ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस

ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस

ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस

संदर्भ- हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी दिल्ली में सरकारी विभागों के कार्यालयों के कार्यों को डिजीटल बनाने के साथ कार्यों को आसान बनाने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस की 70 योजनाओं को मंजूरी दी।

  • दिल्ली सरकारों के पास 16 विभागों में 70 सुधारों का उद्देश्य, सरकारी विभागों के कार्य करने की गति में तेजी लाना है। 
  • व्यवसायों से संबंधित व्यक्तियों के अनुपालन बोझ को कम करना तथा राजधानी में व्यवसाय को आसान बनाना।
  • नागरिकों द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाना।

ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस

विश्व बैंक द्वारा व्यापार करने में आसान प्रक्रिया के माध्यम से एक सूचकांक तैयार किया गया है। यह सूचकांक विभिन्न पैरामीटर के अनुसार देश की व्यापार करने में आसानी की स्थिति या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मापता है। विश्व बेंक द्वारा 190 देशों के लिए यह सूचकांक तैयार किया जाता है। इसके निम्नलिखित पैरामीटर के लिए सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं-

  • व्यवसाय शुरु करना
  • निर्माण परमिट/अनुमति के साथ काम करना
  • बिजली प्राप्त करना
  • संपत्ति का पंजीकरण
  • क्रेडिट प्राप्त करना
  • अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना
  • अदा किए जाने वाले ऋण
  • सीमा पार व्यापार
  • प्रवर्तनीय ठेके।
  • दिवालिएपन का समाधान करना

सरकार द्वारा पैरामीटर्स में सुधार के लिए उठाए गए कदम

व्यवसाय शुरु करना- 

  • किसी भी कारोबार को शुरु करने से पर्व उसके लिए निदेशक पहचान संख्या, पैन नम्बर, टीएएन नम्बर, बैंक खाता खोलना, ईएसआईसी के लिए आवेदन करना आदि सभी को अब एकल वेब फॉर्म में मर्ज कर दिया गया है जो कम्पनी मामलों के कंरपोरेट कार्य मंत्रालय के द्वारा जारी किया जाएगा। 
  • मुंबई और दिल्ली में प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन से पूर्व निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है।

निर्माण परमिट/अनुमति के साथ काम करना-

  • दिल्ली व मुंबई नगर निगम में कार्य स्थल हेतु बिल्डिंग की जांच के लिए फास्ट ट्रैक अप्रूवल सिस्टम शउरु किया गया है। दिल्ली में इसके लिए 30 दिन के भीतर डीम्ड अप्रूवल का प्रावधान भी किया गया है।
  • निर्माण परमिट प्राप्त करने की लागत प्रति व्यक्ति आय के 23.8% से घटकर 5.4% कर दी गई है।

बिजली प्राप्त करना-

  • जहाँ राइट ऑफ वे की आवश्यकता है वहाँ 15 दिनों के भीतर और जहाँ इसकी आवश्यकता नहीं है वहां 7 दिनों के भीतर बिजली कनेक्शन प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
  • कनेक्शन प्राप्त करने के लिए दस्तावेजों की संख्या केवल 2 कर दी गई है।  

संपत्ति का पंजीकरण 

  • सभी पंजीकृत विभागों को डिजीटाइज किया गया तथा इसके रिकॉर्ड को दिल्ली व मुंबई में पंजीकृत किया जाएगा।
  • यह संपत्ति संबंधी लेन देन में दक्षता व पार्दर्शिता लाएगा।

दिवालिएपन का समाधान करना

  • एक अध्ययन के अनुसार भारत में 90% स्टार्ट अप असफल रहते हैं, ऐसे में भारतीय दिवाला शोधन अक्षमता संहिता 2016 ने भारत में दिवाला समाधान में नए आयाम संबद्ध किए।
  • यह भारत में कॉरपोरेट दिवालियापन का पहला कानून है। 
  • फास्ट ट्रैक कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत समाधान 90 दिनों में किया जाएगा और 45 दिन की अनुग्रह अवधि दी जाएगी। 

भारत में दिवाला शोधन अक्षमता संहिता 2016 की आवश्यकता 

  • आपूर्तिकर्ताओं व कर्मचारियों को समय पर भुगतान न करना। इससे कंपनी के अशोध्य ऋण बढ़ जाते हैं।
  • IBM द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में 90 % स्टार्ट अप असफल रहते हैं। कोड जारी करने से पूर्व इन असफल स्टार्ट अप पर ध्यान नहीं दिया जाता था।
  • ऋणग्रस्त किसानों द्वारा आत्महत्या के मामलों के कारण ऐसे किसानों की मदद करने की आवश्यकता।
  • शहरी मध्य वर्ग में लिए गए ऋण व भविष्य में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या।
  • भारत में दिवाला होना सामाजिक रूप से हीन समझा जाता है, जिसके कारण ऋण ग्राही कम हो जाते हैं।

श्रम कानून सुधार

  • बोनस भुगतान संशोधन अधिनियम 2015 के तहत बोनस के भुगतान की सीमा 10000 से बढ़ाकर 21000 रुपये प्रति माह करना।
  • मजदूरी संदाय अधिनियम की न्यूनतम सीमा को 2017 से 18000 से 24000 करने का प्रावधान किया गया है। 
  • बाल श्रम संशोधन अधिनियम 2016 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक नाबालिग का बाल श्रम करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में भारत की स्थिति

2020 में विश्व बैंक ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के प्रकाशन को बंद करने का फैसला किया था इससे पूर्व भारत की स्थिति 2014-19 तक लगातार सुधरी हुई प्रतीत होती है। भारत की स्थिति 2014 में 142वे स्थान पर थी और 2019 में इसकी स्थिति 63 में पहुँच गई थी। वर्तमान में इसका उद्देश्य कोविड के आर्थिक प्रभाव को कम करना तथा उद्योगों को पुनर्जीवित करना और इसके माध्यम से रोजगार उत्पन्न करना है। 

स्रोत

THE HINDU

/www.icsi.edu/

https://pib.gov.in/FactsheetDetails.aspx?Id=148568

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