12 Jun भारत में सैन्य कार्मिकों के रूप में अग्निपथ योजना : महत्व, चुनौतियाँ और समाधान
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ शासन व्यवस्था, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, अग्निपथ योजना का महत्त्व एवं आलोचनाएँ ’ और सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के अंतर्गत ‘ भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास एवं वृद्धि ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ अग्निपथ योजना, सेवा निधि, तीनों सेवाएँ (सेना, नौसेना और वायु सेना), सशस्त्र सेना, युद्ध में ड्यूटी पर मृत्यु निधि ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक कर्रेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारत में सैन्य कार्मिकों के रूप में अग्निपथ योजना : महत्व, चुनौतियाँ और समाधान ’ से संबंधित है।)
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में विभिन्न राजनीतिक दलों और सशस्त्र बलों के जानकर, विशेषज्ञों और दिग्गजों के द्वारा सैन्य कार्मिकों के रूप में वर्ष 2022 के जून महीने में घोषित तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी की महत्त्वाकांक्षी अग्निपथ योजना को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
- भारत में वर्तमान समय में चल रही सैन्य कार्मिकों के कल्याण और कैरियर की सुरक्षा से संबंधित इस विमर्श और विरोध का मुख्य उद्देश्य इस योजना के द्वारा सैन्य भर्ती और सैनिकों के कल्याण पर पड़ने वाले इसके प्रभाव की चिंताओं से जुड़ी हुई है।
भारतीय सेना में सैन्य कार्मिकों के लिए अग्निपथ योजना क्या है ?
- भारत में अग्निपथ योजना भारतीय सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) में जवानों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई योजना है।
- इस योजना के तहत भर्ती होने वाले जवानों को “अग्निवीर” कहा जाता है, जिसका अर्थ “अग्नि-योद्धा” होता है।
- यह योजना अधिकारी रैंक से नीचे के सैन्य कार्मिकों जैसे सैनिकों, वायुसैनिकों और नाविकों की भर्ती के लिए है, जो भारतीय सशस्त्र बलों में कमीशन प्राप्त अधिकारी नहीं हैं।
- अग्निवीरों को भारतीय सेना में मात्र 4 वर्ष की अवधि के लिए ही भर्ती किया जाता है।
- इस अवधि के बाद, इनमें से 25% तक अग्निवीरों को, योग्यता और संगठनात्मक आवश्यकताओं के अधीन, स्थायी कमीशन (अन्य 15 वर्ष) पर सेवाओं में शामिल किया जा सकता है।
- वर्तमान में भारतीय सेना में केवल चिकित्सा शाखा के तकनीकी संवर्ग को छोड़कर सभी नाविकों, वायुसैनिकों और सैनिकों को इस योजना के तहत सेवाओं में भर्ती किया जाता है।
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के लिए पात्रता का मापदंड :
भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के लिए पात्रता का मापदंड निम्नलिखित है –
- अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के लिए 17.5 वर्ष से 23 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी ही आवेदन करने के पात्र हैं (ऊपरी आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ा दी गई है)।
- अग्निपथ योजना के तहत निर्धारित आयु सीमा से कम आयु की लड़कियों को अग्निवीर के रूप में प्रवेश करने हेतु विकल्प खुला हुआ हैं, जबकि इसी योजना के तहत महिलाओं के लिए ऐसा कोई आरक्षण विकल्प नहीं होता है।
वेतन एवं लाभ :
- ड्यूटी पर मृत्यु : भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की ड्यूटी पर मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को संयुक्त रूप से 1 करोड़ रुपए मिलते हैं, जिसमें सेवा निधि पैकेज और सैनिक का वेतन दोनों शामिल होता है।
- दिव्यांगता : अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को ड्यूटी के दौरान चोट लगने या दिव्यांग होने पर दिव्यांगता की गंभीरता के आधार पर अग्निवीर को 44 लाख रुपए तक का मुआवजा मिल सकता है। यह राशि केवल तभी प्रदान की जाती है जब दिव्यांगता सैन्य सेवा के कारण हुई हो या युद्ध के दौरान कोई अंग खराब हो गई हो।
- पेंशन : भारत में अग्निवीरों को पारंपरिक प्रणाली के सैनिकों या स्थायी सैनिकों के विपरीत 4 वर्ष की सेवा के बाद नियमित पेंशन नहीं मिलाने का प्रावधान है। अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को स्थायी कमीशन प्राप्त होने के लिए चयनित होने वाले केवल 25% अग्निवीर सैन्य कार्मिकों को ही पेंशन के लिए ही पात्र मन जाता है।
भारतीय सेना में अग्निपथ का मुख्य लक्ष्य :
