लंदन इंटरबैंक ऑफर रेट

लंदन इंटरबैंक ऑफर रेट

संदर्भ

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और अन्य RBI-विनियमित संस्थाओं को एक सलाह जारी की है कि वे लंदन इंटरबैंक ऑफर रेट (LIBOR) से पूरी तरह से अपनी निर्भरता समाप्त करने के लिए कदम उठाएं।

लंदन इंटरबैंक ऑफर रेट (LIBOR)

  • यह एक बेंचमार्क ब्याज दर है जिस पर प्रमुख वैश्विक बैंक अल्पावधि ऋण के लिए अंतरराष्ट्रीय इंटरबैंक बाजार में एक दूसरे को उधार देते हैं।
  • यह 1970 के दशक में प्रयोग में आया।
  • यह निवेशकों और ग्राहकों दोनों को प्रभावित करता है ।
  • इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के ऋणों में संदर्भ दर के रूप में किया जाता है ।
  • लेकिन हाल के घोटालों और बेंचमार्क दर के रूप में इसकी वैधता से जुड़े आलोचना के कारण इसे चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा।
  • इसे 30 जून, 2023 को सिक्योर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (SOFR) द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है।

लिबोर कैसे काम करता है?

  • LIBOR को इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज(ICE) द्वारा प्रशासित किया जाता है तथा यूके के वित्तीय आचरण
    प्राधिकरण (एफसीए) द्वारा विनियमित किया जाता हैं।
  • वित्तीय आचरण प्राधिकरण ( एफसीए ) यूनाइटेड किंगडम में एक वित्तीय नियामक निकाय है , लेकिन यूके
    सरकार से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है और वित्तीय सेवा उद्योग के सदस्यों को फीस चार्ज करके वित्तपोषित
    किया जाता है।
  • एफसीए उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करने वाली वित्तीय फर्मों को नियंत्रित करता है और यूनाइटेड किंगडम में
    वित्तीय बाजारों की अखंडता को बनाए रखता है।

लिबोर की गणना-

  • हर दिन, 18 अंतरराष्ट्रीय बैंक अपने विचार निर्धारित करते हैं कि इंटरबैंक उधार बाजार पर वे कितना ब्याज
    देंगे। चार उच्चतम और चार निम्नतम मानों को अलग करने के बाद इन मूल्यों का औसत लागू होता है।
  • इसमें पांच मुद्राओं के लिए LIBOR की गणना की जाती है, वे स्विस फ्रैंक, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, जापानी येन
    और अमेरिकी डॉलर हैं।
  • यह अमेरिकी डॉलर, यूरो, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन और स्विस फ्रैंक सहित पांच मुद्राओं पर आधारित है, और
    7 अलग-अलग परिपक्वता अवधि में ऋण दर प्रदान करता है।
  • यह ओवरनाइट से लेकर 1 वर्ष तक की परिपक्वता अवधि वाले अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है।

लिबोर को क्यों समाप्त किया जा रहा है?

  • फेडरल रिजर्व और यूके में नियामकों के अनुसार, LIBOR को 30 जून, 2023 तक समाप्त कर दिया जाएगा और
    इसे सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (SOFR) से बदल दिया जाएगा।
  • इसने 2008 के वित्तीय संकट के साथ-साथ दर निर्धारित करने वाले बैंकों के बीच LIBOR हेरफेर से जुड़े
    घोटालों में भूमिका निभाई।
  • 2012 में, LIBOR को जिस तरह से स्थापित किया गया था, और बेंचमार्क दर के रूप में इसकी वैधता से जुड़े
    आलोचना के कारण इसे चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा।
  • LIBOR अल्पकालिक बाजार की तरलता और मूल्य अस्थिरता के प्रति अधिक संवेदनशील हो गया है जो
    प्रणालीगत जोखिम पैदा कर सकता है।
  • सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (SOFR) का व्यापक रूप से दुनिया भर में LIBOR के विकल्प के रूप में
    उपयोग किया जा रहा है।

मौजूदा वैकल्पिक संदर्भ क्या हैं?

सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (SOFR)

  • सुरक्षित ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट (SOFR) का व्यापक रूप से दुनिया भर में LIBOR के विकल्प के रूप में
    उपयोग किया जा रहा है।
  • SOFR को 2017 में न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व की अध्यक्षता वाली वैकल्पिक संदर्भ दर समिति (ARRC) द्वारा
    चुना गया था ।
  • यह डॉलर-मूल्यवर्ग डेरिवेटिव और ऋण के लिए एक बेंचमार्क ब्याज दर है। यूएस ट्रेजरी रेपो मार्केट में लेनदेन
    पर आधारित है।
  • अन्य बेंचमार्क दरें –अमेरिका का SOFR, यूरोपीय संघ का ESTR, जापान का TONAR इत्यादि।

 चुनौतियाँ

  • चूंकि यह पुनर्खरीद (रेपो) बाजारों पर आधारित है, यदि रेपो की दर बढ़ता हैं तो SOFR की दर में भी वृद्धि
    देखी जाती है जैसा की सितंबर 2019 में रेपो दरों में बढ़ोतरी के कारण SOFR एक ही दिन में 2.14% से
    बढ़कर 5.25% हो गया।
  • LIBOR से दूसरी व्यवस्था में स्थानांतरण में कई जटिलताएँ शामिल हैं
    समय सीमा समाप्त होते ही वित्तीय बाजारों में बहुत उतार-चढ़ाव हो सकता है।
    आरबीआई ने दो सर्कुलर जारी किए हैं, जिसमें ट्रांजिशन का रोड मैप और उसके लिए किए जाने वाले इंतजाम
    दिए गए हैं।
  • इसकी दरों के बारे में अवगत न होने की वजह से निवेशक इसको लेकर संशय की स्थिति में हैं। जैसे- अमेरिका का SOFR, यूरोपीय
    संघ का ESTR, जापान का TONAR इत्यादि।
No Comments

Post A Comment