सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश के खिलाफ अपील पर सुनवायी से पहले EWS के 10% आरक्षण की जाँच होगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश के खिलाफ अपील पर सुनवायी से पहले EWS के 10% आरक्षण की जाँच होगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, उच्च न्यायालय आंध्र प्रदेश के खिलाफ अपील पर सुनवायी से पहले EWS के 10% आरक्षण की जाँच होगी।

संदर्भ- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार वह आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर भी सुनवाई करेगी, जिसने मुसलमानों को आरक्षण देने वाले स्थानीय कानून को खारिज कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय की 5 न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, उच्च न्यायालय के खिलाफ अपील पर सुनवायी से पहले  EWS के 10% आरक्षण की जाँच करेगी।

ईडब्ल्यूएस आरक्षणपारम्परिक रूप से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को विकास की समान धारा मे लाने के लिए EWS(Economical weaker section) बिल, संविधान का 103वाँ संशोधन अधिनियम 2019 के रूप में  9 जुलाई 2019 को पारित किया गया। 

इसमें आवेदन करने के लिए

  • आवेदक की पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख से कम हो। केरल राज्य के नागरिकों के लिए यह आय 4 लाख से कम है।
  • वह भारत के उपवर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल न हो।
  • आवेदक 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि का मालिक न हो।
  • आवासीय फ्लैट क्षेत्र 1000 वर्ग फुट से कम होना चाहिए।
  • यदि अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र में आवासीय भूखंड हो तो उसका क्षेत्रफल 100 वर्ग गज से कम होना चाहिए।
  • यदि गैर-अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में आवासीय भूखंड हो तो उसका क्षेत्रफल 200 वर्ग गज से कम होना चाहिए। 

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण पत्र हेतु आवेदन के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र-

  • जाति प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • एफिडेविट या स्वतः घोषणा पत्र
  • निवास प्रमाण
  • स्थाय़ी निवास प्रमाण पत्र 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा EWS आरक्षण की जाँच के संभावित कारण-

    • हाल ही में केरल के उच्च न्यायालय ने हायर सेकेंडरी के नामांकन में 10% के आरक्षण की मांग को ठुकरा दिया। केरल उच्च न्यायालय के अनुसार यह केवल कानूनी शक्ति प्रदान करता है।
    • वर्तमान में चर्चित आंध्र प्रदेश राज्य की मुस्लिम आरक्षण अधिनियम 2005 के सापेक्ष आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग आरक्षण अधिनियम 2019 का विरोधाभासी होना।
  • आंध्र प्रदेश राज्य की मुस्लिम आरक्षण अधिनियम 2005-
  1. शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम समुदाय के लिए, सीटों के तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य कानून में किसी बात के होते हुए भी,राज्य में रहने वाले मुसलमानों के प्रवेश के लिए संस्थान में पांच प्रतिशत सीटों आरक्षण का होगा। बशर्ते कि क्रीमी लेयर से संबंधित सदस्य मुस्लिम समुदाय ऐसे आरक्षण का हकदार नहीं होगा।
  2. लोक सेवाओं में नियुक्ति के लिए, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य कानून में किसी बात के होते हुए भी,राज्य में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लिए राज्य सेवा की नियुक्तियों या पदों में पांच प्रतिशत आरक्षण होगा। बशर्ते कि क्रीमी लेयर से संबंधित सदस्य या मुस्लिम समुदाय ऐसे आरक्षण का हकदार नहीं होगा।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण के प्रभाव- 

इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के भारतीय नागरिकों को लाभ प्राप्त हो सकेंगे-

  • उच्च शिक्षा में प्रवेश में 10% का आरक्षण और
  • सरकारी नौकरी में 10% का आरक्षण। इनसे गरीबी के स्तर मेंं सुधार आएगा।
  • जाति के आधार पर आरक्षण पाने वाले वर्ग को निम्न दृष्टि से नहीं देखा जाएगा और पारंपरिक जाति व्यवस्था के सामाजिक दुष्प्रभावों में कमी आएगी।

चुनौतियाँ-

  •  ई.डब्ल्यू. एस. प्रमाण पत्र को बनाने के लिए कई प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है, प्रमाण पत्रों के लिए वास्तव में कमजोर वर्ग पर आर्थिक भार आ सकता है क्योंकि प्रत्येक वर्ष में इनका नवीनीकरण करना पड़ता है।
  • 8 लाख वार्षिक आय के न्यनूतम पैरामीटर में भारत का एक बड़ा जनसंख्या वर्ग आता है, जिससे आरक्षण का न्यूनतम लाभ ही गरीबी रेखा से नीचले वर्ग को मिल पाता है। 
  • आंध्र प्रदेश जैसे प्रदेशों में आ रहे आरक्षण संबंधी विभेदों को दूर करने की आवश्यकता है। 

 

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