- भारत में यह योजना सशस्त्र बलों को युवा बनाए रखने तथा सेना में स्थायी सैनिकों की संख्या में कमी लाने के लिए तैयार की गई है, जिससे भारत में रक्षा बलों पर सरकार के पेंशन मद में होने वाले व्यय राशि में उल्लेखनीय कमी आएगी।
भारत में रक्षा के क्षेत्र में अग्निपथ योजना शुरू करने का मुख्य कारण :
- अधिक स्वस्थ और युवा बल की भर्ती : भारत सरकार का मानना है कि अग्निपथ में युवाओं की भर्तियों पर जोर देने का मुख्य कारण यह है कि भारतीय सेना इस योजना के तहत अधिक चुस्त लड़ाकू बल तैयार करेगा, जिससे भारतीय सेना को किसी भी बाह्य या आंतरिक चुनौती देने के क्रम में प्रतिक्रिया समय में तेज़ी आएगी और युद्ध के दौरान सशस्त्र बलों में बेहतर तालमेल बैठ पायेगा और वह वापस में अनुकूलन कर सकता है। वर्तमान में सशस्त्र बलों में औसत आयु 32 वर्ष है, जो अग्निपथ के कार्यान्वयन से घटकर 26 वर्ष हो जाएगी।
- पेंशन बिल को कम करना : भारत के रक्षा के क्षेत्र में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती करने का मुख्य उद्देश्य लगातार देश के बढ़ते रक्षा पेंशन बिल के बोझ को कम करना भी है। रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति की 2022 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों का पेंशन बिल 2025 तक लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच जाएगा। अग्निपथ, जिसमें अधिकांश भर्तियों के लिए सेवा की अवधि कम है, संभावित रूप से पेंशन बिल के रूप में होने वाले व्यय का प्रबंधन और कुशल संचालन करने में सहायता मिल सकती है।
- तकनीकी एकीकरण : भारत में अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों में उभरती प्रौद्योगिकियों को बेहतर ढंग से एकीकृत करने के लिए युवा रंगरूटों की तकनीक-प्रियता का लाभ उठाना है।
- नागरिक क्षेत्र के लिए कुशल कार्यबल का मिलना : भारत सरकार का यह मानना है कि अग्निवीर के रूप में भारत के नौजवानों को जो अपनी सेवा के दौरान अर्जित मूल्यवान कौशल और अनुशासन के साथ – ही – साथ नागरिक क्षेत्र के लिए कुशल कार्यबल का मिलना संभव हो सकता है। इससे संभावित रूप से अधिक कुशल राष्ट्रीय कार्यबल और आर्थिक विकास में योगदान मिल सकता है।
- रोज़गार के अधिक अवसर का सृजन होना : भारत में अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य के तहत इससे रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और चार साल की सेवा के दौरान अर्जित कौशल एवं अनुभव के कारण ऐसे सैनिकों को विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार मिल सकेगा।
भारत में अग्निपथ योजना से जुड़े मुख्य मुद्दे क्या हैं ?
भारत में अग्निपथ योजना से जुड़े मुद्दे निम्नलिखित हैं –
- सेवानिवृत्ति लाभ का अभाव : यह योजना 4 वर्ष की अवधि पूरी होने पर एक अग्निवीर को लगभग 11.71 लाख रुपए का एकमुश्त भुगतान प्रदान करती है, लेकिन निर्धारित कोई ग्रेच्युटी या पेंशन नहीं देती है। इससे नौकरी की सुरक्षा और पेंशन लाभ चाहने वाले अभ्यर्थियों में व्यापक असंतोष उत्पन्न हो सकता है।
- लघु सेवा अवधि : 4 वर्ष का कार्यकाल अपर्याप्त माना जाता है, क्योंकि इसमें यह चिंता है कि अग्निपथ के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों में स्थायी सैनिकों के समान प्रेरणा और प्रशिक्षण का अभाव हो सकता है। इसके अलावा, यह दीर्घावधि में सैनिकों को प्रशिक्षित करने और कुशल बनाने के लिये अपर्याप्त है, क्योंकि इससे सशस्त्र बलों में कौशल एवं अनुभव की कमी हो सकती है।
- आयु सीमा संबंधी मुद्दे : 23 वर्ष की वर्तमान अधिकतम आयु सीमा ने कई युवाओं को इसके दायरे से बाहर कर दिया है, जो महामारी के दौरान भर्ती की कमी के कारण इसके लिये आवेदन नहीं कर सके।
- बेरोज़गारी संबंधी चिंताएँ : सीमित स्थायी समावेशन (केवल 25%) के कारण, इस योजना को देश में पहले से ही उच्च युवा बेरोज़गारी को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है। यह स्थिति बढ़ती मुद्रास्फीति और असमानताओं जैसी व्यापक आर्थिक चुनौतियों के बीच उत्पन्न हुई है।
- राजनीतिक उद्देश्य : भारत के रक्षा विशेषज्ञों का यह मानना है कि इस योजना को बिना परामर्श के जल्दबाजी में, संभवतः चुनावों से पहले एक राजनीतिक कदम के रूप में लागू किया गया। रक्षा बलों के समर्थन की कमी भी संदेह उत्पन्न करती है।
- पेंशन बिल में कमी : इस योजना को सरकार द्वारा अपने बढ़ते रक्षा पेंशन व्यय को कम करने के एक तरीके के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दीर्घकालिक बल निर्माण की तुलना में वित्तीय बचत को प्राथमिकता दी जा रही है।
भारत के अलावा अन्य देशों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम का कैसा स्वरूप विद्यमान है ?
