द केरला स्टोरी : मानव तस्करी की कहानी

द केरला स्टोरी : मानव तस्करी की कहानी

द केरला स्टोरी : मानव तस्करी की कहानी

संदर्भ- हाल ही में सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित और विपुल लाल द्वारा निर्मित फिल्म द केरला स्टोरी का ट्रेलर रीलिज किया गया है जिसमें केरल की नॉन इस्लामिक महिलाएं, इस्लाम धारण कर आइएसआइएस में शामिल हो रही हैं। फिल्म के निर्माता व निर्देशक द्वारा इसे सत्य घटनाओं पर आधारित बताया जा रहा है, जिसमें मानव तस्करी के मुद्दे को उजागर किया गया है। किंतु फिल्म द्वारा सांप्रदायिक द्वेष बढ़ने की संभावनाओं को देखते हुए केरल में कहीं कहीं इसका विरोध भी हो रहा है।   

मानव तस्करी- 

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जब मानव को अवैध रूप से शोषण या किसी अन्य लाभ के लिए भर्ती अथवा स्थानांतरण किया जाता है। उस घटना को मानव तस्करी कहा जा सकता है। संयुक्हत राष्ट्र के अनुसार हर उम्र और हर पृष्ठभूमि के पुरुष, महिलाएं और बच्चे इस अपराध के शिकार हो सकते हैं, जो दुनिया के हर क्षेत्र में होता है। पीड़ितों को नियंत्रित करने के लिए मानव तस्कर निम्न साधनो का प्रयोग कर सकते हैं-

  • हिंसा 
  • शिक्षा और नौकरियों की झूठी रोजगार एजेंसियां, 
  • शारीरिक और यौन शोषण, ब्लैकमेल,
  • भावनात्मक हेरफेर कर धर्मांतरण और विवाह
  • आधिकारिक दस्तावेजों को हटाने का उपयोग करते हैं। 

संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार ड्रग्स और यौन अपराध के माध्यम से दक्षिण एशिया में हर साल 150,000 से अधिक लोगों की तस्करी की जाती है – तस्करी पीड़ितों में महिलाएं और लड़कियां क्रमशः 44% और 21% हैं। जबरन श्रम, यौन शोषण और जबरन विवाह को क्षेत्र में तस्करी के सबसे आम रूपों के रूप में दर्ज किया गया है। द केरला स्टोरी में भावनात्मक हेरफेर और धर्मांतरण के माध्यम से नॉन इस्लामिक महिलाओं को भारत के केरल राज्य से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया में भेज दिया जाता है।

भारत में मानव तस्करी

भारत को मानव तस्करी का गढ़ माना जाता रहा है। भारत एशिया में मानव तस्करी के लिए स्रोत, पारगमन व गंतव्य का क्षेत्र रहा है। भारत में नेपाल व बांग्लादेश से मानव की तस्करी होती है और भारत से पश्चिमी एशिया, अमेरिका व यूरोपीय देशों में अवैध रूप से मानव तस्करी होती रही है। 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2017 में मानव तस्करी से संबंधित तथ्य 

  • 2016 में भारत में मानव तस्करी से संबंधित 8000 केस दर्ज किए गए, जिसमें से 23000 पीड़ितों को मु्त कराया गया, इसमें 182 विदेशी भी शामिल थे। 
  • मानव तस्करी के सर्वाधिक केस पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए। इसके बाद राजस्थान दूसरे स्थान पर रहा।
  • 2015 के रिकॉर्ड के अनुसार सर्वाधिक केस असम में दर्ज किए गए थे, इसके 2016 के आंकड़ों में भारी कमी देखी गई।
  • 2015 के आंकड़ों के अनुसार कुल पीड़ितों में से 58% पीड़ित, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियां थी। 

मानव तस्करी रिपोर्ट 2021 : भारत

  • क्राइम इन इंडिया 2019 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मानव तस्करी 2017 में 2854, 2018 में 1830 और 2019 में 2028 केस दर्ज किए गए थे। 
  • वर्ष 2019 में सरकार तस्करी के 600 केस में अभियोजन करवाया, 160 मामलों में 306 तस्करों को दोषी ठहराया गया। और 440 मामलों में 1329 संदिग्ध तस्करों को बरी कर दिया गया। मानव तस्करी के मामलों में बरी होने की प्रतिशतता 73% है।
  • 2019 में बीएलएसए के तहत बंधुआ मजदूरों के 1155 मामलों के आंकड़े प्राप्त हुए। 
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत में मानव तस्करी को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए। 

मानव तस्करी निषेध संबंधी प्रयास

महिल हेल्प डैस्क- भारत सरकार ने समस्त देश में महिलाओं की सहायता करने के लिए 10000 महिला हैल्प डैस्क स्थापित करने व महिलाओं को तस्करी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए धन आबंटित किया है। 

