भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी

भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 3 के ‘  भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास, भारत में बैंकिंग प्रणाली एवं भारतीय बीमा उद्योग और भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख दैनिक करेंट अफेयर्स के अंतर्गत ‘ भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी ’  से संबंधित है।)

ख़बरों में क्यों ? 

 

  • हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने भारत में एक नई और महत्वाकांक्षी बीमा पॉलिसी का प्रस्ताव रखा है जिसे ‘बीमा विस्तार’ कहा जा रहा है। 
  • यह बीमा पॉलिसी ग्रामीण भारत के लोगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है।
  • भारत में बीमा विस्तार का मुख्य उद्देश्य भारत के आम नागरिकों के जीवन, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत दुर्घटना और संपत्ति बीमा को एक ही पॉलिसी में समाहित करना है। 
  • इस बीमा पॉलिसी की कीमत 1,500 रुपए प्रति पॉलिसी रखी गई है, जो इसे अत्यंत सस्ता, किफायती और आम नागरिकों  के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है।

 

बीमा विस्तार पॉलिसी क्या है ?

 

 

 

  • ‘बीमा विस्तार’ एक अनूठी बीमा पॉलिसी है जो बीमा ट्रिनिटी का हिस्सा है। 
  • यह जीवन, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत दुर्घटना और संपत्ति बीमा की संयुक्त सुविधाओं के साथ एक मूलभूत सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करती है। 
  • इस पॉलिसी का मकसद गांवों समेत देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी तक बीमा मुहैया कराना है। 
  • इस पॉलिसी के तहत, लाइफ, प्रॉपर्टी और पर्सनल एक्सिडेंट के मामले में 2-2 लाख रुपये का बीमा कवर मिल सकता है, और ‘हॉस्पिटल कैश’ के नाम से हेल्थ कवर भी मिलेगा, जिसमें बीमा कराने वाले को 5000 रुपये के बिल का कैशलेस भुगतान शामिल है। 
  • इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंटों को 10 प्रतिशत कमिशन दिया जा सकता है।
  • इस प्रकार, ‘बीमा विस्तार’ भारतीय बीमा बाजार में एक नवीन पहल है जो बीमा कवरेज को अधिक सुलभ और सस्ता बनाने का प्रयास करती है।

 

भारत में बीमा विस्तार की प्रमुख विशेषताएं : 

 

भारत में बीमा विस्तार की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है – 

  • जीवन बीमा प्रीमियम: ₹820
  • स्वास्थ्य कवर: ₹500
  • व्यक्तिगत दुर्घटना कवर: ₹100
  • संपत्ति कवर: ₹80

यदि पूरे परिवार के लिए फ्लोटर आधार पर बीमा कवर लिया जाता है, तो पॉलिसी की लागत ₹2,420 होगी। परिवार के अन्य सदस्यों के लिए ₹900 की अतिरिक्त राशि देय होगी।

बीमा कवर की राशि :

 

  • जीवन, व्यक्तिगत दुर्घटना, और संपत्ति कवर: ₹2 लाख
  • स्वास्थ्य कवर (अस्पताल नकद): 10 दिनों के लिए ₹500 प्रतिदिन, अधिकतम ₹5,000 बिना बिल या दस्तावेज के।

इसके तहत बीमा विस्तार पॉलिसी बेचने वाले एजेंट 10% का कमीशन अर्जित करते हैं, जिससे उत्पाद का व्यापक वितरण सुनिश्चित होता है और इसे अधिक से अधिक लोगों द्वारा अपनाया जा सकता है।

भारत में बीमा क्षेत्र के विस्तार के लाभ :

 

  1. वित्तीय समावेशन: उचित लागत पर विश्वसनीय बीमा सुविधा के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा।
  2. जोखिम संरक्षण: व्यक्तियों और परिवारों को विभिन्न जोखिमों और अनिश्चितताओं से सुरक्षा।
  3. बीमा पहुँच: देश में बीमा की पहुँच बढ़ाने के लिए एक व्यापक उत्पाद के रूप में मान्यता, जिससे सूक्ष्म बीमा उत्पादों की तुलना में इसका विक्रय आकार बड़ा होने की अपेक्षा है।

