07 Oct शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की रोकथाम
शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की रोकथाम
संदर्भ- हाल ही में नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान–
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता के संबंध में एमसी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार विभिन्न वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत कार्यान्वयन के लिए एक श्रेणीबद्ध कार्य योजना तैयार की गई है।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण के माध्यम से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 2017 को लागू किया गया था।
- राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकाक को मध्यम, खराब, बहुत खराब और गंभीर या आपातकाल की श्रेणी में रखा गया है।
शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की रोकथाम
- खराब श्रेणी के वायु में परिवेशीय कण पदार्थों PM2.5-PM10 की सांद्रता क्रमशः 61-120 µg/m3 और 101-350 µg/m3 के मध्य आंकी गई है। इस श्रेणी में सुधार हेतु-
- निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट के धूल शमन उपायों और ध्वनि के पर्यावरण प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- गैर-विकास क्षेत्र के औद्योगिक अपशिष्ट का नियमित रूप से उठान और उचित निपटान सुनिश्चित करना।
- लैंडफिल व अन्य स्थानों पर कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध।
- पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध
- फ्लाई ऐश तालाबों को समय समय पर नियमितता से पानी देना।
- सड़क पर यातायात को कम करने के लिए कार्यालयों को कर्मचारियों के लिए एकीकृत आवागमन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बहुत खराब श्रेणी के वायु परिवेशीय कण पदार्थों PM2.5 – PM10 की सांद्रता क्रमशः 121-250µg/m3 और 351-430 µg/m3 के मध्य आंकी गई है। इस श्रेणी में सुधार हेतु-
- डीजल जनरेटर के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
- बस और मेट्रों की सेवा की आवृत्ति में वृद्धि।
- श्वसन और हृदय रोगियों को बचाने के लिए प्रदूषित क्षेत्र और बाहरी आवाजाही को प्रतिबंधित करें।
- लोगों को दूषित वातावरकण से बचाने के लिए समाचार पत्रों/टीवी/रेडियो में अलर्ट जारी कर सलाह देना।
- गंभीर श्रेणी के वायु परिवेशीय कण पदार्थों PM2.5 – PM10 की सांद्रता क्रमशः 250µg/m3 और 430µg/m3 से अधिक आंकी गई है। इस श्रेणी में सुधार हेतु-
- सड़कों पर पानी का छिड़काव और सड़क की मशीनीकृत सफाई की आवृत्ति में बढ़ोतरी।
- ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर को प्रतिबंधित करना।
- बदरपुर पावर प्लांट को बंद कर प्राकृतिक गैस से बिजली का उत्पादन बढ़ाकर एनसीआर में कोयला आधारित संयंत्रों के संचालन को कम करना
- गंभीर से अधिक आपातकालीन श्रेणी के वायु परिवेशीय कण पदार्थों PM2.5 – PM10 की सांद्रता क्रमशः 300µg/m3 और 500 µg/m3 से अधिक आंकी जाए, इस श्रेणी में सुधार हेतु-
- अतिआवश्यकीय सामग्री युक्त ट्रकों के अतिरिक्त दिल्ली में अन्य ट्रक ट्रैफिक के प्रवेश को कम करना।
- निर्माण गतिविधियों को रोकना।
- लाइसेंस प्लेट के सम विषम नम्बर योजना(Odd Even Scheme) के अनुसार व्यक्तिगत वाहनों की गतिविधियों को कम करना।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान का प्रभाव-
- कार्य के निष्पादन में नियुक्त की गई एजेंसियों की जिम्मेदारियों के स्पष्ट सीमांकन के कारण यह योजना प्रतिपादन में प्रशासन सफल रहा।
- बदरपुर थर्मल पावर प्लांट को सफलता पूर्वक बंद किया गया।
- BS-6 ईंधन युक्त वाहनों को दिल्ली में शुरू किया गया जिसके तहत विशेष डीजल पर्टिकुलेट फिल्टर लगाना आवश्यक होता है, जिससे वायु में NO2, CO, SO2 आदि तत्वों को कम करने में सदद मिली।
- EPCA द्वारा दिल्ली में सार्वजनिक वाहनों जैसे बस व ऑटो के लिए सीएनजी ईंधन आवश्यक किया जो दिल्ली की हवा को साफ करने में प्रभावकारी सिद्ध हुआ।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग-
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, अगस्त 2021 में स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
- वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए 18 सदस्यीय आयोग का गठन किया गया।
- पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पूर्व सचिव एम एम कुट्टी को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
- आयोग वायु गुणवत्ता सूचकांक के पहचान, प्रबंधन, अनुसंधान व वायु गुणवत्ता में आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए गठित किया गया था।
- आयोग के दिशा निर्देश का पालन न करने पर 5 साल की कैद व 1 करोड़ रुपया जुर्माना निर्धारित किया गया था।
सफर(सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एण्ड वैदर फोरकास्टिंग एण्ड रिसर्च) प्रोजैक्ट-
- सफर एक अनुसंधान आधारित प्रबंधन प्रणाली है, जहाँ वायु प्रदूषण की रणनीतियाँ, देश के विकास को साथ लेकर चलती है।
- सफर प्रणाली भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा ईएसएसओ भागीदार संस्थानों जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और राष्ट्रीय मध्यम दूरी मौसम पूर्वानुमान केंद्र के साथ विकसित की गई है।
- यह मौसम के मापदंडों पर पूर्व चेतावनी प्रणाली से संबंधित है।
- SAFAR के तहत विभिन्न उपयोगकर्ता के अनुकूल प्रसार प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं, जिन्हें कोई भी व्यक्ति बिना किसी स्थान और समय की बाधा के एक्सेस कर सकता है। इससे जागरूकता में सुधार होगा और शमन योजना में मदद मिलेगी जिससे “बेहतर शहर, बेहतर पर्यावरण, बेहतर जीवन” प्राप्त हो सकता है।
स्रोत-
https://caqm.nic.in/index1.aspx?lsid=11&lev=2&lid=17&langid=1
https://cpcb.nic.in/uploads/final_graded_table.pdf
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