ही प्राथमिक उत्पाद का उत्पादन करते हैं। जैसे- वनस्पति, तेल, लुगदी व पेपरमिलों से बायोडीजल और मकई के दानों से एथेनॉल का निर्माण।
  2. द्वितीय प्रकार के रिफाइनरी में केवल एक फीडस्टॉक सामग्री का प्रयोग करते हैं तथा विभिन्न उत्पादों का उत्पादन होता है। जैसे- अनाज से विभिन्न कार्बोहाइड्रेट डेरिवेटिव व बायोएथेनॉलऔर स्टार्च से विभिन्न रसायनों का उत्पादन होता है। 
  3. तृतीय प्रकार के रिफाइनरी में विभिन्न फीडस्टॉक सामग्री के साथ विभिन्न उत्पादों का उत्पादन होता है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार फीडस्टॉक घास, स्टार्च फसल (गेहूँ, मक्का), चीनी फसलें(चुकंदर,गन्ना), लिग्नोसेल्यूलोसिक फसलें, तेल, जलीय बायोमास, जैविक अवशेष आदि।

मिशन इण्टीग्रेटेड मिशन रिफायनरी का उद्देश्य- 

  • अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना।
  • अगले पाँच वर्षों में निजी निवेश के माध्यम से ऊर्जा अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन के लिए वित्त पोषण में वृद्धि।
  • वर्तमान बायो रिफाइनिंग में मूल्य श्रृंखलाओं में अंतराल और चुनौतियों की पहचान करके मिशन का समर्थन करने के लिए 8 महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता देना।

मिशन इण्टीग्रेटेड बायो रिफायनरी इनोवेशन के लाभ-

मिशन इंटीग्रेटेड बायो-रिफाइनरी कम कार्बन वाले भविष्य के लिए अक्षय ईंधन, रसायन और सामग्री के लिए नवाचार में तेजी लाने के लिए देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, कॉर्पोरेट क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज की एक गतिशील और परिणाम-उन्मुख साझेदारी को एकजुट करती है।

बायो रिफायनरी के क्षेत्र में उठाए गए कदम- 

  • भारत ने सार्वजनिक गठवंधनों के माध्यमों से स्वच्छ ऊर्जा समाधनों के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल शुरु किया।
  • हाइड्रोजन की आपूर्ति के लिए भारत ने हाइड्रोजन वैली के वित्त पोषण तथा नवीकरणीय साधनों के प्रयोग के लिए एक नई पहल की शुरुआत की।

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य

  • 2030 तक जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाना।
  • कुल ऊर्जा आवश्यकताओं के 50% को जीवाश्म ऊर्जा से स्थानांतित करना।
  • कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 अरब टन तक कम करना।
  • भारत में कार्बन उत्सर्जन की दर को 2005 के आँकड़ों से 45% तक कम करना।
  • 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करना।

आगे के कदम-

  • पानीपत हरियाणा में 10 टन/दिन एकीकृत एंजाइम उत्पादन का एक पावर प्लांट बनाया जा रहा है।
  • अपशिष्ट लिग्निन से मूल्य वर्धित उत्पादन के लिए लिग्निन वैलोराइजेशन प्रक्रिया विकसित की जा रही है।
  • परिवहन क्षेत्र में जैव ईंधन का प्रयोग कर कार्बन उत्सर्जन की दर कम की जा सकती है।स्रोतhttps://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1861671https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6178844/

    Yojna IAS Daily Current Affairs Hindi med 23rd September

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