SIPRI वार्षिक रिपोर्ट 2023

SIPRI वार्षिक रिपोर्ट 2023

सिलेबस: जीएस 3 / रक्षा

संदर्भ-

  • हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई-सिपरी) ने 2023 के आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति का अपना वार्षिक मूल्यांकन जारी किया है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष-

परमाणु शस्त्रागार 

  • नौ परमाणु संपन्न देश – संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इज़राइल – अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण जारी हैं। रूस और अमेरिका के पास सभी वैश्विक परमाणु हथियारों का लगभग 90% हिस्सा है।
  • चीन: चीन का परमाणु शस्त्रागार जनवरी 2022 में 350 वॉरहेड से बढ़कर जनवरी 2023 में 410 हो गया, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के पास वर्ष 2030 तक अमेरिका और रूस के बराबर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) हो सकती हैं।
  • भारत और पाकिस्तान: इस रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहे हैं और इसके प्रक्षेपण की नई प्रणालियाँ विकसित कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार जहाँ पाकिस्तान भारत को ध्यान में रखकर हथियार विकसित कर रहा है, वहीँ भारत लंबी दूरी की मिसाइलों(पूरे चीन तक पहुँच)के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। सिपरी (SIPRI) के अनुमान के अनुसार, भारत का परमाणु हथियार 2022 में 160 से बढ़कर 2023 में 164 वॉरहेड हो गया और पाकिस्तान का 165 से 170 हो गया है।
  • उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया ने 2022 में कोई परमाणु परीक्षण विस्फोट नहीं किया, उसने मिसाइलों के 90 से अधिक परीक्षण किए। इनमें से कुछ मिसाइलें, जिनमें नए आईसीबीएम शामिल हैं, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।

परमाणु कूटनीति पर रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव-

  • सिपरी के अनुसार अमेरिका और रूस के संबंधित परमाणु हथियारों (प्रयोग करने योग्य वारहेड्स) का आकार 2022 में अपेक्षाकृत स्थिर रहा, हालांकि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु हथियारों के संबंध में पारदर्शिता में कमी आई है।
  • रुस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों को लेकर पारदर्शिता में कमी आई है। अमेरिका ने रूस के साथ द्विपक्षीय रणनीतिक स्थिरता वार्ता स्थगित कर दी जबकि रूस ने फरवरी 2022 में स्टार्ट परमाणु समझौते में सहभागिता से इन्कार कर दिया था। स्टार्ट के तहत परमाणु हथियारों का निरीक्षण और आइसीबीएम व पनडुब्बी वाली मिसाइलों पर सूचना का आदान-प्रदान होता है।

सैन्य व्यय और हथियार उत्पादन-

  • वैश्विक सैन्य व्यय 2022 में लगातार आठवें वर्ष बढ़कर अनुमानित $ 2240 बिलियन तक पहुंच गया, जो सिपरी द्वारा दर्ज किया गया उच्चतम स्तर है।
  • स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2018 से 2022 के बीच विश्व का सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा।

प्रमुख हथियारों का अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण-

  • पांच साल की अवधि 2018-22 में प्रमुख हथियारों के अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण की मात्रा 2013-17 की तुलना में 5.1 प्रतिशत कम और 2008-12 की तुलना में 3.9 प्रतिशत अधिक थी।
  • अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है, जो विश्व के कुल हथियार निर्यात का 40 फीसदी निर्यात करता है।
  • अमेरिका के बाद रूस (16%) दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है। उसके बाद फ्रांस (11%), चीन (5.2%) और जर्मनी (4.2%) हथियार निर्यात करता है।

प्रमुख हथियारों के आयातक-

  • पांच सबसे बड़े हथियार आयातक भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे, जो कुल हथियार आयात का 36 प्रतिशत हिस्सा थे।
  • 2018-22 में प्रमुख हथियारों के आयात की सबसे बड़ी मात्रा प्राप्त करने वाला क्षेत्र एशिया और ओशिनिया था, जो वैश्विक कुल का 41 प्रतिशत था, इसके बाद मध्य पूर्व (31 प्रतिशत), यूरोप (16 प्रतिशत), अमेरिका (5.8 प्रतिशत) और अफ्रीका (5.0 प्रतिशत) थे।

SIPRI के बारे में-

  •  यह एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान हेतु समर्पित है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1966 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुई थी।
  • यह नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों के आधार पर डेटा, विश्लेषण एवं सिफारिशें प्रदान करता है। इसकी गिनती विश्व के सर्वाधिक विश्वसनीय शोध संस्थानों में की जाती है।

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स्रोत: TH

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