राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

संदर्भ- हाल ही में 28 सितंबर 2022 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपना स्थापना दिवस मनाया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण- 

  • भारत के आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सर्वोच्च वैधानिक निकाय है। 
  • 23 दिसंबर 2005 को भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम पारित किया गया था। अध्यक्ष के अतिरिक्त इसमें 9 सदस्य होते हैं, और इन्हीं 9 सदस्यों में से एक को उपाध्यक्ष के लिए चयनित किया जाता है।
  • भारत सरकार, प्राकृतिक व मानव जनित आपदा के प्रभावों की रोकथाम, शमन व तैयारी के लिए राष्ट्रीय संकल्प को प्रोत्साहित करता है।
  • भारत आपदा के प्रभावों व जोखिमों को कम करने के लिए एक सेंडाई फ्रेमवर्क में भी हस्ताक्षरकर्ता है।
  • राष्ट्रीय संकल्प के तहत सरकारी, गैर सरकारी संगठन व लोगों की भागीदारी के द्वारा आपदा के प्रभावों को कम करने के प्रयासों को बढ़ावा देता है। 
  • आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन, पाँच विभागोंं को प्रचालित करता है।-
  • 1.नीति एवं योजना प्रभाग
  • 2.प्रशमन प्रभाग
  • 3.प्रचालन प्रभाग
  • 4.संचार तथा सूचना प्रौद्योगिकी प्रभाग
  • 5.प्रशासन और वित्त प्रभाग।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का विकास- 

  • भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के राष्ट्रीय महत्व को प्राथमिकता देते हुए  अगस्त 1999 में उच्चाधिकार प्राप्त समिति का घठन किया।
  • गुजरात भूकंप के विनाशकारी परिणामों के बाद आपदा से बचाव, आपदा प्रबंधन हेतु योजना तथा आपदा के प्रभावों को कम करने हेतु शमन तंत्र बनाने के लिए एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया।
  • दसवी पंचवर्षीय योजना व बारहवे वित्त आयोग में आपदा प्रबंधन की चर्चा की गई।
  • 23 दिसंबर 2005 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू कर दिया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अवधारणा-एक समग्र सक्रिय प्रौद्योगिकी से परिपूर्ण, दीर्घकालिक विकास नीति जिसमें सभी हितधारक, रोकथाम, तैयारी व प्रशमन के घटक शामिल हैं,के माध्यम से सुरक्षित व आपदा प्रतिरोधी प्राधिकरण का निर्माण करना है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिम्मेदारियाँ-

  • आपदा प्रबंधन हेतु नीति निर्धारित करना, योजना को लागू करना।
  • राष्ट्रीय योजना के अनुसार भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा तैयार की गई योजना का अनुमोदन करना।
  • आपदा प्रबंधन के लिए नीति और योजना के प्रवर्तन और कार्यान्वयन को समन्वय करना।
  • प्रशमन के उद्देश्य के लिए निधियों के प्रावधान की सिफारिश करना।
  • केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित प्रमुख आपदाओं से प्रभावित देशों की मदद करना।
  •  आपदा की रोकथाम व आपदा स्थितियों से निपटने के लिए तैयारी व क्षमता निर्माण से संबंधित उपाय करना।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान से संबंधित के बारे में व्यापक नीति निर्माण व दिशानिर्देश जारी करना

आपदा प्रबंधन में स्वैच्छिकता राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 18वे स्थापना दिवस का विषय है। यह विषय उन आपदा मित्रों को समर्पित है जो आपदा में तत्काल राहत कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके योगदान को और प्रभावी करने के लिए आपदा मित्र योजना लागू की गई है।

आपदा मित्र योजना-

  • NDMA ने भारत में चयनित बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया में सामुदायिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के अनुसार NDMA ने बाढ़ के प्रभावों को रोकने के लिए 25 राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रके 30 जिलों के 6000 सामुदायिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए पायलट आधार पर आपदा मित्र योजना लागू की है, ताकि वे आवश्यकता पड़ने पर आपदा प्रभावित समुदाय की सहायता कर सके।
  • आपदा मित्र योजना के पायलट आधार पर सफलता मिलने पर केंद्र सरकार ने इसके उन्नयन को मंजूरी दी है, जिसमें बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन व भूकंप आधारित क्षेत्र शामिल किए जा रहै हैं और आपदा राहत कार्य हेतु 100000 स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जाना है।
  • NDRF समुदाय की आपदा संबंधी क्षमता निर्माण के लिए सामुदायिक जनजागरुकता कारयक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • NDRF स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम भी आयोजित करता है, जिसमें विद्यार्थी व शिक्षकों को भूकंप के समय सुरक्षा संबंधी क्रियाकलापों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • NDMA आपदा संबंधी सुरक्षा व बचाव के क्रियाकलापों का प्रशिक्षण, सोशल मीडिया, इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा भी करता रहता है।

आपदा के समय सरकारी तंत्र को पहुँचने में समय लग सकता है ऐसे में स्थानीय प्रशिक्षित आपदा मित्रों के होने से आपदा से होने वाली जन, धन की संभावित क्षति को कम किया जा सकता है। 

स्रोत-

https://indianexpress.com/

https://ndma.gov.in/index.php/hi/about-us/introduction

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