जनजाति खेल महोत्सव 

जनजाति खेल महोत्सव 

सिलेबस: जीएस 1 / भारतीय कला और संस्कृति

संदर्भ-

  • हाल ही में भुवनेश्वर के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में पहला जनजाति खेल महोत्सव आयोजित किया गया था।

प्रमुख बिंदु-

  • यह संस्कृति मंत्रालय, ओडिशा सरकार और केआईआईटी विश्वविद्यालय के बीच एक समन्वित प्रयास था।
  • इसमें 26 राज्यों के 5,000 आदिवासी एथलीटों और 1,000 अधिकारियों का जमावड़ा देखा गया।

स्वदेशी खेल-

  • खेल राज्य का विषय होने के कारण- देश में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने और पारंपरिक खेलों के विकास और संवर्धन के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है। केन्द्र सरकार उनके प्रयासों में सहायता करती है।
  • युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय-खेलो इंडिया- राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम स्कीम (खेलो इंडिया स्कीम) नामक एक केन्द्रीय योजना है जिसका एक घटक ग्रामीण और स्वदेशी/जनजातीय खेलों का संवर्धन विशेष रूप से देश में ग्रामीण और स्वदेशी/जनजातीय खेलों के विकास और संवर्धन के लिए समर्पित है।
  • इस योजना के अंतर्गत खेल को बढ़ावा देने के लिए मल्लखंब, कलारीपयट्टू, गतका, थांग-ता, योगासन और सिलंबम के स्वदेशी खेलों की पहचान की गई है।
  • इसके अलावा, मंत्रालय ने विभिन्न स्वदेशी खेलों नामत गतका, रोल बॉल, रस्साकशी, कलारीपयट्टू, थांग-ता, खो-खो, मल्लखंब, शूटिंग बॉल, स्क्वायर, कबड्डी, गिल्ली डंडा , सिक्किम तीरंदाजी, धूप खेल और कौड़ी खेल, पाइका अखाड़ा और छऊ और अखाड़ा कुश्ती, हेक्को, मिजोरम खेल सिलाबम, लागोरी और लंगड़ी को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने/पुनर्जीवित करने के लिए वृत्तचित्र भी बनाए हैं।

स्रोत: PIB

 

 

Original

Recently thefirst Janjatiya Khel Mahotsav was organized at the Kalinga Institute of Social Sciences, Bhubaneswar.

 

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