राष्ट्रीय रसद नीति

राष्ट्रीय रसद नीति

राष्ट्रीय रसद नीति

संदर्भ- हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय रसद नीति का शुभारम्भ किया है। इस योजना की घोषणा केंद्र सरकार ने 2020 के बजट सत्र में कर दी थी।

नीति की आवश्यकता- भारत में अन्य देशों की तुलना में रसद खर्च बहुत अधिक है। घरेलू व निर्यात बाजारों में, भारतीय उत्पाद की लागत में प्रतिस्पर्धात्मक सुधार के लिए, घरेलू सामान की लागत को कम करना अनिवार्य समझा जा रहा है। 

रसद- रसद सामान्यतः ग्राहकों या निगमों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मूल बिंदु और उपभोग के बिंदु के बीच उत्पादों के प्रवाह का प्रबंधन है। रसद में प्रबंधित संसाधनों में सामग्री उपकरण व आपूर्ति या भोजन संबंधी मूर्त सामान शामिल होते हैं।

राष्ट्रीय रसद नीति, वितरण रसद की संकल्पना पर आधारित है। इसमें उत्पाद को ग्राहकों तक पहुँचाना होता है। ग्राहकों तक उत्पाद की पहुँच के समय को कम से कम करना इस नीति का उद्देश्य है।

राष्ट्रीय रसद नीति- परिवहन से संबंधित बाधाओं को दूर करने, उद्योगों के समय व मूल्य की बचत के लिए राष्ट्रीय रसद नीति को तैयार किया गया है। इस नीति हेतु रसद क्षेत्र में कुछ परिवर्तन किए जाने हैं-

  • तकनीकों का उपयोग – लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उचित तकनीक के प्रयोग का प्रावधान है। 
  1. ई- संचित के माध्यम से पेपरलैस एक्जिम व्यापार प्रक्रिया 
  2. कस्टम्स में फेसलेस कर निर्धारण
  3. ई- वे बिल का प्रवधान
  4. फास्टैग
  • यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लैटफॉर्म-  
  1. यूलिप पोर्टल परिवहन संबंधित सभी डिजिटल सेवाओं को एक ही प्लैटफॉर्म पर लाएगा।
  2. निर्यातकों को लंबी व बोझिल प्रक्रियाओं से मुक्त करेगा।
  3. ईज ऑफ लॉजिस्टिक सर्विसेज के माध्यम से उद्योग संघ संचालन व प्रदर्शन में आ रही समस्या को सरकारी एजेंसी के समक्ष उठा सकते हैं।
  • लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी में सुधार-
  1. सागरमाला व भारतमाला जैसी परियोजनाओं से माल ढुलाई के काम में अभूतपूर्व तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
  2. रसद ले जाने वाले भारतीय रेलों, बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। इसमें किसान रेल, किसान उड़ान को भी शामिल किया जा सकता है।

लक्ष्य- 

  • वैश्विक मानको को पूरा करने के लिए 2030 तक लॉजिस्टिक लागत को कम करना।
  • भारत में लॉजिस्टिक लागत अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक है, अतः वर्तमान की 13-14 % लागत को कम से कम कर एक अंक अर्थात 10% से कम करना।
  • रसद प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 25 देशों की सूची में शामिल होना।
  • डिजिटल मैपिंग के माध्यम से लॉजिस्टिक पार्कों का निर्माण करना, ये पार्क कई गोदामों का संग्रह होते हैं जहां ग्राहक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सेवा चुन सकते हैं।

स्रोत-

  • https://www.pmindia.gov.in/hi/news_updates

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 19th September

 

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