लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन

लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन

स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।

सामान्य अध्ययन – भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था, सामाजिक न्याय , संयुक्त राष्ट्र महिला, विश्व आर्थिक मंच रिपोर्ट 2023,  वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक, लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण।

ख़बरों में क्यों ? 

  • 15-19 जनवरी, 2024 के दौरान स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित  विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में भारत द्वारा  ‘वैश्विक भलाई के लिए गठबंधन- लैंगिक समानता के लिए सहयोग (एलायंस फॉर ग्लोबल गुड-जेंडर इक्विटी एंड इक्वलिटी) ‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
  • विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की समावेशी और उल्लेखनीय विकास गाथा में  “महिला नेतृत्व वाला विकास” के एजेंडा की सराहना के साथ ही “सबका साथ, सबका विकास” के दर्शन के लिए भारत सरकार की प्रशंसा किया है।

ग्लोबल गुड-जेंडर इक्विटी और समानता गठबंधन के बारे में : 

  • भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया पहल  “महिला नेतृत्व वाला विकास” का एजेंडा विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2024 में विश्व स्तर पर समर्थित रहा है, जिसे डब्ल्यूईफ विश्व भर के 10,000 से अधिक व्यवसायों का प्रतिबद्ध समर्थन प्राप्त है।
  • वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में, भारत ने “वसुधैव कुटुंबकम” भावना से भाग लिया, जो डब्ल्यूईएफ के व्यापक विषय (थीम) “विश्वास का पुनर्निर्माण (रीबिल्डिंग ट्रस्ट)” के साथ जुड़ते हुए वैश्विक सहयोग द्वारा चिह्नित एक साझा भविष्य को आकार देने के लिए तैयार है।
  • डब्ल्यूईएफ 2024 में, भारतीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ​​केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, केन्द्रीय  रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव,, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड – डीपीआईआईटी) के सचिव श्री आर के सिंह और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया लिया I
  • इस फोरम की बैठक में डब्ल्यूईएफ और भारत सरकार के समर्थन और सहयोग के साथ “लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन (‘एलायंस फॉर ग्लोबल गुड-जेंडर इक्विटी एंड इक्वलिटी’)”  के शुभारंभ की घोषणा की ।
  • इस गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा करते हुए श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा –  “एक ऐसे स्थान पर जहां धन के प्रवाह के साथ केवल राजनीति की ही बात होती है, वहां हम इस शानदार गठ्बन्धन (ग्रैंड अलायंस) में उद्योग, उद्यम और मानवता के सर्वश्रेष्ठ को एक साथ लाने में सक्षम रहे।” 
  • इस गठबंधन को मास्टरकार्ड, उबर, टाटा, टीवीएस, बायर, गोदरेज, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, आईएमडी लॉज़ेन और उद्योग जगत के 10,000 से अधिक भागीदारों सहित उद्योग जगत के नेताओं से समर्थन प्राप्त हुआ है।
  • इस गठबंधन का आयोजन और संचालन सीआईआई सेंटर फॉर वुमेन लीडरशिप और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित आधार पर किया गया था।
  • इस गठबंधन में विश्व आर्थिक मंच एक ‘नेटवर्क भागीदार’ के रूप में और इन्वेस्ट इंडिया एक ‘संस्थागत भागीदार’ के रूप में शामिल हुआ है।
  • भारत की स्थायी प्रतिबद्धता ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के तहत  ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के लिए “सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास” के प्रति इसके निरंतर प्रयासों को देखते हुए ” लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन (‘एलायंस फॉर ग्लोबल गुड-जेंडर इक्विटी एंड इक्वलिटी’) लिंग संबंधी सभी मुद्दों को निश्चित रूप से ही मजबूती से आगे बढ़ाएगा।
  • केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के नेतृत्व में डब्ल्यूईएफ में इस वर्ष की अनूठी पहल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई ) और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) द्वारा पहली बार महिला नेतृत्व लाउंज (वी लीड लाउंज) थी।
  • इस लाउंज ने “महिला नेतृत्व वाले विकास” और अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, डिजिटल लिंग अंतर को पाटने, महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने आदि विषयों पर विभिन्न पैनल चर्चाओं और बैठकों की मेजबानी की गई थी । 
  • “वी लीड” लाउंज में महिलाओं द्वारा संचालित वैश्विक समृद्धि के लिए महिला उद्यमियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और चाय एवं कॉफ़ी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया।
  • श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के इस वार्षिक बैठक के आठ सत्रों में भाग लिया। जिनमें वैश्विक प्रणालियों में विश्वास बहाल करना’, ‘ब्रिक्स इन एक्सपेंशन’, ‘कैन इंडिया सीज़ इट्स मोमेंट’ और ‘कंट्री स्ट्रेटेजी डायलॉग ऑन इंडिया’ शामिल हैं। इन सत्रों में उनके सार्थक हस्तक्षेप ने लैंगिक समानता और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर विशेष जोर देने के साथ भारत सरकार की नीतियों और पहलों पर बैठक में शामिल सभी देशों का ध्यान केंद्रित किया।
  • डब्ल्यूईएफ के अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने विश्व भर के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कींI उन्होंने बहरीन के सतत विकास मंत्री महामहिम नूर अली अलखुलैफ़, नीदरलैंड की उप प्रधानमंत्री और सामाजिक मामलों और रोजगार मंत्री महामहिम श्रीमती करियन वैन गेनिप और महामहिम सुश्री कैरोलिन एडस्टैडलर, ऑस्ट्रिया के संघीय चांसलरी गणराज्य, यूरोपीय संघ और संविधान की संघीय मंत्री, महामहिम सुश्री कैरोलिन एडस्टैडलर, के साथ परस्पर हितों और संभावित सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा कीI

