16 Dec वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक
वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक
संदर्भ- हाल ही में राज्यसभा ने लुप्त प्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए वन्य जीव संरक्षण विधेयक 2022 पारित किया गया है।
लुप्तप्राय प्रजाति- ऐसे जीवों की आबादी जो या जो संख्या में लगातार कम हो रहे हैं, या जैव विविधता या पारिस्थितिकी परिवर्तन के कारण भविष्य में जिनकी आबादी संकट में है।
वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES)
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, इसका पालन राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय संगठन स्वैच्छिक रूप से करते हैं।
- 1963 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के रूप में इसका ढांचा तैयार किया और 1975 में इसे लागू किया गया।
- वर्तमान में इसमें 183 देश शामिल हैं।
- CITES का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय संकट के कारण वन्य जीवों में होने वाले संकटों को कम करना है।
वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक का उद्देश्य-
- वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को लागू करना है।
- CITES द्वारा संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची का विस्तार करना।
- इसके द्वारा केंद्र सरकार संरक्षित प्रजातियों को आयात व निर्यात के लिए लाइसेंस पर्दान कर सकेगी।
वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021-
- यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1971 में संशोधन करता है,
- विधेयक का उद्देश्य संरक्षित प्रजातियों की संख्या में वृद्धि करना है।
- इसके साथ ही यह CITES के प्रावधानों को लागू करने का प्रयास करता है। जैसे-
प्राधिकरण- विधेयक केंद्र सरकार को एक प्राधिकरण का प्रावधान करता है-
- प्रबंधन प्राधिकरण केंद्र सरकार को निर्यात व आयात के लिए परमिट प्रदान करता है।
- वैज्ञानिक प्राधिकरण, व्यापार किए जा रहे वन्यजीव की जांच कर सलाह देता है।
भारतीय संविधान में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 लागू किया गया था।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972-
- इस विधेयक का उद्देश्य देश की पारिस्थितिकीय और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- भारत की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को उनकी सुरक्षा स्थिति के अनुसार विधेयक में वर्गीकृत किया गया है।
- इसके तहत बिना लाइसेंस की खेती करना अवैध है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विशेषताएं-
- शिकार पर प्रतिबंध- अधिनियम की अनुसूची 1,2,3 व 4 में सूचीबद्ध किसी भी वन्यजीव के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है। धारा 11 के अनुसार शिकार की अनुमति केवल तब मिलती है जब जीव मानव के लिए खतरनाक या रोग से पीड़ित हो।
- पौंधो को काटने या उखाड़ना निषिद्ध- केंद्र सरकार द्वारा निषिद्ध क्षेत्र या वन क्षेत्र से किसी भी पौंधे की प्रजाति को तोड़ने या नष्ट करना निषिद्ध किया गया है।
संशोधन विधेयक पारित करने की प्रक्रिया-
- किसी भी विधेयक को पारित करने के लिए संसद की दोनों सभाओं लोकसभा व राज्यसभा की सहमति के साथ राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक हो जाती है।
- इसमें प्रत्येक संसद से पारित होने के लिए साधारण बहुमत,
- प्रत्येक सदन से पारित होने के लिए विशेष बहुमत,
- और उनके पारित होने व आधे से अधिक विधानमण्डलों द्वारा इसे पारित करने के लिए विशेष बहुमत होना आवश्यक होता है।
- प्रत्येक सदन से इसे पारित होना आवश्यक है जबकि संयुक्त सदन का कोई प्रावधान नहीं होता है।
स्रोत
https://bit.ly/3PvIwdc (इण्डियन एक्सप्रैस)
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