शचींद्रनाथ सान्याल

शचींद्रनाथ सान्याल

 

  • ‘शचींद्रनाथ सान्याल’ (1893 – 1942) की 80वीं पुण्यतिथि 7 फरवरी को मनाई गई। उनका जन्म 3 अप्रैल 1893 को वाराणसी में हुआ था।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:

  • शचींद्रनाथ सान्याल ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध करने के उद्देश्य से ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (एचआरए) की स्थापना की।
  • उन्होंने वर्ष 1913 में पटना में ‘अनुशीलन समिति’ की एक शाखा की स्थापना की।
  • 1912 के दिल्ली षडयंत्र मामले में सान्याल ने रास बिहारी बोस के साथ तत्कालीन वाइसराय लॉर्ड हार्डिंग पर हमला किया।
  • वह व्यापक रूप से ‘ग़दर’ साजिश की योजनाओं में शामिल था, और फरवरी 1915 में इसका पर्दाफाश होने के बाद भूमिगत हो गया। शचींद्रनाथ सान्याल रास बिहारी बोस के करीबी सहयोगी थे।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जापान जाने के बाद, शचींद्रनाथ सान्याल को भारत के क्रांतिकारी आंदोलन का सबसे वरिष्ठ नेता माना जाता था।
  • वे चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के गुरु थे।
  • सान्याल और महात्मा गांधी 1920 और 1924 के बीच ‘यंग इंडिया’ में प्रकाशित एक प्रसिद्ध बहस में शामिल थे। सान्याल ने गांधी के ‘क्रमिक दृष्टिकोण’ के खिलाफ अपने तर्क प्रस्तुत किए।
  • सान्याल को काकोरी षड्यंत्र में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में कैद किया गया था। यहां उन्होंने अपनी पुस्तक बंदी जीवन (ए लाइफ ऑफ कैप्टिविटी, 1922) लिखी।

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