विश्व स्वास्थ्य दिवस

विश्व स्वास्थ्य दिवस

 

  • प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस की मुख्य विशेषताएं:

  • इसके विचार की परिकल्पना वर्ष 1948 में आयोजित विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहली विश्व स्वास्थ्य सभा में की गई थी, जिसे वर्ष 1950 में लागू किया गया था।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस (7 अप्रैल, 1948) की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
  • पिछले कुछ वर्षों में इसने मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु देखभाल और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दों को प्रकाश में लाया है।

उद्देश्य:

  • इसका उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य और इससे संबंधित समस्याओं पर विचार-विमर्श करना और दुनिया में समान स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के बारे में जागरूकता फैलाना है।

  2022 के लिए थीम:

  • हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य।

महत्त्व:

  पर्यावरणीय कारणों से मृत्यु की घटनाओं में वृद्धि:

  • दुनिया भर में 13 मिलियन मौतें परिहार्य पर्यावरणीय कारणों से होती हैं।
  • इसमें जलवायु संकट भी शामिल है जो मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है।

 बढ़ता वायु प्रदूषण:

  • 90% से अधिक लोग जीवाश्म ईंधन के जलने से प्रदूषित प्रदूषित वायु में सांस लेते हैं।

महामारी का प्रभाव:

  • महामारी ने समाज के सभी क्षेत्रों में कमजोरियों को उजागर किया है और पारिस्थितिक सीमाओं को तोड़े बिना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समान स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध एक स्थायी कल्याणकारी समाज के निर्माण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

 बढ़ती चरम मौसम की घटनाएं:

  • चरम मौसम की घटनाएं, भूमि क्षरण और पानी की कमी लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर रही है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।

बढ़ता प्रदूषण और प्लास्टिक:

  • प्रदूषण और प्लास्टिक भी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं और इसने हमारी खाद्य श्रृंखला में अपनी जगह बना ली है।

 आय का असमान वितरण:

  • अर्थव्यवस्था का वर्तमान स्वरूप आय, धन और शक्ति के असमान वितरण की ओर ले जाता है, कई लोग अभी भी गरीबी और अस्थिरता में जी रहे हैं।

भारत में वर्तमान स्वास्थ्य कल्याण परिदृश्य:

  • हालांकि पिछले पांच वर्षों में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई है (22% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर), COVID-19 ने कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी और गुणवत्ता सेवा वितरण की कमी जैसी चुनौतियों को उजागर किया है।
  • भारत का स्वास्थ्य देखभाल व्यय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6 प्रतिशत है, जिसमें जेब खर्च के अलावा सार्वजनिक व्यय शामिल है।
  • केंद्र और राज्यों दोनों का संयुक्त कुल सरकारी व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 29% है।
  • स्वास्थ्य देखभाल पर भारत का खर्च ब्रिक्स देशों में सबसे कम है। ब्राजील सबसे अधिक (2%) खर्च करता है, उसके बाद दक्षिण अफ्रीका (8.1%), रूस (5.3%), चीन (5%) का स्थान आता है।
  • भारत सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की है, जो सरकार द्वारा प्रायोजित दुनिया की सबसे बड़ी गैर-अंशदायी स्वास्थ्य बीमा योजना है और माध्यमिक और तृतीयक सुविधाओं के साथ गरीब और कमजोर परिवारों को इनपेशेंट स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है।

स्वास्थ्य क्षेत्र की पहल:

  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना
  • प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना
  • भारत का स्वास्थ्य सूचकांक
  • समृद्ध कार्यक्रम

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