सीमा विवाद

सीमा विवाद

असम मेघालय विवाद

संदर्भ- हाल ही में मेघालय के पास गांव में कथित तौर पर लकड़ी के तस्करी के प्रयास को लेकर पुलिस व भीड़ के बीच झड़प में एक असम पुलिस व 6 अन्य लोगों की मौत हो गई।

असम के पास वन जाँच चौकी पर न रुकने पर पुलिस द्वारा ट्रक का पीछा किया गया, मेघालय की सीमा के अंतर्गत भीड़ ने असम पुलिस का विरोध किया। अकारण सीमा के अंतर्गत आने के लिए मेघालय सरकार ने असम की पुलिस की निंदा की है।

असम मेघालय के मध्य सीमा विवाद

  • असम और मेघालय सीमा सांझा करते हैं, इनकी सीमाओं के 12 बिंदुओं पर विवाद है।इन विवादित क्षेत्रों की पहचान 2011 मं की गी थी। जो 2700 वर्गकिमी में फैला है। यह इलाके हैं- ताराबरी, गजांग रिजर्व फॉरेस्ट, हाहिम, लंगपीह, बोरदुअर, बोक्लापारा, नोंगवा, मालमूर, खानापना, पिलंगकटा, देशदेमोरिया,ब्लाॉक 1, ब्लाॉक 2, खंडुली, रेटाचेरा।
  • असम और मेघालय की सीमारेखा 885 किमी. लम्बी है।
  • असम और मेघालय का सीमा विवाद राज्य गठन के समय 1972 से ही है।
  • दोनों राज्यों एक नीति में सहमत हैं कि कोई भी राज्य विवादित इलाकों में आपसी सहमति के बिना नए निर्माण या योजना का क्रियान्वयन नहीं करेंगे।
  • विवाद की शुरुआत तब से हुई जब असम पुनर्गठन अधिनियम 1971 को मेघालय सरकार ने चुनौती दी। अधिनियम के तहत असम को दिए गए प्रदेशों पर मेघालय ने गारो व जयंतिया पहाड़ियों का भाग होने का दावा किया जिससे असम व मेघालैण्ड में निरंतर रूप से झड़पें होती रहती हैं।
  • मार्च 2022 के बीच 12 में से 6 मुद्दों का निपटान किया गया था।

विवाद को सुलझाने का प्रयास-

  • 1985 में असम व मेघालय के मुख्यमंत्री क्रमशः हितेश्वर सैकिया व कैप्टन डब्ल्यूए संगमा और भारत के पूर्व न्यायाधीश वाईवी चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में एक आधिकारिक समिति का गठन किया गया। हालांकि इसका कोई समाधान न हो पाया।
  • इसके अंतर्गत 6 विवादित स्थानों को चिह्नित किया गया। जो हैं- पश्चिमी खासी हिल्स, असम में कामरूप के अंंतर्गत तीन क्षेत्र, कामरूप मेट्रो व मेघालय के रिभोई के मध्य दो क्षेत्र, असम में कछार व मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स। 
  • दोनों पक्षों की पाँच सिद्धांतों पर सहमति दिखाई- ऐतिहासिक परिपेक्ष्य, स्थानीय आबादी की जातीयता, सीमा से निकटता, लोगों की इच्छा और प्रशासनिक सुविधा।
  • सिफारिशों का एक अंतिम सेट संयुक्त रूप से तैयार किया गया था: पहले चरण में निपटारे के लिए उठाए गए 36.79 वर्ग किमी विवादित क्षेत्र में से असम को 18.46 वर्ग किमी और मेघालय को 18.33 वर्ग किमी का पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।
  • शेष 6 चिह्नित क्षेत्रों के विवाद अधिक जटिल श्रेणी के हैं।

पूर्वोत्तर में अन्य सीमा विवाद

  • असम नागालैण्ड विवाद- 1965 के बाद से राज्य में लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई है। ये दोनों राज्य 512 किमी की दूरी तय करते हैं।
  • असम अरुणांचल प्रदेश विवाद- 1992 की हिंसक झड़प के बाद दोनों राज्यों में सीमा विवाद बना हुआ है, इन विवादों के मुद्दे वर्षों से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं।

सीमा विवाद का प्रभाव

  • इस प्रकार के विवादों के कारण राज्यों की जनता के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकता है, 
  • सीमा क्षेत्र में होने वाली हिंसक झड़प का प्रभाव वहां की निर्दोष जनता पर पड़ता है। जो सीमा क्षेत्र से पलायन का कारण भी बन सकता है।
  • सीमा क्षेत्रों का विकास रुक जाता है।

आगे की राह

  • संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत अंतरराज्यीय परिषद का गठन कर राज्यों में सौहार्द स्थापित करने के लिए कार्य कर सकती है।
  • केंद्र व राज्यों को मिलकर इन मुद्दों का नियोजन कर सकते हैं।

स्रोत

https://indianexpress.com/article/north-east-india/mukroh-firing-meghalaya-village-bordering-assam-a-different-story-to-tell-8286892/

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