विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की

चर्चा में 

  • यूजीसी ने हाल ही में फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की जिसमें देश के कुल 21 विश्वविद्यालय शामिल है।
  • यूजीसी ने 25 अगस्त 2022 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 1956 का उल्लंघन कर रहे देश के विभिन्न राज्यों (दिल्ली, उत्तर प्रदेश,कर्नाटक केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,पुदुचेरी और आंध्र प्रदेश) के नकली संस्थानों की सूची जारी की है। जिसमें दिल्ली अधिकतम 8, उत्तर प्रदेश 4 संस्थानों के साथ शीर्ष पर हैं। 

विश्वविद्यालय-

  • ऐसे शैक्षिक संस्थान जिनमें किसी विशेष विषय में विद्वता प्राप्त की जाती है। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला में था। जहाँ 60 से अधिक विषयों की शिक्षा दी जाती थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 1956 के अनुच्छेद 22(1) के अनुसार केंद्रीय या राज्य अधिनियम और यूजीसी अधिनियम के अनुच्छेद 3 के अंतर्गत स्थापित विश्वविद्यालय को ही संसदीय अधिनियम द्वारा उपाधि प्रदान करने का अधिकार है। ऐसे संस्थान ही ‘विश्वविद्यालय’ कहे जाएंगे।

फर्जी विश्वविद्यालय-

  • ऐसे संस्थान जो सरकारी मान्यता युक्त डिग्री या डिप्लोमा देने का दावा करते हैं तथा देश के अद्यतन या गैर मान्यता प्राप्त संस्थान जिनमें यूजीसी के अधिनियम 23 के अनुसार विश्वविद्यालय शब्द निसिद्ध है। यदि वे विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग कर रहे हैं, तो वो नकली अथवा फर्जी विश्वविद्यालय हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-

  • उच्च शिक्षा से संबंधित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयऔर उच्च शिक्षा संस्थानों को दिए जाने वाले अनुदान से संबंधित सभी मामलों की देखरेख के लिए यूजीसी का गठन तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 28 दिसम्बर 1953 को औपचारिक रूप से किया। तथा 1956 में इसे  औपचारिक रूप से संवैधानिक निकाय बना दिया गया। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्य

  • देश में विश्वविद्यालय शिक्षा के मानकों का समन्वय, निर्धारण व रखरखाव करना।
  • शिक्षा के न्यूनतम मानकों में समन्वय।
  • महाविद्यालयों के विकास की निगरानी।
  • महाविद्यालय व विश्वद्यालयों को अनुदान प्रदान करना। 
  • विश्वविद्यालय शिक्षा में आवश्यक सुधार हेतु केंद्र व राज्य सरकारों को परामर्श देना।

फर्जी विश्वविद्यालय की अवैधानिक गतिविधियाँ

  • नकली डिग्री बेचना।
  • सरकारी मानक युक्त उपाधि देने का दावा करना।
  • बिना किसी संस्थान के फर्जी डिग्री बेचना।
  • एडमिशन के नाम पर अभ्यर्थी की व्यक्तिगत जानकारी लेकर फिशिंग अटैक जैसी घटनाओं अंजाम देना।

फर्जी विश्वविद्यालय का प्रभाव-

  • देश में अवैध विश्वविद्यालय, आर्थिक व सामाजिक रूप से नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।
  • योग्यता को अवैध डिग्री से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, जो निराशाजनक है।
  • ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की अवैधानिक वैबसाइट बनाकर विद्यार्थियों से प्रवेश(एडमिशन) के नाम पर धन लूटा जा सकता है। 

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस क्षेत्र में कई प्रयास किए गए-

  • मई 2004 की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय केंद्रीय सरकार में कार्य कर रहे 463 कर्मचारी नकली डिग्री धारी थे। जिससे फर्जी विश्वविद्यालयों की जानकारी प्राप्त हुई।
  • यूजीसी ने 2015 में 23 फर्जी विश्वविद्यालयों के नाम जारी किए थे।
  • प्रति वर्ष यूजीसी फर्जी विश्वविद्यालयों का नाम जारी कर विद्यार्थियों को आगाह करती है।
  • इस वर्ष भी फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की गई।

Yojna IAS daily current affairs Hindi med 29thAugust

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