हर घर गंगाजल मिशन

हर घर गंगाजल मिशन

हर घर गंगाजल मिशन

संदर्भ– बिहार में हर घर गंगाजल मिशन के पहले चरण का शुभारम्भ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया। 

  • योजना के अनुसार गंगा की बाढ़ के पानी को बिहार के सूखे स्थलों जैसे राजगीर गया व बोधगया तक लाया जाएगा, 
  • इस पानी को पीने योग्य पानी में बदला जाएगा।
  • यहां के लोग अब तक टैंकरों पर निर्भर थे।

हर घर गंगाजल योजना

  • यह परियोजना बिहार सरकार की जल, जीवन व हरियाली योजना का हिस्सा है।
  • इस परियोजना का उद्देश्य बाढ़ के पानी से बिहार के राजगीर, गया व बोधगया में पर्यटन स्थलों के लगभग 7.5 घरों में पानी की आपूर्ति करना है

परियोजना की प्रक्रिया

बाढ़ के पानी को पीने योग्य बनाकर घरों तक पहुँचाने का समस्त उत्तरदायित्व हैदराबाद की एक कंपनी मेघना इंजीनियरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को सौंपा गया है।

परियोजना को 4 चरणों में विभाजित किया गया है-

ऊपर उठाना (लिफ्ट)- बाढ़ के पानी को गंगा तटों से पंपों के माध्यम से अवशोषित करना।

भण्डारण (स्टोर)- पंपों के माध्यम से अवशोषित पानी को भण्डारण टेंकों में प्रतिस्थापित करना। इस परियोजना के लिए तीन भण्डारण टैंक बनाए जाएंगे-

  • राजगीर के टैंक की पानी संग्रहित करने की क्षमता 9.915 मिलियन घन मीटर है।
  • तैतर की जल धारण क्षमता 18.633  मिलियन घन मीटर है।
  • गया की जल धारण क्षमता 0.938  मिलियन घन मीटर है। 

उपचार (ट्रीट)- इन जलाशयों से पानी को पंप कर उपचार संयंत्रों मे पहुँचाया जाएगा, उपचार संयत्र निम्न क्षेत्रों में स्थापित किए जाने हैं-

  • राजगीर उपचार तंत्र की पानी को उपचारित करने की क्षमता 24 मिलियन लीटर प्रति दिन है।
  • मानपुर और गया की क्षमता संयोजित रूप से 186.5 मिलियन लीटर प्रति दिन होगी।

घरों तक पहुँच (सप्लाई)- उपचारित जल को संयंत्रों से पाइपलाइन के माध्यम से राजगीर, गया व बोधगया के घरों तक पहुँचाया जाएगा।

योजना की आवश्यकता-

  • मगध के प्राचीन साम्राज्य का केंद्र और बौद्ध और जैन धर्म दोनों के संस्थापकों से जुड़ा हुआ राजगीर के आसपास का क्षेत्र में पानी की अत्यधिक कमी है।
  •  वर्षों से, भूजल के अनियोजित और अंधाधुंध उपयोग ने भूमिगत जलाशयों को कम कर दिया है, और गया और राजगीर में पानी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
  •  बिहार पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (पीएचईडी) के एक अध्ययन के अनुसार गया जिले में औसत भूजल स्तर जुलाई 2021 में 30.30 फीट से गिरकर जुलाई 2022 में 41.50 फीट हो गया था। गया और राजगीर में 2014-15 और 2020-21 के बीच 2 से 4 मीटर के बीच गिरावट आई है।
  •  नालंदा और गया के जिला प्रशासन ने शहर के क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए पानी के टैंकरों की व्यवस्था की है क्योंकि गर्मियों में पानी की कमी गंभीर हो जाती है। यह एक अल्पकालिक और अपर्याप्त उपाय है, और पानी के एक अधिक टिकाऊ और विश्वसनीय स्रोत को स्थानांतरित करने की तत्काल आवश्यकता है।
  • भारत में बाढ़ से होने वाले कुल नुकसान का 33% केवल बिहार में होता है। अतः बिहार में बाढ़ के पानी का प्रबंधन आवश्यक है।
  • बिहार में पेयजल की समस्या पानी की कमी के कारण ह नहीं दूषित पानी के कारण भी है, गया व उसके आसपास के इलाकों के उपलब्ध पानी में PPM2.5 की अधिकता पायी गई है, इस प्रकार के सूक्ष्म कण युक्त  पानी का सेवन भी शरीर के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। जिसे पानी से विलग करना आवश्यक है।
  • इस परियोजना से पेयजल आपूर्ति व बिहार में अनियंत्रित बाढ़ को नियंत्रित कर पाने की उम्मीद की जा रही है।
  • यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा प्रचालित हर घर जल मिशन के समान है।

हर घर जल मिशन- 

  • प्रस्तुत योजना हर घर जल मिशन भारत के प्रत्येक घर में पाइपलाइन द्वारा जल आपूर्ति करने से संबंधित है। यग जल जीवन मिशन का ही एक रूप है।
  • इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा 2019-20 में की गई थी।
  • इस योजना हेतु जल की आपूर्ति, भूजल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन का पुनर्भरण व पुनः उपयोग आदि उपक्रमों द्वारा करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
  • इस योजना में गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, रेगिस्तान, सूखा प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी है। 

स्रोत

https://indianexpress.com/article/cities/patna/bihar-to-bring-ganga-to-parched-towns-by-tapping-its-flood-water-8288461/#:~:text=Households%20in%20Bihar

Yojna IAS daily current affairs hindi med 28th November

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