03 Dec संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और भारत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और भारत
संदर्भ- हाल ही में भारत ने UNSC की अध्यक्षता ग्रहण की है, भारत ने निर्वाचित सदस्यता के कार्यकाल में दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता प्राप्त की है। भारत ने इससे पहले अगस्त 2021 में य़ूएनएससी की अध्यक्षता संभाली थी।
सुरक्षा परिषद- संयुक्त राष्ट्र चार्टर ने संयुक्त राष्ट्र के 6 प्रमुख अंगों की स्थापना की जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इसका प्रमुख अंग है। यह सुरक्षा परिषद को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने की प्रथमिक जिम्मेदारी देता है, जो विश्व में शांति की स्थापना के लिए बैठक का आयोजन करते हैं।
इनके प्रमुख उद्देश्य हैं-
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा व शांति बनाए रखना।
- राष्ट्रों के बीच मैत्री बनाए रखना।
- अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं को हल करने और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में सहयोग करना।
- राष्ट्रों के बीच सामंजस्य के लिए एक केंद्र बनना।
सदस्यता-
- संयुक्त राष्ट्र में 15 सदस्य हैं जिनमें 5 सदस्य स्थायी व 10 सदस्य अस्थाय़ी हैं।
- स्ठायी सदस्यों में रुस, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस व चीन हैं।
- शेष 10 सदस्यों में से 5 सदस्य क्षेत्रीय स्थिति के अनुसार जनरल असैंबली द्वारा दो वर्ष के लिए चुने जाते हैं।
- ये 10 सदस्य हैं- अल्बेनिया, ब्राजील, गेबान, घाना, भारत, आयरलैण्ड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे और यूनाइटेड अरब अमीरात।
- स्ठायी सदस्यों को किसी भी काउंसिल के निर्णय में वीटो का अधिकार होता है।
- अध्यक्षता- सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष देश हर माह अंग्रेजी वर्णमाला के वर्णों के अनुसार परिवर्तित हो जाता है।
सुरक्षा परिषद में सुधार- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 मुद्दे शामिल हैं-
- सदस्यता की श्रेणी
- 5 स्थायी सदस्यों द्वारा वीटो का प्रश्न
- क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व
- एक विस्तृत परिषद का आकार इसके कार्य करने के तरीके
- सुरक्षा परिषद महासभा संबंध
सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र में किसी भी सुधार के लिए महासभा में एक वोट में कम से कम दो तिहाई संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों की सहमति की आवश्यकता होगी।
- सभी स्थायी सदस्यों को भी इससे सहमत होना होगा।
वर्तमान वैश्विक चुनौैतियां
महामारी- सम्पूर्ण विश्व ने कोविड महामारी का प्रकोप झेला जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक रूप से लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
आतंकवाद- आतंकवाद से वैश्विक शांति भंग हो रही है, संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख उद्देश्य के रूप में इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाना आवश्यक हो जाता है। भारत में LAC विवाद प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।
जलवायु परिवर्तन- जलवायु परिवर्तन का मुद्दा, जो जी 20 में भी उठाया गया था, जिसके प्रभावों से होने वाली क्षति व हानि के मुद्दे के साथ वैश्विक रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
सुधारित बहुपक्षवाद– इसके तहत वर्तमान परिस्थितियों के अनुकूल यूएनएससी के संगठन में सुधार की आवश्यकता है। वैश्विक आपातकाल के समय स्थितियों से निपटने के लिए मार्ग का अभाव, युद्ध की स्थितियों से निपटने के लिए अधिक सक्षम प्रतिनिधित्व का अभाव है। जिसे बहुपक्षवाद में सुधार के साथ सक्षम बनाया जा सकता है।
सुदृढ़ आतंकवाद विरोधी संगठन- भारत समेत विश्व में आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी पारगमन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आतंकवाद विरोधी संगठन के रूप में SCO, CSTO और CIS जैसे संगठन कार्य करते हैं जिन्हें सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
आगे की राह
- भारत को उपरोक्त चुनौतियों से निपटने के लिए अध्यक्षता के तौर पर सभा का आयोजन कर समस्याओं पर अपना पक्ष रख सकता है।
- परिषद में सुधार करने हेतु सदस्य राष्ट्रों से सहमति लेने का प्रयास कर सकता है।
स्रोत
https://indianexpress.com/article/india/india-assumes-monthly-presidency-of-unsc-8301413/
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