भारत के लोकतंत्र में शोम्पेन जनजाति ने पहली बार किया मतदान

भारत के लोकतंत्र में शोम्पेन जनजाति ने पहली बार किया मतदान

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र –  2 के ‘ भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, एससी और एसटी से संबंधित मुद्दे ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ भारतीय निर्वाचन आयोग, भारत में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह और भारत में जनजातीय गौरव दिवस ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख दैनिक करंट अफेयर्स ’  के अंतर्गत ‘ भारत के लोकतंत्र में शोम्पेन जनजाति ने पहली बार किया मतदान ’ से संबंधित है।)

 

ख़बरों में क्यों ? 

 

 

  • ग्रेट निकोबार की शोम्पेन जनजाति, जो भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहती है, ने भारत की लोकतंत्रात्मक प्रणाली में भारत के नागरिक के रूप में अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करते हुए पहली बार मतदान किया है। 
  • भारत के लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के इतिहास में इस घटना का महत्व इसलिए भी है क्योंकि शोम्पेन जनजाति भारत में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups – PVTGs)  में से एक है। 
  • इस उल्लेखनीय घटना में, शोम्पेन जनजाति के सात सदस्यों ने अंडमान और निकोबार लोकसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
  • इस जनजाति के सदस्यों ने ‘शोम्पेन हट’ नामक मतदान केंद्र पर वोट डाला और चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए ‘मतदान जरूर करें’ कट-आउट पर सेल्फी भी ली। 
  • ग्रेट निकोबार की शोम्पेन जनजाति के इन सदस्यों को ईवीएम और वीवीपेट का प्रयोग करने का प्रशिक्षण भी दिया गया था।
  • भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने पिछले दो वर्षों में PVTGs और अन्य जनजातीय समूहों को चुनावी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2024 के लोकसभा चुनाव में इन समूहों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
  • जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) के अवसर पर, वर्ष 2023 में भारत के प्रधानमंत्री ने PVTGs के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा ’, PM PVTG विकास मिशन, और ‘ प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान ’ जैसी तीन प्रमुख पहलों की शुरुआत की गई है।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में शोम्पेन जनजाति की जनसंख्या लगभग 229 है।
  • भारत में यह जनजाति अपनी अनूठी भाषा और बोलियों के लिए जानी जाती है। 
  • इन जनजातियों की सामाजिक संरचना पितृसत्तात्मक है। 
  • इन जनजातियों की सामाजिक संरचना में आमतौर पर एकल विवाह का प्रचलन है , किन्तु इसके साथ – ही – साथ इन जनजातियो में बहुविवाह को भी स्वीकार किया जाता हैं, अर्थात इनमें बहु – विवाह को भी सामाजिक स्वीकार्यता है।
  • अंडमान द्वीपसमूह में निवास करने वाले पाँच PVTGs में ग्रेट अंडमानीज़, ज़ारवा, ओंगेस, शोम्पेन, और नॉर्थ सेंटिनलीज़ शामिल हैं। 
  • इन्हें मूल रूप से 1973 में ढेबर आयोग द्वारा आदिम जनजातीय समूह (PTG) के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जिसे बाद में 2006 में भारत सरकार ने पीवीटीजी (Particularly Vulnerable Tribal Groups – PVTGs) के रूप में  इन जनजाति समूहों का नाम बदल दिया गया है।

 

भारत में जनजातीय गौरव दिवस क्यों महत्वपूर्ण है ?

 

  • जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) भारत की जनजातीय समुदायों के योगदान और उनकी वीरता को सम्मानित करने का एक दिन है। यह दिन भारतीय संस्कृति की विविधता और जनजातीय समुदायों के संरक्षण और उनके द्वारा राष्ट्रीय गौरव, वीरता, और आतिथ्य के मूल्यों के प्रचार के प्रयासों को पहचानने के लिए मनाया जाता है। 
  • इस दिन को बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) के अवसर पर मनाया जाता है, जो एक प्रमुख जनजातीय नेता थे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़े थे। 
  • जनजातीय समुदायों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ कई आंदोलन किए, जिनमें तमाड़, संथाल, खासी, भील, मिज़ो, और कोल जैसे समुदाय शामिल हैं।
  • भारत में जनजातीय गौरव दिवस दिन उनके संघर्ष और बलिदान को याद करने और उनके योगदान को सराहने का अवसर प्रदान करता है।

 

भारत में जनजातीय समुदायों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल : 

 

  • भारत में जनजातीय समुदायों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलों में  प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM JANMAN), विकसित भारत संकल्प यात्रा, और PM-PVTG विकास मिशन शामिल हैं।
  • भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए इन पहलों का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों को सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान करना, उनकी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करना, और उन्हें मुख्यधारा की विकास प्रक्रिया में शामिल करना है।
  • इसके अतिरिक्त, आदिवासियों से संबंधित अन्य सरकारी पहलों में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED),
  • जनजातीय स्कूलों का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन,
  • प्रधानमंत्री वन धन योजना, और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) शामिल हैं, जो जनजातीय समुदायों के विकास और समृद्धि के लिए कार्यरत हैं।

 

निष्कर्ष / आगे की राह : 

 

 

  • भारतीय लोकतंत्र में शोम्पेन जनजाति के सदस्यों ने पहली बार मतदान करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 
  • भारत के लोकतंत्र के इतिहास में इस घटना ने न केवल भारत में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए लोकतंत्र की नई उम्मीदों और समाधानों की दिशा में एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। 
  • भारत के लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के ऐतिहासिक सफ़र में इस उपलब्धि ने दिखाया है कि भारत के दूर-दराज के समुदाय भी राष्ट्रीय चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • भारत के लोकसभा चुनाव 2024 की यह घटना भारतीय लोकतंत्र की विविधता, भारत की अखंडता और अनेकता में एकता तथा सभी नागरिकों की समावेशिता का प्रतीक है।
स्रोत –  ‘ द हिंदू एवं इंडियन एक्सप्रेस ’  

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। ( UPSC प्री – 2019)

  1. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) भारत के 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में निवास करते हैं।
  2. भारत में स्थिर या कम होती जनसंख्या के तहत PVTGs की जन्संखायिक स्थिति निर्धारण के मानदंडों में से एक महत्वपूर्ण घटक है।
  3. भारत सरकार द्वारा वर्तमान समय तक लगभग 95 PVTGs को आधिकारिक तौर पर भारत में अधिसूचित किया गया हैं।
  4. भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) की सूची में ईरूलर और कोंडा रेड्डी जनजातियों को भी शामिल किया गया है।

उपर्युक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?

A. केवल 1, 2 और 3

B. केवल 2, 3 और 4

C. केवल 1, 2 और 4

D. केवल 1, 3 और 4

उत्तर – C

 

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में जनजातीय गौरव दिवस क्यों महत्वपूर्ण है को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) को देश की मुख्यधारा में शामिल करने हेतु सरकार द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहलों की मुख्य चुनौतियाँ क्या है और इसका क्या समाधान हो सकता है ?  तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए। ( UPSC CSE – 2022 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

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