05 Apr स्वामित्व(SVAMITVA) योजना
स्वामित्व(SVAMITVA) योजना
हाल ही में केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री से स्वामित्व योजना लागू करने का आग्रह किया। जिससे लोगों को उनके घर व सम्पत्ति के विवरण प्राप्त हो सके। 24 अप्रैल 2021 को स्वामित्व योजना के 9 राज्यों के पायलट चरण (2020-2021) के सफल समापन के बाद राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देश के प्रधानमंत्री द्वारा पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया गया।
स्वामित्व योजना की आवश्यकता
- भारत में ग्रामीण भूमि का बंदोबस्त व सर्वेक्षण लगभग 70 साल पहले हुआ था। इसके बाद कई क्षेत्रों का मानचित्रण नहीं किया गया।
- कानूनी दस्तावेज के अभाव में, ग्रामीण क्षेत्र वासी, अपनी भू सम्पत्ति का बैंकों में आर्थिक लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं।
- यह योजना ग्राम स्वराज प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है।
स्वामित्व योजना ग्रामीण बसे हुए (आबादी) क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है, जिसमें ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि का मानचित्रण किया जाता है और संपत्ति के मालिकों के लिए कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड / शीर्षक) जारी करने के साथ गांव के परिवारों के मालिकों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान किया जाता है।
यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोगात्मक प्रयासों से कार्यान्वित की जाती है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है-
- संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋण को सक्षम बनाना;
- संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना;
- व्यापक ग्रामीण स्तर की योजना,
- सही अर्थों में आत्मनिर्भर ग्राम स्वराज प्राप्त करने और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा ।
योजना के उद्देश्य- योजना निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहती है: –
- ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण और संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना।
- ग्रामीण भारत में नागरिकों को ऋण लेने और अन्य वित्तीय लाभों के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में अपनी संपत्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाने के लिए।
- संपत्ति कर का निर्धारण, जो उन राज्यों में सीधे जीपी को प्राप्त होगा जहां इसे हस्तांतरित किया गया है या अन्यथा, राज्य के खजाने में जोड़ा जाएगा।
- सर्वेक्षण अवसंरचना और जीआईएस मानचित्रों का निर्माण, जिनका उपयोग किसी भी विभाग द्वारा किया जा सकता है।
- जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करने में सहायता करना।
इसके द्वारा प्रभावी चार क्षेत्रों की पहचान की गई है-
समावेशी समाज- गांवों में कमजोर आबादी के सामाजिक आर्थिक मानकों में सुधार किया जा सकता है।
भूमि शासन- दुनिया में भौतिक संपत्ति के निर्माण के उद्देश्य से किसी भी आर्थिक गतिविधि के लिए भूमि एक आवश्यक संसाधन है। स्पष्ट रूप से सीमांकित आबादी क्षेत्र के अभाव में भू स्वामित्व संघर्ष के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। रिपोर्टों के अनुसार, लाखों लोग भारत और दुनिया भर में भूमि संघर्षों के प्रभाव से पीड़ित हैं। SVAMITVA योजना का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विवादों के मूल कारण को संबोधित करना है।
स्थायी आवास- ग्राम पंचायत योजनाओं के लिए उच्च रिजॉल्यूशन वाले मानचित्रों का निर्माण जिससे गांवों में बुनियादी ढांचों के निर्माण हेतु उचित बजट प्रदान किया जाए।
आर्थिक विकास – मुख्य परिणाम लोगों को संपार्श्विक के रूप में अपनी संपत्ति का मुद्रीकरण करना। इसके अलावा सम्पत्ति कर सुव्यवस्थित करके भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
योजना की चुनौतियाँ
- जागरुकता की कमी- योजना के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीणों में जागरुकता की कमी है, जिससे वे इसका लाभ प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं।
- प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे- इस योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाना है जिसका तकनीकि ज्ञान अब तक सामान्य नहीं हुआ है। इसके साथ तकनीकी गुणवत्ता भी इसका एक प्रमुख घटक है।
- आंकड़ों की कमी- भारत के कई क्षेत्रों में भू संबंधी आलेखों की कमी है जिससे भूमि के आंकलन व रखरखाव करना आसान नहीं होगा। और भू स्वमित्व के विवाद बढ़ सकते हैं।
- धन व संसाधनों की कमी- इस योजना के तहत उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी का प्रयोग एक प्रमुख घटक है, जिसके लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होगी। धन की कमी, इस योजना के कार्यान्वयन में एक बाधा बन सकती है।
आगे की राह-
- राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए सम्पत्ति कार्डों को कानूनी वैधता प्राप्त नहीं है, अतः उन्हें कानूनी वैधता उपलब्ध कराई जा सकती है।
- भू स्वामित्व से जुड़े विवादों का त्वरित निपटान करने हेतु शिकायत निवार तंत्र की स्थापना की जा सकती है।
- राज्य में योजना के कार्यान्वयन से पूर्व योजना के विषय में लाभार्थियों को अवगत कराना अर्थात जागरुकता लाना।
- योजना में प्रयुक्त प्रौद्योगिकी जैसे ड्रोन का पूर्व प्रशिक्षण उपलब्ध कराना ताकि आंकड़ों में कोई त्रुटि न हो।
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