वैश्विक स्वास्थ्य के लिये जीनोमिक्स

वैश्विक स्वास्थ्य के लिये जीनोमिक्स

विकासशील देशों को जीनोमिक प्रौद्योगिकियों को पारित करने की वकालत करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की विज्ञान परिषद ने  एक रिपोर्ट “वैश्विक स्वास्थ्य के लिये जीनोमिक्स तक पहुंँच में तेज़ी” जारी की है।

  • WHO की 10 साल की रणनीति के लिए रिपोर्ट ने रोगजनकों की जीनोमिक निगरानी करने के लिए निश्चित किया गया है
    • कोविड-19 महामारी के दौरान वैश्विक स्तर पर जीनोमिक निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, अपनी क्षमताओं के कारण वेरिएंट का पता लगाने में दक्षिण अफ्रीका जैसे देश इस क्षेत्र में  आवश्यक योगदान देने में सक्षम हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 

  • जीनोमिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंँच का विस्तार विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMIC) के लिये करने की आवश्यकता है।
  • ऐसी तकनीकों तक देर से पहुँच प्राप्त करना नैतिक या वैज्ञानिक रूप से कम संसाधनों वाले देशों के लिये  उचित नहीं है।
  •  बेहतर वित्तपोषण, प्रयोगशाला के बुनियादी ढाँचे, सामग्री और उच्च प्रशिक्षित कर्मियों की कमी को दूर कर जीनोमिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंँच का विस्तार करने की आवश्यकता है।
  • इसका सम्पूर्ण लाभ उठाने के लिए इन तकनीकों को दुनिया भर में तैनात किया जाना आवश्यक है।
    • हर जगह, हर किसी के स्वास्थ्य में बेहतर सुधार केवल समानता के माध्यम से ही किया जा सकता है, एवं विज्ञान अपने पूर्ण संभावित प्रभाव तक पहुँच सकता है।
  • चार विषयों को संबोधित करने की सिफारिश रिपोर्ट ने  की:
    • वकालत, कार्यान्वयन, सहयोग और संबद्ध नैतिक, कानूनी और सामाजिक मुद्दे।
  • रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि WHO सिफारिशों को आगे बढ़ाने और उनके अनुप्रयोगों की निगरानी के लिये  जीनोमिक्स समिति का गठन करे ।
  • जीनोमिक्स:

    • जैव रसायन, आनुवंशिकी एवं आणविक जीव विज्ञान विधियों का उपयोग जीनोमिक्स क्षेत्र में डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) और राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) में जैविक जानकारी को समझने तथा उपयोग करने हेतु किया जाता है।
    • जीनोमिक विज्ञान में उपयोग की जाने वाली अनेक तकनीक प्रचलित हैं और उनका विस्तार आज भी जारी है।
      • जीनोमिक्स क्षेत्र में सभी जीवों में जिसमे वायरस भी शामिल हैं समग्र आनुंशिक जानकारी एवं जैविक सूचनाओं को चित्रित करने के लिये डिज़ाइन किया जाता है जो जीनोम्स में संग्रहीत होते हैं जैसे- DNA के न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम (या कभी-कभी RNA)।
  • अनुप्रयोग:

    • संक्रामक रोगों के नियंत्रण में :
      • संक्रमण के लिए जिम्मेदार  घटकों के विकास का अध्ययन।
      • संक्रामकता और रोगजनकता प्रदान करने के लिए विशिष्ट जीनों को फेनोटाइपिक बनाना।
      • एक संक्रामक घटक की संवेदनशीलता या दवाओं के प्रतिरोध का मूल्यांकन करना।
    • आनुवंशिक स्थितियों का निवारण और प्रबंधन:
      • आनुवंशिक विकार के लिये ज़िम्मेदार वाहक स्थिति का मूल्यांकन करना।
      • एकल जीन विकारों की जाँच और उनका निदान।
      • कई पुरानी बीमारियों के लिये रोग की संवेदनशीलता या प्रवृत्ति का आकलन करना।
      • विषाक्तता को कम करने के लिये क्रिया तंत्र या चयापचय के आनुवंशिक निर्धारकों के आधार पर दवाओं का चयन करना।
    • कृषि:
      • विभिन्न जंगली प्रजातियों में व्याप्त आनुवंशिक विविधता की सूची तैयार करना।
      • स्वास्थ्य और व्यावसायिक लक्षणों के लिये आनुवंशिक रूप-रेखा का आकलन करना।
      • पर्यावरणीय तनाव के प्रति संवेदनशीलता और प्रतिक्रियाओं की भविष्यवाणी करना।