विश्व आर्थिक मंच : 

  • विश्व आर्थिक मंच की स्थापना 1971 में एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में की गई थी और इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।
  • विश्व आर्थिक मंच वैश्विक स्तर पर क्षेत्रीय और उद्योग एजेंडा को आकार देने के लिए समाज के अग्रणी राजनीतिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक और अन्य नेताओं को शामिल करता है।

विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी किया जाने वाला या प्रकाशित होने वाला कुछ प्रमुख रिपोर्ट : 

  1. वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक
  2. वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट
  3. वैश्विक आईटी रिपोर्ट(INSEAD और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त रिपोर्ट)
  4. वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक रिपोर्ट
  5. वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र महिला :

  • सन 2010 में दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों की जरूरतों और अधिकारों को पूरा करने में प्रगति में तेजी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संयुक्त राष्ट्र महिला की स्थापना की गई थी 
  • संयुक्त राष्ट्र महिला संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का समर्थन करती है क्योंकि वे लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए वैश्विक मानक निर्धारित करते हैं और महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाले कानूनों, नीतियों, कार्यक्रमों और सेवाओं को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए सरकारों और नागरिक समाज के साथ मिलकर काम करते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र महिला चार प्रमुख रणनीतियों महिलाओं का नेतृत्व और राजनीतिक भागीदारी, महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना, और शांति, सुरक्षा और मानवीय कार्रवाई जैसे रणनीतिक प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करती है।

भारत द्वारा लैंगिक अंतर को कम करने के लिए शुरू किया गया पहल : 

भारत द्वारा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में लिंग अंतर को कम करने के लिए शुरू किए गए कुछ प्रमुख पहल निम्नलिखित है –

महिला शक्ति केंद्र: भारत सरकार द्वारा महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना की गई है , जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कौशल विकास में वृद्धि कर और उन्हें रोजगार के अवसरों के साथ जोड़कर  सशक्त बनाना है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय: भारत में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना शैक्षिक रूप से पिछड़े प्रखंडों  (ईबीबी) में स्थापित कर इसे प्रारभ किया गया है।

सुकन्या समृद्धि योजना : भारत सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना को आरंभ किया गया है। इस योजना के द्वारा लड़कियों का बैंकों में खाता खुलवाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया है।

महिला उद्यमिता: महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने स्टैंड-अप इंडिया और महिला ई-हाट (महिला उद्यमियों/एसएचजी/एनजीओ का समर्थन करने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म), उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम (ईएसएसडीपी) जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ : भारत सरकार द्वारा बेटी बचाओ – बेटी पढाओ ’  कार्यक्रम की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य देश में बालिकाओं की संख्या में वृद्धि करना तथा बालिकाओं की सुरक्षा, अस्तित्व और शिक्षा की गारंटी को सुनिश्चित करना  है।

राष्ट्रीय महिला कोष:  भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय महिला कोष का मुख्य उद्देश्य यह है कि एक शीर्ष सूक्ष्म-वित्त संगठन के माध्यम से गरीब महिलाओं को विभिन्न आजीविका के साधनों को मुहैया कराना और आय सृजन गतिविधियों के लिए रियायती दर और शर्त पर ऋण प्रदान करना है।

राजनीतिक आरक्षण : सरकार ने महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 33% सीटें आरक्षित की हैं।

निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से क्षमता निर्माण करना : इस कार्यक्रम  का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को शासन प्रक्रियाओं में प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के  उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।

निष्कर्ष / समाधान : 

 

