25 Apr लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023
लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023
संदर्भ- हाल ही में विश्व बैंक ने लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक की सूची जारी की जिसमें भारत ने 38 वां स्थान प्राप्त किया है, जिसके लिए भारत के प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक प्रदर्शन सुधार के लिए खुशी व्यक्त की है।
इससे पूर्व 2014 में भारत का LPI स्कोर 54वे स्थान पर और 2018 में 44वे स्थान पर था। 2023 में यह सूचकांक 139 देशों के लिए जारी किया गया था।
लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक
एलपीआई एक इंटरएक्टिव बेंचमार्किंग टूल है जो देशों को व्यापार रसद पर उनके प्रदर्शन में आने वाली चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने में मदद करने के लिए बनाया गया है। इसके द्वारा विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला कनेक्शन स्थापित करने में आसानी और इसे संभव बनाने वाले संरचनात्मक कारकों को मापा जा सकता है, रसद प्रदर्शन सूचकांक दो घटकों पर आधारित है-
- अंतर्राष्ट्रीय ऑपरेटरों का एक विश्वव्यापी सर्वेक्षण है जो व्यापार में सलग्न देशों की रसद या लॉजिस्टिक हेतु मित्रता को सूचित करता है।
- समुद्री नौवहन और कंटेनर ट्रैकिंग, डाक और हवाई माल ढुलाई गतिविधियों पर आधारित है जिसे कई डेटा भागीदारों द्वारा एलपीआई को उपलब्ध कराया।
लॉजिस्टिक की प्रभावशीलता का आंकलन, निम्न कारकों के आधार पर किया जाता है।
- सीमा नियंत्रण एजेंसियों द्वारा सीमा शुल्क सहित(यानी, गति, सरलता और औपचारिकताओं की भविष्यवाणी) निकासी प्रक्रिया की दक्षता ;
- व्यापार और परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता (जैसे, बंदरगाह, रेलमार्ग, सड़कें, सूचना प्रौद्योगिकी);
- प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले शिपमेंट की व्यवस्था करने में आसानी
- रसद सेवाओं की क्षमता और गुणवत्ता (उदाहरण के लिए, परिवहन ऑपरेटर, सीमा शुल्क दलाल);
- माल को ट्रैक और ट्रेस करने की क्षमता;
- निर्धारित या अपेक्षित डिलीवरी समय के भीतर गंतव्य तक पहुंचने में शिपमेंट की समयबद्धता(ड्वेल टाइम)।
रिपोर्ट में भारत की स्थिति
क्षेत्र | 2018 | 2023 |
लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक | 44 | 38 |
शिपमेंट | 44 | 22 |
रसद क्षमता और समानता | 52 | 48 |
बुनियादी ढांचा | 52 | 47 |
ट्रैकिंग व ट्रेसिंग | 41 | 38 |
लॉजिस्टिक के क्षेत्र में सुधार हेतु भारत के प्रयास
पीएम गतिशक्ति प्रधानमंत्री द्वारा लांच(2021) की गई एक योजना है जो बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं के एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी एकीकृत और निर्बाध प्रदान करेगी।
इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत को कम करना है।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति– 17 सितंबर 2022 को भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति का उद्घाटन किया। इस नीति का उद्देश्य़ घरेलू व निर्यात दोनों बाजारों में लॉजिस्टिक लागत को कम करना व भारतीय सामानों में प्रतिस्पर्धात्मक सुधार लाना है।
बुनियादी ढांचे में सुधार- 2015 के बाद से, भारत सरकार ने व्यापार से संबंधित सॉफ्ट और हार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया है, जो दोनों तटों पर पोर्ट गेटवे को भीतरी इलाकों में आर्थिक ध्रुवों से जोड़ता है।
नई तकनीकि – नई प्रौद्योगिकी की सहायता से सार्वजनिक व निजू भागीदारी सुनिश्चित किया जा सका है। इसके साथ ही NICDC लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज लिमिटेड कंटेनरों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग लागू करता है और कंसाइनीज़ को उनकी आपूर्ति श्रृंखला की एंड-टू-एंड ट्रैकिंग प्रदान करता है।
ड्वेल टाइम – भारत में जहाज का वर्तमान ड्वेल टाइम 2.6 दिन है। 2022 में भारत का ड्वेल टाइम 3 दिन, चीन का 5.5 दिन, अमेरिका का 7 दिन और जर्मनी का 10 दिन था।
किसी जहाज का ड्वेल टाइम, जहाज द्वारा किसी विशिष्ट बंदरगाह या टर्मिनल पर बिताया गया समय है। यह उस समय की मात्रा को भी संदर्भित कर सकता है जो एक कंटेनर या कार्गो एक जहाज पर लादे जाने से पहले या एक जहाज से उतारने के बाद एक बंदरगाह या टर्मिनल पर खर्च करता है।
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