 

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) : 

 

 

 

  • भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) भारत में बीमा उद्योग के विनियमन और विकास के लिए जिम्मेदार एक स्वायत्त और वैधानिक संस्था है। 
  • यह संस्था IRDA अधिनियम, 1999 के अंतर्गत स्थापित की गई थी और इसका मुख्य कार्य बीमा और पुनर्बीमा गतिविधियों का प्रबंधन और नियमन करना है। 
  • IRDAI में एक अध्यक्ष सहित कुल 10 सदस्य होते हैं, जिनमें पाँच पूर्णकालिक और चार अंशकालिक सदस्य शामिल होते हैं।
  •  इसका मुख्यालय हैदराबाद में स्थित है।

 

भारत में बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) का मुख्य कार्य : 

 

 

 

भारत में बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) का महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं – 

  • बीमा पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना।
  • पॉलिसीधारकों के साथ उचित और न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित करना।
  • बीमा पॉलिसी जारीकर्त्ताओं की निगरानी करना ताकि जन सामान्य के हित प्रभावित न हों।
  • बीमा क्षेत्र का विकास करना : IRDAI बीमा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करता है और इसके लिए नई नीतियां और दिशा – निर्देश तैयार करता है।
  • पॉलिसीधारकों की शिकायतों का निवारण करना : इसका एक महत्वपूर्ण कार्य यह भी है कि यह  पॉलिसीधारकों की शिकायतों का निवारण करत है  और उनके संरक्षण के लिए भी कार्य करता है।
  • बीमा के प्रति भरोसा व्यवस्था को कायम रखना  : यह एक केंद्रीय भंडार है जो बीमा शिकायतों के डेटा को संग्रहित करता है और शिकायत दर्ज करने और उनकी स्थिति को ट्रैक करने के लिए एक प्रवेश द्वार प्रदान करता है।
  • IRDAI शिकायत कॉल सेंटर (IGCC) की व्यवस्था करना : भारत में यह पॉलिसीधारकों की शिकायतों को प्राप्त करता है और उसे दर्ज भी करता है, और पॉलिसीधारकों को उनकी शिकायतों की स्थिति को ट्रैक करने में मदद करता है।
  • बीमा लोकपाल  के लिए एक चैनल प्रदान करना : यह पॉलिसीधारकों को बीमा लोकपाल के बारे में शिक्षित करना जो शिकायतों के उचित निपटान के लिए एक चैनल प्रदान करता है।
  • इन कार्यों के अलावा, भारत में  IRDAI बीमा उद्योग में वित्तीय सुदृढ़ता और निष्पक्ष व्यवहार के उच्च मानकों को स्थापित करने, बढ़ावा देने, निगरानी करने और लागू करने का कार्य भी करता है।
  • यह पॉलिसीधारकों के वास्तविक दावों के शीघ्र निपटान को सुनिश्चित करने और दावों के निपटान की प्रक्रिया में गलत व्यवहार को रोकने का कार्य भी करता है।

 

भारतीय बीमा क्षेत्र की ऐतिहासिक विकास यात्रा :

 

 

 

  • सन 1950 में भारत सरकार ने भारतीय बीमा उद्योग का आरंभिक चरण को  राष्ट्रीयकरण करते ही भारत में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की नींव रखी थी।
  • 1990 का दशक : इस दशक में बीमा उद्योग में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया जब सरकार ने निजी क्षेत्रों के लिए इसे खोलने का निर्णय लिया। इस उद्देश्य से, सुधारों की सिफारिश करने के लिए एक समिति का गठन किया गया और बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की स्थापना हुई थी।
  • सन 2000 में भारत सरकार द्वारा भारत में विदेशी कंपनियों को भारतीय बीमा कंपनियों में 26% तक की हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिली। बाद में, इसे बढ़ाकर 49% तक कर दिया गया।

