10 Jun राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक
- विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का चौथा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) जारी किया।
राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक:
- देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में सकारात्मक सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से वर्ष 2018-19 से राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक शुरू किया गया था।
- यह सूचकांक खाद्य सुरक्षा के पांच महत्वपूर्ण मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) द्वारा विकसित किया गया है।
- मापदंडों में मानव संसाधन और संस्थागत डेटा, अनुपालन, खाद्य परीक्षण – बुनियादी ढांचे और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और उपभोक्ता सशक्तिकरण शामिल हैं।
- सूचकांक एक गतिशील मात्रात्मक और गुणात्मक बेंचमार्किंग मॉडल है जो सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के मूल्यांकन के उद्देश्य से एक ढांचा प्रदान करता है।
- वर्ष 2018-19 के लिए पहला राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक पहली बार 7 जून 2019 को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर घोषित किया गया था।
महत्त्व:
- सूचकांक हमारे नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
राज्य का प्रदर्शन:
सभी राज्य:
- तमिलनाडु राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में सबसे ऊपर है, उसके बाद गुजरात और महाराष्ट्र हैं।
छोटे राज्यों में:
- गोवा पहले स्थान पर, उसके बाद मणिपुर और सिक्किम का स्थान है।
केंद्र शासित प्रदेशों में:
- जम्मू और कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया।
खाद्य सुरक्षा दिवस:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) संयुक्त रूप से सदस्य देशों और अन्य संबंधित संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की सुविधा प्रदान करते हैं।
- यह पहली बार वर्ष 2019 में अदीस अबाबा सम्मेलन और जिनेवा फोरम द्वारा “खाद्य सुरक्षा के भविष्य” के तहत खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए मनाया गया था।
- विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, 2022 का विषय ‘सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य’ है।
इस अवसर पर की गई अन्य पहल:
- एफएसएसएआई द्वारा की गई विभिन्न नवीन पहलों में ईट राइट रिसर्च अवार्ड्स और अनुदान – चरण II, ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज – चरण III, स्कूल स्तर की प्रतियोगिता और आयुर्वेद आहार लोगो शामिल हैं।
- इस लोगो में आयुर्वेद आहार और पांच पत्ते हैं, जो प्रकृति के पांच तत्वों का प्रतीक हैं, इससे खाद्य उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान बनाने और उन्हें पहचानने में आसानी होगी।
- खाद्य जनित रोग प्रकोप का पता लगाने और सूक्ष्मजैविक प्रक्रिया नियंत्रण, मछली और मछली उत्पादों के नमूने और परीक्षण पर एक मार्गदर्शन दस्तावेज जारी किया गया है।
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