अक्षय ऊर्जा

अक्षय ऊर्जा

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र

संदर्भ- कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा- कर्नाटक ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 1.3 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और जल्द ही हाइड्रोजन ईंधन के क्षेत्र में कार्य शुरु होगा।

अक्षय ऊर्जा- वे ऊर्जा के स्रोत जो कभी क्षय नहीं होते या जिनका पुनः निर्माण होता रहता है। जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, जैव ईंधन ऊर्जा आदि। वर्तमान में हो रहे प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण अक्षय ऊर्जा संसाधनों का प्रयोग आवश्यक समझा जा रहा है।

भारत में अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। स्वतंत्रता के समय भारत में 1362KW बिजली का उत्पादन होता था। आज देश में प्रति व्यक्ति खपत 1208 KW है। देश की आजादी से अब तक भारत में ऊर्जा के उत्पादन में बड़ा परिवर्तन देखा जा सकता है।

भारत में अक्षय ऊर्जा के स्रोत

सौर ऊर्जा- 

  • भारत सरकार के अक्षय ऊर्जा रिपोर्ट के अनुसार भारत में जून 2022 तक1529633.7 MW ऊर्जा संस्थापित की गई है। गुजरात राज्य छत पर सोलर पैनल (Roof top)सर्वाधिक क्षमता 30934 MW स्थापित है। वहीं कर्नाटक में जमीन पर सोलर पैनल (Ground mounted) सर्वाधिक क्षमता 288826.252 MW स्थापित हैं।
  • इसके साथ ही सौर ऊर्जा द्वारा बिजली उत्पादन क्षमता 57706 MW आंकी गई है।

पवन ऊर्जा-

  • भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में शुरु हुआ था।
  • अक्षय ऊर्जा रिपोर्ट के अनुसार भारत में पवन ऊर्जा क्षमता जून 2022 तक 1671920.54 है। पवन ऊर्जा की भारत में सर्वाधिक क्षमता महाराष्ट्र में 235037.34 MW है।

जल विद्युत शक्ति 

  • भारत में जल विद्युत क्षमता 60 % लोड फैक्टर पर यह संभावयता 84000 MW आंकी गई है।
  • 94000 समेकित क्षमता के 56 स्थलों की पहचान पंप स्टोरेज क्षमता के रूप में की गई है। 
  • भारत में छोटे जल विद्युत क्षमता जून 2022 तक 219349.26 MW आंकी गई है। जिसमें सर्वाधिक कर्नाटक में कुल 62990.23 MW क्षमता के जल विद्युत संयत्र हैं।

अक्षय ऊर्जा हेतु प्रयास-

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार विश्व में 2021 वर्ष में 295 GW की क्षमता बढ़ाई है। 
  • भारत सरकार ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन की शुरुआत की है।जिसके तहत 2022 तक 100 GW ऊर्जा का उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 60GW जमीन आधार्त तथा 40 GW छत आधारित ग्रिड होगी।
  • ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना लागू करना। इसके अनुसार पारंपरिक ऊर्जा संस्थानों के साथ अक्षय ऊर्जा संस्थानों को सिन्क्रोनाइज करना। 

http://akshayurja.gov.in/res/renew_regioncapacity_PDF

https://www.hindustantimes.com/cities/bengaluru-news/ktaka-inked-mous-worth-rs-1-3-lakh-cr-in-renewab

yojna daily current affairs hindi med 15 September

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