भारत में टीबी की स्थिति

भारत में टीबी की स्थिति

भारत में टीबी/TB की स्थिति

संदर्भ- हाल ही में विश्व क्षय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वाराणसी में संयुक्त राष्ट्र समर्थित संगठन स्टॉप टीबी पार्टनरशिप प्रोग्राम द्वारा आयोजित वन वर्ल्ड टीबी समिट को संबोधित किया। संबोधन में कहा कि टीबी को समाप्त करने का वैश्विक लक्ष्य 2030 रखा गया है जबकि भारत ने इसकी अवधि 2025 तक रखी है। 

टीबी-

  • विश्व के सबसे प्राचीन रोगों में से एक टीबी है, जिसका उल्लेख वेदों व आयुर्दिक संहिताओं में किया गया है।
  • टीबी का पूरा नाम ट्यूबरकुलोसिस है। 
  • भारत में टीबी रोगियों के उपचार के लिए पहला ओपन एरिया सैनोटेरियम 1906 में अजमेर के पास तिलुआनिया में स्थापित किया गया था। इसके बाद 1908 में उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में दूसरा सैनेटोरियम स्थापित किया गया। 1917 में पहली डिस्पेंसरी बंबई में स्थापित की गई। 
  •  किसी भी उपचार के इजाद होने से पूर्व रोगी को स्वच्छ खानपान व स्वच्छ जलवायु के प्रबंध को प्राथमिकता दी गई। 
  • वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों के नाम पर ही वैक्सीन का नाम बीसीजी रखा गया। जो है- बैसिलस कैलमेट गुएरिन। 
  • सत्तर के दशक में टीबी की कीमोथेरेपी में दो अच्छी तरह से सहन की जाने वाली और अत्यधिक प्रभावी दवाओं – रिफैम्पिसिन और पाइराज़िनामाइड की उपलब्धता के कारण क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। इन दवाओं के कारण शॉर्ट कोर्स कीमोथेरेपी संभव हुई और उपचार को सरल बनाया गया।
  • NTP का मूल्यांकन तीन एजेंसियों, ICMR, संचार संस्थान, संचालन अनुसंधान और सामुदायिक भागीदारी (ICORCI) और WHO द्वारा किया गया था।

विश्व टीबी रिपोर्ट 2021

  • WHO ने 27 अक्टूबर, 2021 को ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2021 जारी की। रिपोर्ट में दुनिया भर में टीबी के निदान, उपचार और बीमारी के बोझ पर COVID-19 महामारी के प्रभाव को नोट किया गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार टीबी के जाँच और निदान किए गए लोगों की संख्या में एक बड़ी वैश्विक गिरावट सामने आई है। यह आँकड़ा 2019 में 7.1 मिलियन से गिरकर 2020 में 5.8 मिलियन हो गया, जो 2012 के सापेक्ष 18% की गिरावट है और 2020 में टीबी विकसित करने वाले लगभग 10 मिलियन लोगों से बहुत कम है। 2019-20 के मध्य केसों में भारी कमी आई जिसमें भारत, इण्डोनेशिया, फिलीपींस और चाइना जैसे अन्य 12 देशों के कारण 93% तक की गिरावट आई।
  • कोविड 19 महामारी के कारण टीबी के इलाज व उपायों पर अत्यधिक असर पड़ा। वर्ष 2021 में, दुनिया भर में अनुमानतः एक करोड़ 6 लाख लोग, टीबी से बीमार हुए जोकि वर्ष 2020 की तुलना में, 4.5 प्रतिशत वृद्धि थी. और टीबी से लगभग 16 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें एक लाख 87 हज़ार मरीज़ एचआईवी संक्रमण से भी ग्रसित थे। भारत में यह मौतें कुल मामलों का 38% थी।

भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र- 

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित सभी साध्य जैसे अस्पताल, चिकित्सा उपकरण, नैदानिक परीक्षण, आउटसोर्सिंग, स्वास्थ्य बीमा चिकित्सा उपकरण आदि शामिल हैं। भारत में स्वस्थ जीवन का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल किया गया है। भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणालीदो भागों में विभाजित है –  सार्वजनिक व निजी। 

  • सार्वजनिक- भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए मुफ्त है। इसका सेवा शुल्क, सेवा का 18 % और दाखिल किए गए रोगी के लिए सेवा शुल्क 44% ही लिया जाता है।
  • निजी- भारत के निजी अस्पताल शहरों व महानगरों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं, इनका सार्वजनिक अस्पतालों में अधिक खर्च होने के कारण इसमें अधिकतर मध्यम व उच्च वर्ग के लोग ही सेवा ले पाते हैं। 

भारतीय टीबी रिपोर्ट 2021

  • 2019 तक टीबी के मामले लगातार बढ़ रहे थे जैसे 2017 से 2018 में टीबी के मामलों में 18% की बढ़ोतरी और 2018 से 2019 में 12% टीबी रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई।
  • 2019 के आँकड़ों के अनुसार प्रति 1 लाख जनसंख्या में 159 टीबी मरीज थे। 
  • 2020 जिसे महामारी वर्ष भी कहा जाता है के प्रारंभिक महामारी महीनों (मार्च व अप्रैल) में जनवरी और फरवरी की तुलना में 38% की कमी आई। 
  • केरल, लक्ष्यद्वीप व पुदुचेरी राज्य समेत भारत के कुल 67 जिलों को टीबी मुक्त घोषित कर दिया गया है।
  • ड्रग रैसिस्टैंस टीबी और NAAT(निदान हेतु) मशीन NTEP के पास उपलब्ध हैं।  
  • निक्षय, राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन माध्यम के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर टीबी से संबंधित सूचना जानने के लिए एक प्रबंधन है।

टीबी के लिए राष्ट्रीय सामरिक योजना 2017-2025  का विजन भारत में टीबी के कारण मृत्यु, रोग, गरीबी को समाप्त करना है। और इसका लक्ष्य- 2025 तक भारत में टीबी के उन्मूलन की दिशा में काम करते हुए टीबी, रुग्णता और मृत्यु दर के बोझ में तेजी से गिरावट।

TB को समाप्त करने के लिए योजना में 4 चरणों से गुजरना होता है जिसे Detect – Treat – Prevent – Build (DTPB) कहा जाता है- 

  • Detect (खोजना) – सभी डीएस-टीबी और डीआरटीबी मामलों का पता लगाएं, जिसमें निजी प्रदाताओं से देखभाल की मांग करने वाले टीबी रोगियों तक पहुंचने पर जोर दिया गया है। 
  • Treat(इलाज) – रोगी अनुकूल प्रणालियों और सामाजिक समर्थन के साथ सभी रोगियों के इच्छानुसार स्थान पर टीबी-विरोधी उपचार शुरू करना और बनाए रखना। 
  • Prevent( निवारण) – अतिसंवेदनशील आबादी में टीबी के उद्भव को रोकें।
  • Build(नीति निर्माण)- योजना से संबंधित सक्षम नीतियों, सशक्त संस्थानों, बढ़ी हुई क्षमताओं वाले मानव संसाधनों और वित्तीय संसाधनों का निर्माण कर उन्हें मजबूत करना।

स्रोत

Yojna IAS daily current affairs hindi med 24th March 2023

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