रिपोर्ट की सिफारिशें

  • जीनोमिक्स को बढ़ावा: विभिन्न पक्षों  द्वारा समर्थन के माध्यम से सभी सदस्य राज्यों में जीनोमिक्स को अपनाने या इसके विस्तारित उपयोग को बढ़ावा देना।
    • WHO को अपनी नेतृत्वकारी भूमिका के माध्यम से  अपने सदस्य राज्यों में जीनोमिक्स के विस्तारित उपयोग का समर्थन करने के लिये वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में  का उपयोग करना चाहिये।
    • WHO को वैश्विक स्तर पर जीनोमिक तकनीक तक सस्ती पहुँच के माध्यम से सभी सदस्य राज्यों विशेष रूप से निम्न और माध्यम आय वाले देशों में बेहतर स्वस्थ्य सुविधायों तक पहुँच को सुदृढ़ करना चाहिए।
  • जीनोमिक कार्यप्रणाली:
    •  उचित प्रावधान के माध्यम से जीनोमिक्स के कार्यान्वयन में बाधा डालने वाले व्यावहारिक मुद्दों की पहचान कर उन्हें दूर किया जाना चाहिये।
      • WHO को सदस्य राज्यों को जीनोमिक कार्यक्रमों के कार्यान्वयन हेतु प्रशिक्षण और  मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिये।
      • सदस्य राज्यों को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से जीनोमिक क्षमताओं के निर्माण या विस्तार करना चाहिए ।
  • संलग्न संस्थाओं के बीच सहयोग:
    • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए WHO को प्रभावी मौजूदा सहयोगी व्यवस्थाओं को मज़बूत करके और विशिष्ट ज़रूरतों के लिये नई व्यवस्थाओं के निर्माण करना चाहये।
    • उद्योग, शिक्षा और नागरिक समाज को महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याओं, विशेष रूप से LMICs में प्रचलित समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिये जीनोमिक्स के उपयोग पर सहयोग करना चाहिये।
  • जीनोमिक्स द्वारा उत्पन्न मुद्दों पर ध्यान देना:
    • WHO की जीनोमिक्स समिति को जीनोमिक्स के नैतिक एवं सामाजिक प्रभावों से निपटने के लिये मार्गदर्शन के संरक्षक के रूप में कार्य करना चाहिये, जिसमें जीनोमिक से संबंधित जानकारी का वैश्विक शासन भी शामिल है।
    • सदस्य राज्यों में स्थित संगठनों, विशेष रूप से वित्तपोषण एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी इकाइयों को ELSIs व WHO तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय निकायों द्वारा जीनोमिक ELSIs से संबंधित शेष मुद्दों के समाधान विकसित करने के प्रयासों के प्रति तत्पर रहना चाहिये।
  • जीनोमिक्स के आर्थिक, सामाजिक, स्वास्थ्य, और पर्यावरण सम्बन्धित लाभ:
    • यह मशीनों और अभिकर्मकों का उत्पादन  करने एवं वाणिज्यिक लाभ के लिये प्रत्यक्ष प्रोत्साहन सेवाएँ प्रदान करता है ।
    • अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन के माध्यम से जनसंख्या स्वास्थ्य में सुधार (बेहतर चिकित्सा देखभाल, जीवन की गुणवत्ता, संभावित रूप से कम स्वास्थ्य देखभाल उपयोग) और बौद्धिक संपदा अधिकारों के निर्माण में सहायता  प्रदान करता है।
    • विभिन्पन पदों पर रोज़गार का सृजन करता है,  जैसे कि शैक्षणिक, चिकित्सा और व्यावसायिक ।
    • गरीबी, भूख और स्वास्थ्य से संबंधित प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों; विशेष रूप से  सतत् विकास लक्ष्य 1 से 3 प्राप्त करने में मदद करता  है।
    • इसके अलावा यह संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों 14 और 15 के तहत समुद्री और भूमि संसाधनों के संरक्षण के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में सहायता करता है।
    • कोविड -19  एवं कैंसर जैसे  विभिन्न प्रकार की बीमारियों का उपचार करने में जीनोमिक्स  मानव स्वास्थ्य में भारी योगदान दे सकता है।

Yojna IAS Daily Current Affairs Hindi med 15th July

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