स्विस रे सिग्मा रिपोर्ट के अनुसार :

  • FY23 में, भारत की समग्र बीमा पहुँच 4.2% से घटकर 4% हो गई, जो कि वैश्विक बीमा पहुँच 6.8% की तुलना में कम है।
  • FY23 में, भारत का बीमा घनत्व 91 USD से बढ़कर 92 USD हो गया।

बीमा घनत्व का अर्थ है बीमा कंपनियों द्वारा एकत्रित किए गए प्रीमियम का देश की जनसंख्या से अनुपात, जिसे प्रायः अमेरिकी डॉलर में मापा जाता है। यह आंकड़ा देश के बीमा बाजार की गहराई और पहुँच को दर्शाता है।

 

भारत में बीमा विस्तार का निष्कर्ष और समाधान/ आगे की राह :

 

निष्कर्ष : 

 

  • भारतीय बीमा उद्योग ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय विकास दिखाया है। 
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, बीमा प्रवेश दर में वृद्धि हुई है और बीमा घनत्व भी बढ़ा है1। 
  • भारत में IRDAI द्वारा नए दिशा-निर्देशों के जारी करने से बीमा क्षेत्र में नवाचार और बीमा क्षेत्र में विस्तार को बढ़ावा मिला है।

 

समाधान की राह : 

 

 

 

 

बीमा क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ जैसे कम प्रवेश दर, उत्पाद नवाचार की कमी, धोखाधड़ी, प्रतिभा प्रबंधन, और डिजिटलीकरण की धीमी दर को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए जा सकते हैं – 

  1. जागरूकता और शिक्षा : भारत में बीमा के महत्व और लाभों के बारे में जन-जागरूकता अभियान चलाकर और शिक्षा के माध्यम से बीमा प्रवेश दर में सुधार किया जा सकता है।
  2. उत्पाद नवाचार का विकास कर : भारत में  बीमा पॉलिसीधारकों या ग्राहकों की विविध जरूरतों को पूरा करने के लिए नए और अनूठे बीमा उत्पादों का विकास करना होगा।
  3. धोखाधड़ी का निवारण करना : धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकने के लिए उन्नत तकनीकी समाधानों का उपयोग करना होगा।
  4. बीमा उद्योग में प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करना : बीमा उद्योग में प्रतिभाशाली पेशेवरों को आकर्षित करने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।
  5. डिजिटलीकरण की धीमी दर को दूर करना : भारत में बीमा प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लिए निवेश और नवाचारों को बढ़ावा देते हुए भारतीय बीमा उद्योग में डिजिटलीकरण की धीमी दर को दूर करना होगा।

 

आगे की राह : 

 

  • भारतीय बीमा उद्योग के लिए आगे की राह में तकनीकी नवाचार, ग्राहक-केंद्रित सेवाओं का विस्तार, और वित्तीय समावेशन के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता शामिल है। इसके अलावा, वैश्विक बीमा बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए नीतिगत समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी।
स्रोत – द हिन्दू एवं  इंडियन एक्सप्रेस।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में बीमा विस्तार पॉलिसी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसके तहत भारत के आम नागरिकों के जीवन, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत दुर्घटना और संपत्ति बीमा को एक ही बीमा पॉलिसी में शामिल करना है।
  2. इस बीमा पॉलिसी की कीमत मात्र 2500 रुपए है।
  3. बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  4. इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंटों को 10 प्रतिशत कमिशन दिया जाता है।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

A. केवल 1, 2 और 3 

B. केवल 2, 3 और 4 

C. केवल 2 और 4 

D. केवल 1 और 4 

उत्तर – D

 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1.भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के प्रमुख कार्यों को रेखांकित करते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत में बीमा क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियाँ क्या है और हाल ही में प्रारंभ किए गए बीमा विस्तार पॉलिसी इसका समाधान / निवारण कैसे करता है? ( UPSC CSE- 2023) ( शब्द सीमा -250 अंक – 15 ) 

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