उभरते क्षेत्रों में श्रमिक संघों की भूमिका

उभरते क्षेत्रों में श्रमिक संघों की भूमिका

उभरते क्षेत्रों में संघों की भूमिका

संदर्भ- पिछले कुछ समय स उभरते हुए क्षेत्रों से छंटनी की देश विदेश से कई खबरें सामने आई। बड़े, मध्यम व छोटे उद्यमों ने भी दर्जनों श्रमिकों को जाने दिया है।

  • 2022 में बायजू, ओला, अनअकेडमी, वेदांतु, चार्जबी, व्हाइटहट जुनियर, उड़ान, सिटीमॉल जैसे उभरते क्षेत्रों ने छंटनी की।
  • वैश्विक स्तर पर अल्फाबैट, अमेजन, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और एप्पल ने कर्मचारियों को जाने दिया।
  • वैश्विक स्तर की कंपनी अमेजन ने भारत में अमेजन फूड व अमेजन एकेडमी को बंद कर दिया था। NITES के अनुसार अमेजन ने श्रम कानूनों का उल्लंघन किया है। 

छंटनी के कारण-

  • कर्मचारी पुनर्गठन,
  • लागत में कटौती,
  • स्वचालन और वित्तीय़ बाधा,
  • प्रदर्शन रेटिंग, 
  • प्रतिकूल आर्थिक स्थिति और 
  • व्यापार मॉडल में बदलाव आदि शामिल हैं।

National Information Technology Employees Senate (NITES)

  • नवजात सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारी सीनेट का नाम पूर्व में राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारी सीनेट था। 
  • NITES संस्था भारत में IT, BPO, KPO पेशेवरों के कल्याण, अधिकार, न्याय औऱ अधिकारिता के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहा है।
  • NITES अवैध बर्खास्तगी, छंटनी, वेतन में कमी, अर्जित अवकाश में कमी, मातृत्व लाभ से वंचित और विभिन्न अन्य रोजगार के मुद्दों का सामना कर रहे श्रमिकों का समर्थन करता है।

भारत में कर्मचारियों हेतु वैधानिक कानून

श्रम संघ- संघ के सदस्यों के हितों के लिए कर्मचारी व नियोक्ताओं द्वारा बनाया गया श्रम संगठन होता है। श्रमिक संघ अधिनियम 1926 में पारित किया गया था तथा संगठनों को कानूनी प्रतिष्ठा श्रमिक संघ 2008 द्वारा प्रदान की गई थी। अधिनियम सम्पूर्ण भारत में कर्मकार व नियोक्ता के मध्य संबंधों को विनियमित करने और विवादों को निपटाने के लिए विनियमित किया गया था।

(1)औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 औद्योगिक क्षेत्र में कर्मचारी व नियोजकों के मध्य विवादों का निपटारा करने के लिए पारित किया गया था जो निम्नलिखित विषयों पर आधारित होता है-

  • वेतन की बढ़ोतरी व भत्तों की मांग करना
  • बोनस का भुगतान व उसकी दर निर्धारित करने हेतु 
  • सामाजिक सुरक्षा संबंधी लाभों को बढ़ाने की मांग,
  • कार्य की सुरक्षित दशाओं जैसे कार्य के घण्टे, कार्य दिवसों के मध्य में अवकाश, शारीरिक श्रम संबंधी कार्यों के लिए अवकाश की मांग करना।
  • मनोवैज्ञानिक घटकों जैसे कर्मचारी द्वारा उसकी आत्माभिव्यक्ति, व्यक्तिगत उपलब्धि व उन्नति से संबंधित आकांक्षाओं की पूर्ति से इंकार करना।

विवाद के निपटान के लिए केंद्रीय सरकार औद्योगिक अधिकरणों व श्रम न्यायालयों की स्थापना की गई है। 

(2) मौलिक अधिकार

  • अनुच्छेद 14-16 विधि के समक्ष समानता पर आधारित है, जो नियोजन के संदर्भ में अवसर की समानता का भी प्रतिनिधित्व करता है। 
  • अनुच्छेद 19(1)(क) प्रत्येक व्यक्ति को यूनियन बनाने का अधिकार देता है। अतः श्रमिकों को संघ बनाने का अधिकार प्रदेन करता है।
  • अनुच्छेद 23 के तहत मानव का दुर्व्यापार और बेगार श्रम निषिद्ध किया जाता है। इस अपराध का उल्लंघन दण्डनीय अपराध है।

(3) अनुच्छेद 38 के अनुसार राज्य आय की असमानताओं को समाप्त करने का प्रयास करेगा। औऱ विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के विभिन्न व्यवसायं के बीच प्रतिष्ठा स्थापित करने के साथ अवसरों की असमानता समाप्त करने का प्रयास करेगा।

(4) अनुच्छेद 43 के तहत राज्य सभी प्रकार के कर्मकार को काम, निहित मजदूरी, शिष्ट जीवन स्तर व अवकाश में निहित सामाजिक व सांस्कृतिक अवसर प्रदान करता है।

(5) सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020  के तहत सभी कर्मचारी व मजदूर जो संगठित, असंगठित या किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं, को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है।

(6) श्रम कानून 2021 के तहत निर्धारित समय से 15 मिनट अधिक कार्य करने पर ओवर टाइम की भुगतान का प्रावधान किया गया था। 

(7) 2022 श्रम संहिता के अनुसार संगठन 9 घण्टे की शिफ्ट को 12 घण्टे में बदलकर सप्ताह में तीन दिन का अपकाश प्रदान कर सकते हैं। यह नीति 1 जुलाई 2022 से प्रभावी है।

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चुनौतियाँ

  • स्टार्ट अप उद्योगों में श्रम संगठन का अभाव जिससे छटनी निर्विरोध हो जाती है।
  • IT क्षेत्र में संगठन की कमी- कर्मचारियों का संगठित होना पहले से मुश्किल हो गया है। IT क्षेत्र में किसी विशेष कार्य कौसल युक्त कर्मचारी होते हैं जो असुविधा होने पर कार्यक्षेत्र बदल लेते हैं, कौशल होने पर यह आसान हो जाता है।

आगे की राह 

  • संगठित व असंगठित सभी तरह के कर्मचारियों को संगठित होने के लिए प्रचार प्रसार करना।
  • कर्मचारियों के वैधानिक अधिकारों के लिए जागरुक करना आदि।

स्रोत

द हिंदू

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