29 Mar अमोनिया युक्त यमुना नदी
अमोनिया युक्त यमुना नदी
संदर्भ- यमुना नदी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहती है। दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वजीराबाद में यमुना के जल में अमोनिया की मात्रा 5 पीपीएम तक पहुँच गई जबकि यमुना के जल शोधन की क्षमता 1 पीपीएम अमोनिया तक ही है जिस कारण स्वच्छ जल उत्पादन की मात्रा 10% से 50% तक कम हो गई है।
यमुना नदी-
- यमुना नदी, गंगा की एक सहायक नदी है, जो उत्तराखण्ड राज्य के उत्तरकाशी जनपद के यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है। और उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में इसका गंगा के साथ संगम हो जाता है।
- यमुना की सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिंधु, बेतवा व केन प्रमुख हैं।
- इसके साथ ही यह उत्तराखण्ड, हरियाणा व उत्तर प्रदेश राज्यों की क प्रमुख नदी है।
- यमुना भारत के कई प्रमुख नगरों की जीवन रेखा है, ये हैं- दिल्ली, आगरा, इटावा, कालपी और प्रयाग आदि।
अमोनिया-
- अमोनिया एक जहरीली गैस है, जो नाइट्रोजन के एक व हाइड्रोजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी है। इसे NH3 भी कहा जाता है।
- अमोनिया का इपयोग उर्वरकों, प्रशीतन व सफाई उत्पादों में किया जाता है।
- मानव शरीर में अमोनिया 15-45 माइक्रो ग्राम प्रति डीएल तक होती है।
- वायुमण्डलीय सल्फेट व नाइट्रेट के साथ मिलकर अमोनिया, पीपीएम 2.5 का निर्माण करती है। जिसकी अधिकता यमुना के जल में प्राप्त हो रही है।
यमुना में अमोनिया स्रोत-
- कृषि गतिविधियाँ- कृषि युक्त क्षेत्रों में अमोनिया युक्त रासायनिक उर्वरक, खाद, सिंथेटिक खाद का उपयोग करने पर अमोनिया का खतरा बढ़ जाता है, अमोनिया युक्त कृषि की मिट्टी का प्रवाह स्थानीय नदियों व जल स्रोतों से सम्पर्क होने पर जल में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है।
- उद्योगों द्वारा- अमोनिया का अधिकतर उपयोग उद्योगों में होता है। जिनके निक्षेप व अपशिष्ट का मानव से सम्पर्क होने पर व मानव शरीर को प्रभावित करते हैं।
- घरेलू उत्सर्जन – खाना पकाने, सफाई एजेंटों व चयापचय गतिविधियों और धूम्रपान जैसे स्रोत घरेलू अमोनिया उत्सर्जकों में योगदान दे सकते हैं।
- सीवेज स्रोत – सीवेज कचरे के प्रसंस्करण से बड़ी मात्रा में अमोनिया का उत्पादन हो सकता है। वजीराबाद बैराज से पहले अनुपचारित जल वाले 13 नाले यमुना में मिल जाते हैं।
- सीमेंट कंक्रीट – किसी भी निर्माण कार्य प्रयुक्त होने वाले सीमेण्ट कंक्रीट बड़ी मात्रा में अमोनिया का उत्पादन करते हैं। इसके साथ ही पेंट भी अमोनिया के स्रोत होते हैं।
अमोनिया युक्त जल के प्रभाव
- स्वास्थ्य पर प्रभाव- शरीर में अमोनिया की अधिकता से श्वसन संबंधी समस्याएं, आंख व त्वचा में जलन की समस्या हो सकती है।अमोनिया युक्त जल के सेवन से अमोनिया के संपर्क में आने वाले मुँह, गले व पेट में संक्षारक रूप से प्रभाव पड़ता है।
- जलीय जीवों पर प्रभाव- जल में अमोनिया की मात्रा 1 पीपीएम से अधिक होने पर जलीय जीवों जैसे मछलियों के लिए जल मारक हो सकता है। और जल बोर्ड के अनुसार यमुना में अमोनिया की मात्रा 5 पीपीएम तक है।
- अमोनिया जल में ऑक्सीजन की मात्रा को भी कम कर देती है।
- अमोनिया युक्त जल को पेयजल के रूप में परिवर्तित करने के लिए अमोनिया संशोधन प्लांट की आवश्यकता होती है। जो पेयजल की आपूर्ति हेतु सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक भार होता है।
दिल्ली जल बोर्ड
- दिल्ली जल बोर्ड का गठन एक अधिनियम के माध्यम से किया गया था।
- भाखड़ा भण्डारण, ऊपरी गंगानहर और भूजल जैसे पानी के स्रोतों से पानी का उपचार पीने योग्य पानी का वितरण करता है।
- इसके साथ ही वह सीवेज के संग्रह, उपचार व निपटान के लिए दिल्ली जल बोर्ड उत्तरदायी है।
जल उपचार संयंत्र- दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार नगर में निम्नलिखित जल उपचार संयंत्रों की स्थापना की गई है-
- वजीराबाद बैराज
- चंद्रावल जल उपचार संयंत्र
- मल जल उपचार संयंत्र ओखला
- सोनिया विहार
- हैदरपुर नांगलोई
- बवाना
- द्वारका
- पुनर्चक्रण संयंत्र
आगे की राह-
यमुना में अमोनिया के उत्पादन अर्थात जल प्रदूषण को रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए। यमुना में प्रदूषित जल को आने से पहले ही संशोधित किया जाना चाहिए। प्रत्येक जल स्रोत में प्रदूषित अपशिष्ट के अपवर्जन को रोका जा सकता है। इसके साथ ही अमोनिया युक्त उर्वरकों के स्थान पर जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
स्रोत
http://delhijalboard.nic.in/content/about-us-3
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