भारतीय निर्वाचन आयोग

भारतीय निर्वाचन आयोग

पाठ्यक्रम: प्रारम्भिक परीक्षा- भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI)

मुख्य परीक्षा-जीएस 2 / राजव्यवस्था एवं शासन

संदर्भ-

  • हाल ही में भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने राजनीतिक दलों के लिए वित्तीय लेखाओं को ऑनलाइन दाखिल करने की सुविधा हेतु वेब पोर्टल लॉन्च किया है।

प्रमुख बिन्दु-

  • नया वेब-पोर्टल सभी राजनीतिक दलों को ऑनलाइन योगदान (चंदा) रिपोर्ट, लेखा-परीक्षित वार्षिक विवरण और चुनाव के दौरान किए गए व्यय के विवरण देता है।
  • इससे राजनीतिक दलों की वित्तीय पारदर्शिता और अनुपालन में सुधार होगा। यह ECI की 3C (क्लीन-अप, क्रैक-डाउन और कंप्लायंस) रणनीति में से एक है।
  • इसके अलावा, यह भौतिक रूप से (हार्डकॉपी) रिपोर्ट दाखिल करने में राजनीतिक दलों को मदद करेगा। साथ ही, वित्तीय विवरणों को समय पर और निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेगा।
  • 1951 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) के प्रावधानों के अनुसार, राजनीतिक दलों को ECI को वित्तीय विवरण देना होगा।

राजनीतिक दलों के वित्त पोषण में पारदर्शिता की आवश्यकता क्यों है?

  • इससे राजनीति में काले धन का उपयोग कम हो जाएगा।
  • महिलाओं और अन्य वंचित समूहों की चुनावों में भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
  • दलों की स्वतंत्रता को बड़े दानदाताओं और कॉरपोरेट्स के अनुचित प्रभाव से बचाया जाएगा।

राजनीतिक दलों के वित्त पोषण से जुड़े मुद्दे

  • RPA, 1951 की धारा 77 और चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के तहत केवल उम्मीदवारों के लिए ही चुनाव खर्च की सीमा निर्धारित की गई है । राजनीतिक दल के खर्च के मामले में ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
  • कॉरपोरेट चंदे पर कोई सीमा निर्धारित नहीं होने से क्रोनी पूंजीवाद का मार्ग प्रशस्त होता है।

क्रोनी पूंजीवाद:-

  • ऐसी अर्थव्यवस्था जिसमें व्यवसाय की सफलता व्यवसायियों और सरकारी अधिकारियों के बीच सांठ-गांठ पर निर्भर करती है। चुनावी बॉण्ड की अपारदर्शी प्रकृति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को हानि पहुंचा सकती है।

भारतीय निर्वाचन आयोग:-

  • भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग भी कहते हैं, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो संघीय और राज्य चुनावों को संचालित करता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस, 25 जनवरी, 1950 को संविधान ने चुनाव आयोग की स्थापना की। नई दिल्ली में आयोग का कार्यालय है।
  • यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव करता है।
  • राज्य पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों से इसका कोई संबंध नहीं है। यही कारण है कि भारत का संविधान एक अलग राज्य चुनाव आयोग का निर्माण किया है।

स्रोत – द हिन्दू

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