विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह  PVTG

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह  PVTG

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह  PVTG

संदर्भ- हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उड़ीसा के मयूरभंज पहाड़ी से रायसीना पहाड़ी तक यात्रा करेंगी। और इस यात्रा में राष्ट्रपति देश के कमजोर जनजातीय वर्गों से भेंट करेंगी।

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह PVTG

  • विशेष रूप से कमजोर वर्ग की परिकल्पना, जंगलों में रहने वाले आदिमानवों के रूप में की जाती है। 
  • आदिम जनजाति शब्द आदिवासी से आया है, जिसे प्राचीन ग्रंथों में अत्विका कहा गया है। आदिवासी शब्द का प्रथम प्रयोग ठक्कर बाबा ने किया था।
  • महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन या जंगलों व पहाड़ों में रहने वाले भारत के मूल निवासी कहकर पुकारा था।
  • 1973 में ढेबर आयोग ने PVTG को एक अलग आदिम जनजाति के रूप में निर्धारित किया जो सामान्य अनुसूचित जनजाति से कम विकसित थे। 
  • 2006 में भारत सरकार ने इसे विशिष्ट रूप से कमजोर जनजातीय वर्ग यानि PVTG के रूप में निर्धारित किया।
  • वर्तमान में इनकी स्थिति अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से कहीं अधिक कमजोर है। 
  • पीवीटीजी सूची सरकार द्वारा लुप्तप्राय जनजातीय समूहों के जीवन स्तर को, प्राथमिकता के आधार पर सुधारने के उद्देश्य से बनाई गई थी। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुसार, 75 पीवीटीजी 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। 

PVTG की कुछ सामान्य विशेषताएं

  • अलग थलग रहने वाली प्रजाति
  • एक साधारण सामाजिक संस्थान
  • लिखित भाषा का अभाव
  • वर्तमान विकास, प्रौद्योगिकी से विलग लघु आबादी

ढेबर आयोग 

  • अनुसूचित जनजातियों के अंतर्गत आने वाली सभी जातियों के विकास की गति का अध्ययन करने के लिए 1960-61 में ढेबर आयोग का गठन किया गया। 
  • इसके अध्यक्ष के रूप में उछरंग्रै नवलशंकर ढेबर के नियुक्त किया गया।
  • ढेबर आयोग की रिपोर्ट के आँकड़ों के आधार पर अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत एक उपवर्ग बनाया गया, जिसे आदिम जनजाति समूह कहा गया। इसके आधार आदिम जनजाति समूह की विशेष पहचान की गई जैसे- जनजाति का अर्थव्यवस्था में कृषि का अभाव पाया गया।

ढेबर आयोग के अनुसार आदिम जनजाति समूह की विशेषताएं

  • इनका निर्वहन शिकार के माध्यम से होता है।
  • जनसंख्या वृद्धि दर शून्य या नकारात्मक पाई गई।
  • साक्षरता दर अन्य अनुसूचित जनजीतियों से कम पाई गई। 

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह PVTG का विकास- विशेष रूप से कमजोर वर्ग के विकास के लिए सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की गई हैं-

पीटीजी विकास योजना- यह योजना 1998-99 में शुरु की गई थी। इसमें आवास बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा स्वास्थ्य, पशु विकास आदि शामिल किए गए थे।

संरक्षण एवं विकास योजना- 2007-08 के दौरान में गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों से पीटीजी की सुरक्षा की कोशिश की गई थी। भारत में 14 जनजातीय संस्थान स्थापित किए गए थे। जिसमें जनजातीय कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाता है।

आदिवासी उत्पाद व उत्पादन विपणन योजना- 

  • योजना के द्वारा आदिवासी उत्पादों को विकसित करने व उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने में मदद की जाती है।
  •  इसके तहत आदिवासियों को उनकी सांस्कृतिक विविधता के संरक्षण करने में मदद की जाती है।
  • आदिवासियों द्वारा निर्मित वनीय एवं कृषक उत्पादों के निर्णाण के लिए मदद प्रदान की जाती है।
  • कौशल विकास कार्यक्रमों के द्वारा उनके उत्पादों को बाजार में बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जाता है ताकि उन्हें इनका उचित मूल्य मिल सके।

प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन- 

  • भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2023-24 के बजट में प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत की है।
  • यह मिशन 15000 करोड़ के बजट के साथ शुरु किया जाना है।
  • बजट के प्रमुख उद्देश्यों (अंतिम छोर तक पहुँच) में से एक आदिवासी सशक्तिकरण है। 

अनुसूचित जनजाति 

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366 व 342 में अनुसूचित जनजाति शब्द का प्रयोग किया गया है। ये वे आदिवासी समूह हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित किया हो।
  • संविधान के अनुच्छेद 15(4), 29, 46 व 350 इन्हें शिक्षा में अतिरिक्त सुविधा देता है।
  • अनुच्छेद 23 व 24 में अनुसूचित जनजाति को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  • भारत में कुल 705 अनुसूचित जनजातियाँ है।

स्रोत

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