वन स्टॉप सेंटर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारत मे महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। 2020 तक भारत में लगभग 700 ओसीसी सेंटर कार्य कर रहे थे। 

संवैधानिक प्रावधान-

भारतीय दण्ड संहिता 370- इन अपराधों जैसे शोषण, यौन शोषण, दासता या दासता संबंधी किसी भी अपराध को दण्डनीय अपराधों की श्रेणी में रखा गया है, जिसमें मानव तस्करी भी शामिल है। इन अपराधों हेतु दण्ड-

  • भारतीय दण्ड संहिता 370 के तहत आए वयस्क संबंधीअपराधों में 10 वर्ष का कारावास
  • मानव तस्करी संबंधित बाल अपराध जैसे बाल श्रम, यौन अपराध में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक का दण्ड दिया जा सकता है। किंतु इसमें बाल श्रम या यौन अपराध, धोखाधड़ी आदि जबरन किया गया है ऐसा सिद्ध करना अनिवार्य है।

मानव तस्करी (निवारण, संरक्षण व पुनर्वास) बिल 2018  के तहत तस्करी के शिकार लोगों के बचाव व पुनर्वास का प्रबंधन करना था। इसके तहत-

  • यह राज्य , जिला व राष्ट्र स्तरीय जांच का प्रावधान करता है।
  • पीड़ितों को बचाने व छुड़ाने के लिए एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी।
  • बिल कुछ उद्देश्यों के लिए की गई तस्करी को तस्करी के ‘गंभीर’ (एग्रेवेटेड) प्रकार मानता है। इनमें बलात श्रम करवाने, बच्चे पैदा करने, भीख मंगवाने के लिए तस्करी करना शामिल है। और गंभीर प्रकार की तस्करी के लिए दण्ड की कठोरता को बढ़ाया जाएगा। 

पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स बनाम भारत संघ में न्यायालय के अनुसार बालश्रम को निषेध किया है और बाल श्रम की परिभाषा और अनुच्छेद 23 को विस्तृत करते हुए कहा है कि प्रत्येक वह श्रम जो बिना किसी पारिश्रमिक के करवाया जाता है और जिससे मानव गरिमा की हानि होती है, बाल श्रम है। अनुच्छेद 23 में मानव तस्करी को प्रतिबंधित किया गया है। 

अनैतिक व्यापार संशोधन विधेयक 2005- इस विधेयक में वैश्यावृत्ति में संलग्न महिलाओं को सुरक्षा दी गई है। किसी भी 18 वर्ष से कम आयु की बच्ची को इस व्यापार से संलग्न करना अवैध है। इसके साथ ही पुलिस द्वारा मुक्ति युक्त कारण के बिना उसका स्थानांतरण करवाना भी अवैध है।

चुनौतियाँ

  • विवाह और नौकरी से संबंधित धोखाधड़ी में पीड़ित को मानव तस्करी के जाल में फंसने का लंबे समय तक अहसास नहीं होता। इस प्रकार की धोखाधड़ी से पीड़ित को बचाना मुश्किल हो सकता है। 
  •  मानव तस्करी के लिए धर्म व रीति रिवाजों का सहारा लिया जाता है जिससे सामाजिक कुरीतियों को बढ़ावा मिलता है। सामाजिक परिवर्तन अदृश्य व धीमी प्रणाली है, समय पर अंकुश न लगाने पर कुरीतियों को दूर करना कठिन हो सकता है। 
  • महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, सुरक्षा के अभाव में ही इस प्रकार की तस्करी को बल मिलता है। 
  • भारत में बढ़ती जनसंख्या व रोजगार में कमी के कारण भी मानव तस्करी में संलग्न झूठी रोजगार एजेंसियों को बढ़ावा मिल रहा है। 

आगे की राह

  • महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अपराध से संबंधित सभी प्रकार की संभावनाओं से अवगत कराया जा सकता है जिससे धोखाधड़ी में फंसने से पूर्व ही वह जांच परख कर कार्य कर सके।
  • प्रत्येक जिले में रोजगार के नए साधनों की स्थापना के प्रयास किए जा सकते हैं। 
  • गुमशुदगी के केस की त्वरित जांच किए जाने प्रबंध किए जा सकते हैं, ताकि अपराध से पूर्व ही स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। 
  • विभिन्न राज्यों में मानव तस्करी कार्यबल की स्थापना की जा सकती है

स्रोत

https://epaper.thehindu.com/reader

WORLD BANK

hi.prsindia.org

yojna daily current affairs hindi med 1 May 2023

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