स्थलरुद्ध हरिय़ाणा और दिल्ली मुंबई एक्सप्रैस वे

स्थलरुद्ध हरिय़ाणा और दिल्ली मुंबई एक्सप्रैस वे

स्थलरुद्ध हरिय़ाणा और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रैस-वे

 संदर्भ- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि भविष्य में हरियाणा को भारत के प्रमुख बंदरगाह शहरों से जोड़ने वाले दिल्ली मंबई एक्सप्रैस-वे से राज्य की निर्यात क्षमता बढ़ेगी। इससे दिल्ली मंबई के यात्रा समय में लगभग 24 घण्टे की कमी आएगी।

स्थलरुद्ध(land locked) – वह क्षेत्र जिसकी सीमा केवल स्थल से मिलती हैं। स्थलरुद्ध क्षेत्र कहलाता है। विश्व में कुल 47 स्थलरुद्ध मान्यता प्राप्त देश हैं। यदि किसी क्षेत्र की सीमा लैंडलॉक देशों से घिरी हो तो उसे डबल लैंड लॉक्ड कंट्री कहा जाता है। भारत लैंड लॉक्ड देश नहीं है।

भारत के 18 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश लैंड लॉक्ड हैं। इसके साथ ही 6 डबल लैंड लॉक्ड राज्य ( हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और दिल्ली) हैं। 

स्थलरुद्ध क्षेत्र की समस्याएं

आर्थिक हानि- स्थलरुद्ध राज्य या देश को समुद्री व्यापार करने के लिए उसे पड़ोसी राज्यों व देशों को प्राकृतिक टैरिफ देना पड़ता है। इसके कारण परिवहन लागत व समय अधिक लगता है जो उसके व्यापार को नुकसान पहुँचा सकता है। 

प्रतिस्पर्धा में कमी- उच्च परिवहन लागत के कारण यह बाजार में ट्रांजिट देशों से पीछे रह जाता है। और निवेशकों को हतोत्साहित करता है। आर्थिक विकास को कम करता है, लैंडलॉक्ड क्षेत्र की क्षमता सीमित हो जाती है। इन समस्याओं का वर्तमान समाधान एक्सप्रैस वे को माना जा रहा है।

एक्सप्रैस वे- भारत में उच्चतम क्षमता की सड़कों को एक्सप्रैस वे कहा जाता है। 

  • भारत में वर्तमान एक्सप्रैस वे की लंबाई 3592.3 किमी. है।
  •  इन्हें 120 किमी प्रतिघण्टे की गति के लिए डिजाइन किया जाता है। 
  • इसमें प्रवेश व निकास के लिए इण्टरचेंज, तुरही या रैंप की व्यवस्था की जाती है। 
  • वर्तमान में भारत का सबसे लंबा एक्सप्रैस वे, मुंबई नागपुर एक्सप्रैस वे और सबसे चौड़ा दिल्ली मेरठ एक्सप्रैस वे का डासना प्रभाग है।

दिल्ली मुंबई एक्सप्रैस वे- 

  • स्थलरुद्ध राज्य हरियाणा को बंदरगाहों से जोड़ने के लिए दिल्ली मुंबई एक्सप्रैस वे का प्रारंभ किया गया है।
  • यह भारत का सबसे बड़ा, 1380 किमी. लंबा व 8 लेन का एक्सप्रैस वे होगा।
  • यह भारत के सबसे बड़े वित्तीय शहरों दिल्ली व मुंबई को जोड़ेगा। यह दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र को जोड़ेगा।
  • वन्यजीव संरक्षण के लिए पशु ओवरपास व अंडरपास बनाने की योजना है। हाल ही में सोलापुर मंगलवेदा नेशनल हाइवे में 12 काले हिरणों की मौत जैसी घटनाओं में कमी आएगी।

एक्सप्रैस वे के लाभ

  • यातायात में लगने वाले समय, ईंधन व लागत को कम करता है। जिसे आयात व निर्यात के अतिरिक्त व्यय को भी कम किया जा सकेगा।
  • ईंधन के कम प्रयोग के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जो शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में सहायक हो सकता है।
  • एक्सप्रैस का निर्माण विशाल स्तर पर है, इस प्रकार के विकास से रोजगार सृजन होगा।

हरियाणा की आर्थिक स्थिति

  • हरियाणा की सीमा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हिमांचल प्रदेश, राज्यों से लगी हुई है।
  • निर्यात तत्परता सूचकांक 2021 के अनुसार लैंडलॉक राज्यों में हरियाणा का स्थान उच्चतम है। तथा ओवरॉल रैंकिंग में पाँचवां स्थान रहा।
  • DIPP और विश्व बैंक रैंकिंग में हरियाणा का स्थान देश में तीसरा है।
  • हरियाणा पारंपरिक रूप से कृषि आधारित राज्य है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है।
  • कृषि के अतिरिक्त वर्तमान अर्थव्यवस्था इसके उद्योगों पर आधारित हैं- मोटर वाहन, आईटी, पैट्रोकैमिकल आदि। यह देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल केंद्र भी है।
  • पानीपत रिफाइनरी, एशिया की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी है।

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एक्सप्रैस-वे का निर्माण लैंडलॉक राज्यों को अन्य ट्रांजिट क्षेत्रों को जोड़ने के लिए किया जा सकता है। इससे समय तो बचाया जा सकता है किंतु दूरी अधिक तय करनी पड़ती है जिसमें टोल टैक्स की कीमत अधिक हो सकती है। समय बचाने के लिए यह बेहतर समाधान साबित हो सकता है।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

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