भूकंप

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भूकंप

संदर्भ- आज दिनांक 09/11/2022 को नेपाल समेत भारत के राज्यों में भूकम्प के झटके महसूस किए गए जो 6.3 तीव्रता का मापा गया है। नेपाल में भूकंप आपदा के कारण 6 लोगों की मौत व 5 के घायल होने की खबर है।

अप्रैल 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के कारण 9000 लोगों की मृत्यु हो गई व 22000 हजार लोग घायल हो गए थे , इस भूकंप की तीव्रता 7.8 आंकी गई थी। तथा 1934 में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसमें 10600 जानें चली गई थी।

नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के अनुसार नेपाल में 6 घण्टे के अंदर 4 बार भूकंप आया, इनमें से सबसे अधिक भूकंप तीव्रता 6.3 आंकी गई। भूकंप की तीव्रता भारत के राज्यों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार व राजस्थान में भी महसूस की गई।

भूकंप

  • पृथ्वी की सतह पर होने वाले आकस्मिक गति या कम्पन को भूकम्प कहते हैं। जो धीरे धीरे संचित ऊर्जा के अचानक मुक्त होने के कारण होता है।
  • भूकंप अक्सर भूगर्भ में किसी परिवर्तन से आते हैं। जो भूगर्भ की विवर्तनीय प्लेट पर आई किसी दरार या  विवर्तनीय प्लेटों के खिसकने से आते हैं।
  • भूगर्भ में आए परिवर्तन जैसे दरार जहाँ से भूकम्प उत्पन्न हुआ है इसे अवकेंद्र या फोकस कहा जाता है।
  • पृथ्वी की सतह पर वह बिंदु जो सीधे फोकस के ऊपर होता है उसे उपरिकेंद्र कहा जाता है, यही सबसे अधिक भूकंप महसूस किया जा सकता है।

विवर्तनीय प्लेट- 

  • भूगर्भ में स्थित विवर्तनीय प्लेट दो प्रकार की पपड़ी से बनी होती है- महासागरीय व महाद्वीपीय। जब भी यह प्लेटों की सतह सम्पर्क में आती है तो तनाव बढ़ जाता है जिससे विस्थापन और गति उत्पन्न होती है। 
  • यह विस्थापन दो प्रकार का होता है- क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर।
  • 1906 में आए ग्रेट सैन फ्रांसिस्को के भूकंप को अब तक का सबसे बड़ा क्षैतिज भूकंप कहा जाता है। जिसकी तीव्रता 7.9 आंकी गई थी।
  • 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में अब तक का सबसे बड़ा भूकम्प आया, जिसकी तीव्रता 9.1 आंकी गई थी।

भूकंप का मापन

भूकंप के मापन के लिए सिस्मोग्राफ का प्रयोग कर भूकंपीय तरंगों का मापन किया जाता है। जब पृथ्वी के भीतरी सतह के किसी भाग में कोई क्षति जैसे दरार आ जाती है तो सभी दिशाओं से ऊर्जा का निष्कासन होता है और इस ऊर्जा को सिस्मोग्राफ द्वारा मापा जा सकता है। 

भूकंपीय तरंगे-  भूकंपीय तरंगें तीन प्रकार की होती है।

प्राथमिक तरंगें- इन्हें पी तरंगें भी कहा जाता है,यह ऐसी संपीडन तरंगें हैं, जो सीस्मोग्राफ व व्यक्तियों द्वारा सबसे पहले महसूस किए जा सकते हैं क्योंकि इनकी गति बहुत तेज होती है। यह ठोस द्रव  व गैस तीनों भागों मे गति कर सकती हैं। 

द्वितीयक तरंगें इन्हें एस तरंगें भी कहा जाता है, यह प्राथमिक तरंगों के बाद महसूस की जा सकती है, अर्थात इनकी गति प्राथमिक तरंगों से कम है। ये द्रव यानि तरल माध्यम में गति नहीं कर पाती हैं। एस तरंगें साइड टू साइड गति करती हैं।

पी तथा एस तरंगों को एक साथ भूगर्भीय तरंगें कहते हैं।

सतही तरंगें- सतही तरंगें सबसे अंत में पहुँचने वाली भूकंपीय तरंगें होती हैं। जो सतह में सबसे बड़ी गति पैदा करती हैं जिस कारण यह सबसे अधिक विनासकारी सिद्ध होती हैं।

भारत में भूकंपीय जोन 

भूकंपीय इतिहास के आधार पर भारत को चार भूकंपीय जोन में बांटा गया है।

जोन 5- पूर्वोत्तर भारत जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्से, लद्दाख, हिमांचल, उत्तराखण्ड, गुजरात के कच्छ के कुछ हिस्से, उत्तरीय बिहार व अण्डमान निकोबार द्वीप समूह आदि।

जोन 4- जम्मू कश्मीर लद्दाक व हिमांचल प्रदेश के शेष भाग, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल के कुढ क्षेत्र, गुजरात व राजस्थान के कुछ क्षेत्र, पश्चिमी तटों के कुठ हिस्से।

जोन 3 केरल, गोवा, लक्षद्वीप, उत्तर प्रदेश, गुजरात व पश्चिम बंगाल के शेष हिस्से, पंजाब राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु व कर्नाटक के कुछ हिस्से शामिल हैं।

जोन 2- देश के शेष हिस्से शामिल हैं। 

नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी – 

  • राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।
  • यह 24 घण्टे निगरानी केंद्र के माध्यम से पूरे देश में भूकंप गतिविधि की निगरानी करता है।

भारत में आए प्रमुख भूकंप-

  • भारत में अब तक का सबसे अधिक तीव्रता 11.2 का भूकंप अण्डमान निकोबार में 2012 में आय़ा था।
  • 2005 में कश्मीर में आए भूकंप को सर्वाधिक विनाशकारी माना जाता है जिसकी तीव्रता 7.6 थी और भूकंप के कारण 130000 लोगों की जान चली गई थी।
  • गुजरात में आए भूकंप(7.6) के कारण हजारों लोगों की जान चली गई।
  • हाल ही में छत्तीसगढ़ मेंं भी 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। 

भूकंप की त्वरित माप होते हुए अब तक भूकंप के पूर्वानुमान नहीं किया जा सका है, किंतु भूकंप आपदा के समय बचने की तैयारी की जा सकती है, स्कूली शिक्षा के साथ आपदा में बचाव की गतिविधियों को भी विद्यार्थियों को सिखाया जाना चाहिए।

स्रोत

https://indianexpress.com/article/trending/trending-in-india/hashtag-earthquakeindelhi-trends-on-twitter-as-people-feel-tremors-8257625/

https://www.opengeography.org/ch-3-earthquakes.html

Yojna IAS  Daily Current Affairs Hindi med 9th November

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