भारत के अलावा अन्य देशों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम का स्वरूप इस प्रकार है –
- स्वैच्छिक ड्यूटी दौरा : सेना और सेवा शाखा की आवश्यकताओं के आधार पर, अमेरिका में स्वैच्छिक ड्यूटी दौरा 6 से 9 महीने से लेकर पूरे एक वर्ष तक चल सकता है।
- आवश्यक सैन्य सेवा (अनिवार्य सैन्य सेवा) : भारत के अलावा इज़रायल, नॉर्वे, उत्तर कोरिया, सिंगापुर और स्वीडन उन देशों में शामिल हैं जो इस पद्धति का उपयोग करते हैं।
भारत में अग्निपथ योजना में समाधान या आगे की राह :
आयु सीमा और स्थायी प्रतिधारण कोटा में वृद्धि करना :
- भारत में अग्निवीरों के लिए सेवा अवधि को 7-8 वर्ष तक और बढ़ाई जानी चाहिए।
- भारतीय सशस्त्र बलों में तकनीकी भूमिकाओं के लिए प्रवेश आयु को बढ़ाकर 23 वर्ष किया जाना चाहिए।
- भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों के लिए नियमित सेवा प्रतिधारण दर को वर्तमान 25% से बढ़ाकर 60-70% तक किया जाना चाहिए।
अग्निवीरों को अन्य सुरक्षा बलों में सेवा के अवसर प्रदान करना और लाभ में वृद्धि करना :
- अग्निवीरों को अंशदायी पेंशन योजना, उदार ग्रेच्युटी और प्रशिक्षण के दौरान विकलांगता के लिए अनुग्रह राशि प्रदान की जानी चाहिए।
- उन्हें अन्य सुरक्षा बलों में सेवा के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।
- अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को अनुभवी सैन्य कर्मी का दर्ज़ा दिया जाना चाहिए तथा उन्हें सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
- भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को बनाए रखने के लिए पारदर्शी, योग्यता-आधारित प्रणाली को स्थापित किया जाना चाहिए।
मज़बूत कौशल और पुनर्वास कार्यक्रम लागू करना :
- भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों के लिए नागरिक जीवन में सुचारू संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए निजी क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों के सहयोग से एक व्यापक कौशल एवं पुनर्वास कार्यक्रमों का विकास किया जाना चाहिए।
- कुछ ऐसे कानून भी बनाए जाने चाहिए जो निजी नियोक्ताओं और निगमों द्वारा अग्निवीरों को अनिवार्य रूप से अपने अधीन करने को अनिवार्य बनाएँ।
शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने की जरूरत :
- भारत में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों के लिए शैक्षणिक योग्यता को 10वीं से बढ़ाकर 10+2 किए जाने की जरूरत है।
- भारत में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली किसी भी प्रवेश परीक्षाओं को और अधिक कठिन बनाया जाना चाहिए।
- भारत में अग्निपथ योजना रक्षा नीति में एक बड़ा सुधार है जो सशस्त्र बलों के लिये भर्ती प्रक्रिया को परिवर्तित करता है। प्रारंभिक कार्यान्वयन से इस योजना के तहत भर्ती किये गए अग्निवीरों की प्रेरणा, बुद्धिमत्ता और शारीरिक मानकों में सकारात्मक संकेत मिलते हैं। सैन्य अभियानों में तकनीकी प्रगति की तुलना में मानवीय तत्त्व को अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है, जो यूनिट के गौरव और सामंजस्य के साथ अग्निवीरों के चरित्र विकास एवं मनोवैज्ञानिक कल्याण की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस एवं पीआईबी।
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल निम्नलिखित में से किस केंद्रीय मंत्रालय के अधीन कार्य करता है? (UPSC – 2019)
- भारत के सीमा सड़क संगठन मंत्रालय के अधीन।
- भारत के रक्षा मंत्रालय के अधीन।
- भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन।
- भारत के गृह मंत्रालय के अधीन।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1, 2 और 3
B. केवल 2, 3 और 4
C. केवल 1
D. केवल 4
उत्तर – D
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अग्निवीर योजना के महत्त्व को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए शुरू किया गया अग्निवीर योजना की मुख्य बहुआयामी चुनौतियाँ क्या है और उन चुनौतियों के समाधानात्मक उपायों पर विस्तृत मत प्रस्तुत कीजिए । ( UPSC CSE – 2021 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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