01 Jul भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों नेटवर्क
पाठ्यक्रम: जीएस 3-अवसंरचना
सदर्भ-
- भारत का राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क, 45 लाख किमी पर, पिछले नौ वर्षों में देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई लगभग 59 प्रतिशत बढ़ी है।
- इस विस्तार के साथ ही भारत के पास अब अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।
प्रमुख बिन्दु-
- 2013-14 में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी जो 2022-23 में बढ़कर 1,45,240 किलोमीटर हो गयी जो, इस अवधि में 59 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है” ।
- यह सड़क नेटवर्क देश में सभी सामानों का 64.5% परिवहन करता है और भारत के कुल यात्री यातायात का 90% आवागमन के लिए सड़क नेटवर्क का उपयोग करता है।
- पिछले नौ वर्षों में फोर-लेन राष्ट्रीय-राजमार्ग में वृद्धि लगभग दोगुनी हो गई है।
- 2013-14 में फोर-लेन राष्ट्रीय-राजमार्ग की यह लंबाई 18,371 किलोमीटर थी जो, पिछले नौ वर्षों में बढ़कर 44,654 किलोमीटर हो गयी है।
- फास्टैग के उपयोग से टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय को 47 सेकंड तक कम करने में मदद मिली है, जिसे 2047 तक पूरी तरह से समाप्त करने की परिकल्पना की गई है।
- टोल से राजस्व संग्रहण 2013-14 के 4,700 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 41,342 करोड़ हो गया है।
संबंधित सरकारी पहल-
भारतमाला परियोजना-
- इस योजना में सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क विकसित करने, गैर-प्रमुख बंदरगाहों के लिए सड़क संपर्क सहित तटीय सड़कों के विकास की दृष्टि से लगभग 26,000 किमी लंबाई के आर्थिक गलियारे के विकास की परिकल्पना की गई है।
राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी)-
- वित्त वर्ष 2019-25 के लिए राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी) का उद्देश्य नागरिकों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। वित्त वर्ष 2019-25 में सड़क क्षेत्र में 18% पूंजीगत व्यय होने की संभावना है।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी):-
- राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) चार वर्ष की अवधि (वित्त वर्ष 2022-25) में सड़कों, रेलवे, बिजली, तेल और गैस पाइपलाइन, दूरसंचार, नागरिक उड्डयन जैसे क्षेत्रों में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों को पट्टे पर देकर 6 लाख करोड़ रुपए की कुल मुद्रीकरण क्षमता की परिकल्पना करता है।
पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान–
- संपूर्ण देश में सामानों और लॉजिस्टिक की आवाजाही तेजी से हो सके। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत नेशनल हाईवे के नेटवर्क को कुल 25000 किलोमीटर और बढ़ाया जाएगा।
- वर्ष 2022-23 से इसके लिए 8 नए रोपवे को ऑर्डर किया गया है। जिसका आर्डर पीपीपी मॉडल पर होगा। सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया था।
अन्य पहल-
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) विकसित किया है जो निपटान और विवाद प्रबंधन के लिए क्लियरिंग हाउस सेवाओं सहित एक इंटरऑपरेबल राष्ट्रव्यापी टोल भुगतान समाधान प्रदान करता है।
- राजमार्ग क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को सड़क क्षेत्र में 100% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के माध्यम से बढ़ावा दिया है, परियोजनाओं को व्यवहार्य बनाने के लिए परियोजना लागत के 40% तक सब्सिडी का प्रावधान, परियोजना के चालू होने के बाद 20 वर्षों में से किसी भी लगातार 10 वर्षों में 100% कर छूट आदि।
स्रोत: IE
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