  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट 2023 के वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक के अनुसार लैंगिक समानता के मामले में भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार देखने को मिला है। हालांकि इसके बावजूद भारत अब भी दुनियाभर के देशों से काफी पीछे है। पिछले साल के मुकाबले भारत की रैंकिंग में इस बार आठ अंकों का सुधार होने के बावजूद भी दुनियाभर के 146 देशों में भारत की रैंकिंग 127वें स्थान पर है।वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2022 की रिपोर्ट में कुल 146 देशों में भारत की रैंकिंग 135 थी। 
  • लैंगिक समानता के मामले में भारत के पड़ोसी देशों में नेपाल, भूटान, चीन, श्रीलंका और बांग्लादेश की रैंकिंग भारत से काफी बेहतर है। जिसमें बांग्लादेश को 59वीं, चीन को 107वीं, नेपाल को 116वीं, भूटान को 103वीं और श्रीलंका को 115वीं रैंक मिली है. वहीं पाकिस्तान को 142वीं रैंक पर रखा गया है।
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर के देशों में सबसे बेहतर प्रदर्शन आइसलैंड का रहा है, जिसने लगातार 14वें साल में 90 प्रतिशत से ज्यादा लिंग अंतर को कम किया है।
  • इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वेतन और आय के मामले में समानता में बढ़ोतरी हुई है, जबकि बड़े पदों और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी पिछले साल के मुकाबले कम हो गई है। वहीं राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में भारत ने 25.3 प्रतिशत समानता दर्ज की है, जो 2006 में रिपोर्ट आने के बाद से सबसे ज्यादा है।
  • दुनियाभर के देशों में मंत्री पदों पर महिलाओं की हिस्सेदारी काफी कम है। दुनिया के 75 देशों में करीब 20 प्रतिशत या उससे कम महिला मंत्री हैं। भारत, तुर्की और चीन जैसे देशों में सात प्रतिशत से भी कम महिला मंत्री हैं, जबकि अजरबैजान, सऊदी अरब और लेबनान जैसे देशों में महिला मंत्रियों की संख्या लगभग शून्य है।

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि लैंगिक समानता कोविड से पहले वाले स्तर तक पहुंच गई है, लेकिन इसकी रफ्तार काफी स्थिर और धीमी हो गई है। अब तक दुनिया के किसी भी देश ने पूर्ण लैंगिक समानता को हासिल नहीं किया है। 
  • इस रिपोर्ट के अनुसार रैंकिंग में जो टॉप-9 देश शामिल हैं, उन्होंने लैंगिक असमानता के 80 प्रतिशत अंतर को पाट दिया है। इसके साथ ही रिपोर्ट यह भी बताता है कि दुनिया में लैंगिक अंतर को पाटने में करीब 131 साल लग सकते हैं, वहीं लैंगिक आधारपर आर्थिक समानता के लिए 169 साल और राजनीतिक समानता के लिए 162 साल लग सकते हैं।
  • लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन का विचार G-20 नेताओं की घोषणा और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता से उभरा है।
  • इस नए गठबंधन का प्राथमिक और घोषित उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्यम के चिन्हित क्षेत्रों में वैश्विक स्तर की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना , आपस में ज्ञान का साझाकरण करना और निवेश को एक साथ लाना है।
  • यह गठबंधन बड़े वैश्विक समुदाय के लाभ के लिए G20 के नेताओं की प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाएगा, जो कि एंगेजमेंट ग्रुप की गतिविधियों और G20 ढांचे के तहत व्यवसाय (बिजनेस) G20 महिला और G20 सशक्तिकरण (जी 20 एम्पावर- ईएमपीओडब्ल्यूईआर) पहल के अनुसरण के रूप में होगा।

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन का आयोजन  विश्व आर्थिक मंच द्वारा किया जाता है।
  2. वर्ष 2024 में  विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित किया गया था।
  3. वर्ष 2024 में  विश्व आर्थिक मंच का थीम ‘ विश्वास का पुनर्निर्माण ’  था ।
  4. इस गठबंधन का आयोजन और संचालन सीआईआई सेंटर फॉर वुमेन लीडरशिप और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा किया गया था।

उपरोक्त कथन / कथनों में कौन सा कथन सही है ? 

(A) केवल 1, 2 और 3 

(B) केवल 2, 3 और 4 

(C ) इनमें से कोई नहीं ।

(D) इनमें से सभी ।

उत्तर – (D)

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. लैंगिक समानता और बराबरी के लिए वैश्विक गठबंधन के विभिन्न आयामों की व्याख्या करते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में स्त्री – पुरूष की लैंगिक समानता और बराबरी की राह में क्या – क्या बाधाएं है ? तर्कसंगत मत प्रस्तुत कीजिए

 

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