बैगुएट ब्रेड : यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत

बैगुएट ब्रेड : यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत

बैगुएट ब्रेड : यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत

संदर्भ- हाल ही में यूनेस्को ने फ्रांस की बैगुएट ब्रेड को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल कर लिया है। 

बैगुएट- 

  • यह आटा, पानी, नमक, खमीर से बना एक लंबा व पतला पाव है। और फ्रांस में प्रधान भोज्य पदार्थ के रूप मे खाया जाता है। 
  • इसका आविष्कारक वियना के ऑगस्ट जैंग को माना जाता है,इसे बनाने के लिए उन्होंने स्टीम ओवन का प्रयोग किया था।
  • फ्रांस में 67 मिलियन की आबादीमें से 10 मिलियन आबादी बैगुएट का प्रयोग करते हैं।
  • बैगुएट साधारणतः जीवन में शिल्पज्ञान व सामाजिक प्रथाओं का प्रतीक है।

यूनेस्को व उसकी नामांकन प्रक्रिया

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) दुनिया भर में मानवता के लिए उत्कृष्ट मूल्य मानी जाने वाली सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत की पहचान और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है। वे देश जिन्होंने विश्व विरासत सम्मेलन में सास्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए हस्ताक्षर किए हैं, वे विश्व विरासत सूची में नामांकन के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।

नामांकन प्रक्रिया

  • अस्थायी सूची- सांस्कृतिक महत्व की पहचान कर सूची बनाना।
  • नामांकन प्रस्ताव- अस्थायी सूची में से चयन कर राज्यं द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर की सहायता से नामांकन प्रस्ताव तैयार करना।
  • सलाहकार निकाय- वर्ल्ड हेरिटेज कन्वेंशन के दो सलाहकार निकायों द्वारा सांस्कृतिक या प्रयावरणईय सम्पत्ति की जाँच की जाती है।
  • विश्व विरासत समिति- यह एक अंतर सरकारी विश्व विरासत समिति ही यह तय करती है कि किन स्थलों को सूची में शामिल किया जाएगा।
  • चयन के लिए मापदण्ड- मापदण्डों के आधार पर ही सूची के लिए नामांकन किया जाता है।

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत-

  • इसे जीवित सांस्कृतिक विरासत भी कहा जाता है। क्योंकि यह पीढ़ी दर पीढ़ी आने वाली विरासत को सौंपी जाती है।
  • यह अभिव्यक्ति, प्रथा, ज्ञान व कौशल के रूप में हो सकते हैं। जैसे- मौखिक परंपराएं, कला प्रदर्शन, सामाजिक प्रथाएं, अनुष्ठान व उत्सव कार्यक्रम, प्रकृति व ब्रह्माण्ड से संबंधित ज्ञान। 
  • पारंपरिक शिल्प व कौशल आदि।
  • यूनेस्को ने 2003 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की शुरुआत की थी।

अमूर्त विरासत के रूप में चयन के मापदण्ड

  • समुदायों, समूहों, व्यक्तियों को उनकी संस्कृत के लिए पहचाना जाए।
  • संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी संचरित हो,और प्रत्येक पीढ़ी द्वारा उनकी प्रकृति के साथ अभिव्यक्ति, संवाद और इतिहास को पुनर्जीवित किया जाता रहे।
  • संस्कृति को पहचान व निरंतरता की भावना पैदा करती है।

यूनेस्को अमूर्त विरासत सूची व भारत- अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में भारत 14 धरोहरों के साथ अब तक उच्च स्थान पर है।

यूनेस्को द्वारा अमूर्त विरासत सूची में भारत की विरासतें-

  • रामलीला-2008
  • वैदिक पाठ की परंपरा- 2008
  • कुडियाट्टम (केरल) – 2008
  • रम्माण (उत्तराखण्ड) – 2009
  • मुडियेट्टु (केरल) – 2010
  • कालबेलिया(राजस्थान) – 2011
  • छऊ नृत्य – 2011
  • बौद्ध धर्म ग्रंथों के पाठ करने की परंपरा(लद्दाख) – 2012
  • संकीर्तन (मणिपुर) – 2013
  • ठठेरा धातुशिल्प (पंजाब)- 2014
  • योग – 2016
  • नवरोज – 2016
  • कुम्भमेला – 2017
  • कोलकाता की दुर्गा पूजा – 2021 

भारत ने गुजरात के पारंपरिक नृत्य गरबा को भी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में नामांकित किया है। 

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा में भारत की भूमिका 

  • संगीत नाटक अकादमी, भारत से यूनेस्कों की अमूर्त विरासत के लिए नामांकन दाखिल करता है, यह एक नोडल संगठन है।
  • देश में सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने व संरक्षित करने के लिए देश की संस्कृति मंत्रालय कई योजनाओं का प्रतिपादन करती है।
  • अमूर्त विरासत सूची के संरक्षण के लिए 2003 कंवेंशन में भारत को अंतर सरकारी समिति का सदस्य चुना गया है, इसकी सदस्यता वर्ष 2022-26 के लिए है। इससे पहले भी 2006-2010 व  2014-18 में भारत इसकी सदस्यता ग्रहण कर चुका है। अंतर सरकारी समिति, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की संरक्षण के लिए सुझाव देती है।

स्रोत

https://whc.unesco.org/en/nominations/

https://indianexpress.com/article/explained/explained-culture/why-france-nominated-the-baguette-for-unesco-intangible-cultural-heritage-status-8301214/

Yojna IAS  Daily current affairs hindi med 2nd  December

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